दिनांक 05 जून, 2021


अंक 804

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया जावरा सिविल अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिविल अस्पताल जावरा में जन-सहयोग से स्थापित हुआ ऑक्सीजन प्लांट, समस्याओं के निराकरण के लिए जनता की पहल और अनुकरणीय नेतृत्व क्षमता का उदाहरण है।  कोरोना की आपदा से निर्मित कठिन परिस्थितियों में स्थानीय स्तर पर जनता को राहत देने की भावना से किया गया यह कार्य कमर्ठता और जुनून का ही परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री चौहान जावरा के सिविल अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के लोकार्पण अवसर पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को निवास से संबोधित कर रहे थे। जावरा में आयोजित कार्यक्रम में वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद श्री सुधीर गुप्ता, श्री अनिल फिरोजिया तथा स्थानीय विधायक श्री राजेन्द्र पांडे उपस्थित थे।

ऑक्सीजन प्लांट से 10 लाख की आबादी को राहत

सिविल अस्पताल जावरा में स्थानीय विधायक श्री राजेन्द्र पांडे के प्रयासों और जन-सहयोग से 20 क्यूबिक प्रति घंटा की क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है। इससे 65 मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन मिल सकती है। इस प्लांट से 72 सिलेंडर प्रतिदिन भरे जा सकते हैं। कोरोना के कठिन काल में ऑक्सीजन व्यवस्था और प्लांट की स्थापना के लिए विधायक निधि, सांसद निधि के अतिरिक्त एक करोड़ से अधिक की राशि दानदाताओं से प्राप्त हुई। इस प्लांट के लग जाने से जावरा सहित क्षेत्र की दस लाख की आबादी को राहत मिलेगी।

वृक्षारोपण अवश्य करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लोकार्पण अवसर पर अपील की कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्लांट आरंभ हो रहा है, अत: प्लांट परिसर में वृक्षारोपण अवश्य किया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, परंतु कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन आवश्यक है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए जावरा सहित सभी अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाए जाएंगे।   जनता के सहयोग, क्रायसिस मैनेजमेंट समितियों और जन-प्रतिनिधियों की सक्रियता से ही तीसरी लहर को रोकना संभव होगा।    

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिरोंज पहुँचकर शोक संवेदना व्यक्त की

शोकाकुल परिवार का ढांढस बंधाया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सिरोंज पहुँचकर पूर्व मंत्री स्व. श्री लक्ष्मीकांत शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की है और शोकाकुल परिवार से मिलकर शोक संवेदनाएँ व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व. श्री लक्ष्मीकांत शर्मा के अनुज व सिरोंज विधायक श्री उमाकांत शर्मा को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से शोकाकुल परिवार को इस असहाय दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान पूर्व मंत्री स्व. श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की धर्मपत्नी और बच्चों से मिले और उनका ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री के साथ कृषि मंत्री श्री कमल पटेल भी मौजूद रहे। उन्होंने स्व. श्री शर्मा के प्रति शोक संवेदनाएँ व्यक्त की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गुरू गोलवलकर की पुण्य-तिथि पर माल्यार्पण किया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज निवास पर गुरु गोलवलकर जी की पुण्य-तिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। गुरू गोलवलकर का पूरा नाम माधव सदाशिवराव गोलवलकर था। 19 फरवरी 1906 में जन्मे श्री गोलवलकर ने डॉ. हेडगेवार के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक की जिम्मेदारी संभाली। उनका रूझान राष्ट्र संगठन कार्य की ओर प्रारंभ से ही रहा। स्वामी विवेकानंद के तत्वज्ञान और कार्य पद्धति से वे बहुत प्रभावित रहे। सक्षम भारत के निर्माण के लिए गुरू गोलवलकर ने अनेक कार्य क्षेत्रों में योगदान दिया। गुरू गोलवलकर का अवसान 5 जून 1973 को नागपुर में हुआ।

प्रदेश को ऑक्सीजन उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाया जायेगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव की रणनीति पर मंथन
अब पॉजिटिविटी दर एक प्रतिशत से भी कम
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रत्येक नागरिक को कोरोना अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए जागरूक किया जाए। हमारा प्रयास रहेगा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर नहीं आए। चिकित्सा विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना की तीसरी लहर सितम्बर, अक्टूबर  माहों में आ सकती है। अत: इलाज की पूरी तैयारी रखी जाए। चिकित्सालयों में बेड्स की उपलब्धता, ऑक्सीजन आपूर्ति में आत्म-निर्भरता, उपकरणों एवं दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता और भण्डारण, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ आदि के पदों में वृद्धि और प्रशिक्षण पर आधारित कार्य योजना पर कार्य किया जाए। प्रदेश को कोरोना संक्रमण की पीक के समय आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा को पूरा करने के लिए पूर्ण आत्म-निर्भर बनाया जाए।  

मुख्यमंत्री श्री चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर की सम्भावनाओं को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों के सुझाव भी लिये और पीड़ितों के इलाज और बचाव के लिये जन-सहयोग से अग्रिम कार्य-योजना पर चर्चा की। बैठक में कोर ग्रुप के मंत्री और अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्व के अन्य देशों और अपने देश के अन्य प्रांतों में कोरोना की तीसरी और चौथी लहर से उत्पन्न परिस्थितियों का अध्ययन किया जाए। इससे प्रदेश में तीसरी लहर से उत्पन्न स्थितियों का मुकाबला करने में आसानी होगी। चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में कमजोर रहेगी। विश्व के अन्य देशों में भी तीसरी लहर कमजोर थी। चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि तीसरी लहर में बच्चे अधिक संख्या में पीड़ित होंगे। इस अनुमान का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। इस अनुमान का आधार है बच्चों में वैक्सीनेशन नहीं होना और स्कूल-कॉलेज शुरू होने पर आपसी सम्पर्क का बढ़ना।

अस्पतालों में बेड्स उपलब्धता

बैठक में बताया गया कि शासकीय अस्पतालों में वर्तमान में उपलब्ध अलग-अलग श्रेणियों के बेड्स की संख्या बढ़ायी जा रही है। ऑक्सीजन बेड्स की संख्या 36 प्रतिशत बढ़ायी जा रही है। अगस्त 21 तक 19 हजार 130 ऑक्सीजन बेड्स की क्षमता प्राप्त कर ली जायेगी।

बच्चा वार्ड में ऑक्सीजन बेड की संख्या में 120 प्रतिशत की वृद्धि कर 2247 बेड्स की क्षमता हासिल की जाएगी। सभी बच्चा वार्ड में ऑक्सीजन की पाइप लाइन डाली जाएगी।

आई.सी.यू. एवं एच.डी.यू. बेड की संख्या में 32 प्रतिशत की वृद्धि की जाकर 5021 बेड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। बच्चों के लिये आई.सी.यू. बेड्स की क्षमता 99 प्रतिशत बढ़ाकर 1050 बेड्स की उपलब्धता हासिल की जाएगी। इन सभी श्रेणियों के बेड्स की संख्या बढ़ाने का कार्य कई ऐजेन्सियों को सौंपा जा रहा है।

ऑक्सीजन उत्पादन में आत्म-निर्भर बने प्रदेश

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन में प्रदेश के विभिन्न स्थानों में ऑक्सीजन प्लान्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें गति लाई जाये तथा शासन स्तर पर निरन्तर मॉनीटरिंग की जाये। सम्भावित तीसरी लहर के पहले मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन उत्पादन में पूर्ण रूप से आत्म-निर्भर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की भण्डारण क्षमता भी बढ़ायी जा रही है। बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश के लिये 78 पी.एस.ए. ऑक्सीजन प्लान्ट स्वीकृत किये गये हैं, जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रदेश में 33 स्थानों पर एल.एम.ओ टैंक स्थापित किये जा रहे हैं। जहाँ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का भण्डारण किया जा सकेगा। प्रदेश में स्थापित एयर सेपरेशन यूनिट की क्षमता 60 मी. टन से बढ़ाकर 129 मी.टन की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेशकों को भी प्रदेश में ऑक्सीजन प्लान्ट निर्माण के लिये प्रेरित किया जाए।

उपकरण

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 4 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का वितरण किया गया है। शीघ्र ही 2,500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के रखरखाव और इनका उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। वर्तमान में 2,112 एडल्ट एडवांस आई.सी.यू. वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। इसमें से 1,460 वेंटिलेटर का उपयोग बच्चों के लिए किया जा सकेगा। अन्य श्रेणियों के कुल 420 वेंटिलेटर भी बच्चों के लिए उपलब्ध हैं।

दवाइयाँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना और ब्लेक फंगस के इलाज के लिए आवश्यक सभी दवाइयों का भण्डारण और दवा सप्लाई करने वाली कम्पनियों से आवश्यक होने पर सतत दवा  आपूर्ति का एग्रीमेंट कर लिया जाए।  बैठक में बताया गया कि निर्देशानुसार आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

एम्बुलेंस

108 संजीवनी इएमएएस एम्बुलेंस की संख्या 1002 तक बढ़ाई जायेगी और जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस की संख्या 1050 तक बढ़ाई जायेगी।  एम्बुलेंस के इंतजाम के लिए निजी क्षेत्र से सहयोग लिया जायेगा।

चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ में वृद्धि

राज्य शासन के निर्देश पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के 904 पदों को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जायेगा। मेडिकल ऑफिसर्स के 466 पदों को भरनें के लिए साक्षात्कार लिये जा रहे हैं। जुलाई 21 तक इन पदों में नियुक्तियाँ कर दी जायेंगी। द्वितीय चरण में मेडिकल ऑफिसर के 576 पदों में नियुक्तियाँ की जायेंगी। इसी तरह डेंटल मेडिकल ऑफिसर्स के 68 पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है।  स्टाफ नर्सेस के 1020 पदों में  नियुक्तियाँ कर दी गई हैं। पैरा मेडिकल स्टाफ के 429 पदों को भी भरा जा चुका है। एएनएम के रिक्त 2913 पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। मेल स्टाफ नर्स के 222 नए पदों में भी भरती की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। हॉस्पिटल मैनेजर्स के 68 पदों को भी मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जायेगा। चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में 840 नर्सिंग स्टाफ को भर्ती किया गया है और 2378 रिक्त पद शीघ्र ही भरे जायेंगे। इन चिकित्सालयों में पैरामेडिकल स्टाफ के 855 पदों पर नियुक्तियाँ हो चुकी हैं और 1110 रिक्त पद शीघ्र ही भरे जायेंगे। नए नियुक्त कर्मचारियों को कौशल विकास विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।

पॉजिटिविटी दर 0.8 प्रतिशत

प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 0.8 प्रतिशत रही है। प्रदेश में कल 81 हजार 812 कोरोना टेस्ट किये गये, जिसमें से 718 नए कोरोना केस मिले हैं। एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या वर्तमान में 11 हजार 344 हो गई है। प्रदेश देश में 19 वें स्थान पर आ गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पीपल का पौधा लगाया

सीड बॉल्स और पौधों का किया वितरण

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्मार्ट सिटी पार्क में पीपल का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा आज किए गए पौधरोपण की फोटो को अंकुर वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत वायुदूत एप पर अपलोड किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोगी कम्पोस्ट खाद के लिए स्मार्ट सिटी पार्क में कम्पोस्ट पिट का निर्माण आरंभ किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्रीन प्लेनेट बायसिकल राइर्डस एसोसिएशन के प्रतिनिधि को सीड बॉल्स प्रदान कर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की अपील की। इसके साथ ही पौधों का वितरण कर प्रत्येक व्यक्ति से साल में एक बार पौधा लगाने की अपील भी की।

प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 0.8 प्रतिशत, कोरोना कर्फ्यू 15 जून तक जारी रहेगा - मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया से की चर्चा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। प्रदेश में कल 81 हजार टेस्ट हुए थे, जिनमें केवल 718 पॉजीटिव प्रकरण आए हैं। पॉजिटिविटी रेट अब घटकर 0.8 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश के पाँच जिले ऐसे हैं, जिनमें कल कोरोना का एक भी प्रकरण नहीं आया। हमें आशा है कि प्रदेश के कई जिले अगले कुछ दिनों में पूरी तरह कोरोना मुक्त हो जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान स्मार्ट सिटी पार्क में वृक्षारोपण के उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अभी इंदौर, भोपाल और जबलपुर में कोरोना के प्रकरणों की कुछसंख्या हैं, अभी लगातार सावधानी रखी जा रही है। अगर पाँच प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी दर होती है तो कोरोना संक्रमण नियंत्रण में माना जाता है। हम 0.8 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट पर पहुँच चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अभी भी जनता का सहयोग आवश्यक है। ग्राम, वार्ड, नगर और जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ अनलॉक की प्रक्रिया में पूरी सतर्कता बरत रही हैं। हमें कोविड अनुकूल व्यवहार अर्थात मास्क लगाना, दूरी बनाए रखना, बार-बार हाथ साफ करना आदि को अपनी आदत में शामिल करना होगा। दुकानदारों को भी दूरी बनाये रखने, दुकानों पर भीड़ नहीं लगने देने जैसी सावधानियों को अपनाना होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 75 हजार से 80 हजार तक टेस्ट कराए जायेंगे। हमारी कोशिश यह है कि किसी भी हिस्से में यदि संक्रमित व्यक्ति मिले तो उसकी पहचान तत्काल कर ली जाये। उन्हें अवश्यकतानुसार होम आयसोलेट कर अथवा कोविड केयर सेंटर में ले जाकर जरूरी इलाज आरंभ किया जाये। इसके साथ ही कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किल-कोरोना अभियान जारी रहेगा, इससे सर्दी, जुकाम, बुखार के प्रकरणों में तत्काल इलाज आरंभ किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी कोशिश यह है कि पूरी सावधानी रखी जाये, जिससे रोजगार और व्यापार भी चले और कोरोना संक्रमण भी नियंत्रण में रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि प्रदेश की जनता का सहयोग लगातार मिलता रहेगा। प्रदेशवासियों के संयम और सहयोग का मैं आभारी हूँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 15 जून तक कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा, इसमें आवश्यकतानुसार छूट दी जाएगी।

पौधा लगाने पर ही मिलेगी बिल्डिंग परमिशन : मुख्यमंत्री श्री चौहान

विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिए निर्देश
प्रदेशवासी साल में एक पौधा अवश्य लगायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जन-भागीदारी से वृक्षारोपण के लिए अंकुर अभियान का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब बिल्डिंग परमिशन इसी शर्त पर दी जाएगी कि मकान बनाने वाला व्यक्ति एक पेड़ अवश्य लगाएगा। नगर निगम हो, नगर पालिका, नगर पंचायत अर्थात जिस भी स्तर का नगरीय निकाय हो बिल्डिंग परमिशन के लिए पौधा लगाने की शर्त अनिवार्य होगी। घर पर जगह न होने की स्थिति में पार्क या सार्वजनिक स्थल पर पौधा लगाना और उसकी सुरक्षा करना आवश्यक होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज प्रदेशव्यापी अंकुर वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। निवास से वर्चुअली आरंभ इस कार्यक्रम में किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल उपस्थित थे। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा  एवं  पर्यावरण  मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने कार्यक्रम में वर्चुअली मंदसौर से सहभागिता की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 5 जिलों के अंकुर अभियान के जिला नोडल अधिकारियों से वी.सी. द्वारा संवाद किया। कार्यक्रम में हरदा में वृक्षारोपण गतिविधियों का फिल्म द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव ने अंकुर कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गाँवों में भी ग्राम पंचायतों की यह जिम्मेदारी होगी कि जो भी मकान बने, उसमें एक पेड़ अवश्य लगे। यह शर्त प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनने वाले आवासों पर भी लागू रहेगी। घरों के अलावा स्कूल, पंचायत भवन, खेत आदि में पेड़ लगाए जाएंगे। सरकारी भवनों और कार्यालयों के लिए भी यह शर्त रहेगी। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में जितने फ्लेट बनेंगे, उतने पेड़ बिल्डर को लगाने होंगे। सभी शासकीय, गैर-शासकीय भवनों के निर्माण में पेड़ लगाने की शर्त जोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि व्यक्ति स्व-प्रेरणा से भी पेड़ लगाएंगे, क्योंकि पर्यावरण सुधार हमारे लिए नारा नहीं मंत्र है।  

जन्म-दिवस और विवाह वर्षगाँठ जैसे मौकों पर करें वृक्षारोपण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से पर्यावरण बचाने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी प्रदेशवासियों को साल में एक बार पेड़ अवश्य लगाना चाहिए, क्योंकि पौधा रोपना जीवन रोपने के समान है। पेड़ ही जीवित ऑक्सीजन प्लांट है। पेड़ हमें जीवन देते हैं, एक बड़ा पेड़ कई पक्षियों, जीव-जंतुओं को आश्रय प्रदान करता है। प्रत्येक पेड़ की पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भूमिका है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से हर खुशी के मौके, जन्म-दिन, विवाह वर्षगाँठ और माता-पिता व अपने प्रिय व्यक्तियों की पुण्य-तिथि पर उनकी याद में एक पौधा लगाने की अपील की।

अंकुर कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जन-सहभागिता से वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए अंकुर कार्यक्रम आरंभ किया गया है। बुद्ध पूर्णिमा 26 मई को इसके लिए वायुदूत एप लाँच किया गया है। इस कार्यक्रम में अब तक 15 हजार से अधिक प्रतिभागियों द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया गया है। लगभग 2,500 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा वृक्षारोपण कर एप पर उसके फोटो अपलोड किए गए हैं। जो पेड़ लगाएंगे उन्हें वृक्ष वीर और वृक्ष वीरांगना की संज्ञा दी जाएगी। इनमें से चयनित प्रतिभागियों को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवाड़ी जिले में अब तक सबसे अधिक पंजीयन होने पर जिले के अधिकारियों तथा प्रतिभागियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि हमें धरती बचानी है और धरती को आने वाली पीढ़ियों के रहने लायक रखना है तो पर्यावरण बचाना आवश्यक है। इसके लिए पेड़ लगाना, नदियों को बचाना आवश्यक है।

वृक्षारोपण से 400 एकड़ क्षेत्र में हुआ घना वन विकसित

कार्यक्रम में हरदा जिले में रूपारेल नदी के किनारे श्री गौरी शंकर मुकाती की पहल पर हुए वृक्षारोपण पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। श्री मुकाती 1990 से वृक्षारोपण के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयासों से रूपारेल नदी के आसपास लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में घना वन विकसित हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान से वर्चुअली चर्चा में श्री मुकाती ने सुझाव दिया कि जैसे सड़क की सुरक्षा के लिए दोनों ओर शोल्डर बनाए जाते हैं वैसे ही नदियों के दोनों ओर पेड़ लगाना अनिवार्य करना होगा। इससे खेतों में डाले जाने वाले कीटनाशक और रसायनिक खाद का नदी में बहाव और मिट्टी का कटाव रूकेगा। नदियाँ उथली नहीं होंगी, जिससे जल्दी बाढ़ आने की समस्या से भी राहत मिलेगी और नदियाँ सदानीर होकर बहेंगी।    

सात साल की कोपल ने तो ब्रान्ड एम्बेसेडर जैसा काम किया

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अंकुर अभियान के प्रतिभागियों से बातचीत भी की। रायसेन की सात वर्षीय कोपल श्रीवास्तव ने बताया कि उसके माता-पिता ने पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेटी को ऐसे संस्कार और प्रेरणा देने के लिए माता-पिता को धन्यवाद देते हुए कहा कि सात साल की कोपल ने तो ब्रान्ड एम्बेसेडर जैसा काम किया है। रायसेन के ही रितिक धाकड़ ने बताया कि उसे अभियान के बारे में ट्वीटर से जानकारी मिली और देश के लिए कुछ करने की भावना से उसने पौधा लगाया है।

बच्चों के समान करते हैं पेड़ो की परवरिश

सीहोर के श्री तरूण सोलंकी ने बताया कि वे उद्यानिकी में रूचि रखते हैं और अपने बच्चों के समान पेड़ो की परवरिश करते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तरूण जी से कहा कि वे अन्य लोगों को भी अंकुर अभियान से जोड़ें। सीहोर के श्री पवन कुमार जैन और दतिया की श्रीमती श्वेता गोरे ने भी मुख्यमंत्री से बात की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को रोज एक पौधा लगाते देख मिली वृक्षारोपण की प्रेरणा

दतिया के श्री संतोष उपाध्याय ने बताया कि वे निजी स्कूल संचालक हैं। दतिया के सभी निजी स्कूल संचालकों ने अंकुर अभियान के अंतर्गत पौधरोपण का प्रण किया है। गुना की सुश्री सुनीता अग्रवाल ने कहा कि वे मुख्यमंत्री श्री चौहान को रोज एक पौधा लगाते हुए देखती हैं इससे प्रेरित होकर ही वे अभियान से जुड़ीं। मंडला के श्री जितेंद्र चंद्रोल ने बताया कि उन्होंने पत्नी तथा माँ के जन्म-दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण किया। मंडला की ही सुश्री रिया हरहदा ने कहा कि शिक्षकों की प्रेरणा से वे वृक्षारोपण की दिशा में सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रिया को कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण के लिए अभियान चलाने का सुझाव दिया।

जहाँ रहें प्रकृति का सम्मान करें - शिवराज सिंह चौहान

विश्व पर्यावरण दिवस पर आप सभी को शुभकामनायें। पर्यावरण को बचाना सिर्फ एक दिन का काम नहीं है। यह हमारे दैंनदिन जीवन का अभिन्न अंग है। पर्यावरण की रक्षा यानी पृथ्वी को बचाने और उसे समृद्ध करना अपने-अपने जीवन को खुशहाल तथा समृद्ध बनाना है। समाज केवल मनुष्यों का समूह नहीं होता। पशु, पक्षी, नदियां, तालाब, समुद्र, पहाड़, वायु, प्रकाश, बाग, बगीचा, जंगल, सब मिलकर किसी समाज का निर्माण करते हैं। किसी जीवंत समाज की रचना इन सबके सहअस्तित्व से ही संभव हैं। हमारे जीवन में पर्यावरण इसीलिये बहुत मायने रखता है।

पर्यावरण दिवस मनाना केवल रस्म अदायगी नहीं है, यह संकल्प लेने और उसे पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने का दिन है। संकल्प धरा को बचाने, संवारने का, प्रकृति और जीव जन्तुओं की रक्षा का और मानव को प्रकृति से जोड़ने का। आज हम जिस दौर से गुजर रहे हैं वहां पर्यावरण की रक्षा का सवाल अहम हो गया है। जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत के क्षरण ने मनुष्य के अस्तित्व पर एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। इससे बचने का उपाय कल पर नहीं छोड़ा जा सकता। हमें आज और अभी पूरी सतर्कता व संजीदगी के साथ इन खतरों का मुकावला करने के लिये जुट जाना होगा। यही मानवीयता है और मानव सेवा है।

हमारी भारतीय संस्कृति में पौधों का रोपण शुभ कार्य माना गया है। भारतीय उपासना पद्धति में वृक्ष पूज्यनीय है क्योंकि उन पर देवताओं का वास माना गया है। विनाश से बचने के लिये समाज को प्रकृति-आराधना को परंपरा को पुनर्जीवित करते हुये वृक्षों के साथ जीना सीखना होगा।

कोरोना के प्रकोप से हालांकि हम उबरते जा रहे हैं लेकिन इससे समाज को मुक्त रखना तभी संभव होगा जब हम अपने पर्यावरण को बचाये रखेंगे। पेड़ लगाना आज की नहीं भविष्य की जरूरतों को पूरा करता है। पेड़ लगाकर हम अपना अपनी पृथ्वी का भविष्य हरा-भरा करते हैं। याद रखें कि बाग-बगीचे, जंगल हरियाली केवल मनुष्य के लिए ही जीवनदायिनी नहीं है अपितु जीव-जंतु, पशु-पक्षी आदि के जीवन का आधार है।

खुशी के हर मौके पर पौधारोपण कर अपनी खुशी के साथ अपनी धरती को हरा-भरा बनायें। जन्मदिन पर भी पौधारोपण करें और पूरे समाज को प्रकृति बचाने और उससे प्रेम करने का संदेश दें। अपने खोये हुए प्रियजनों की स्मृति को पौधा लगाकर चिरस्थायी बनायें। इतना ही नहीं किसी अतिथि का स्वागत पौधों से करें। उपहार देने का अवदान भी पौधों को बनायें।

मैंने हर दिन एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है और पूरे साल मैं प्रतिदिन एक पौधा न केवल लगाऊंगा बल्कि उसकी रक्षा भी करूंगा, उसे वृक्ष बनते देखूंगा। समूचे ब्रह्मांड की रक्षा में यह मेरा छोटा सा विनम्र प्रयास है। आज मैं आपसे आव्हान करता हूं कि पर्यावरण, प्रकृति, जीव जन्तुओं, पशु-पक्षियों, नदी, तालाबों, बाग-बगीचों की रक्षा करने, उन्हें संवारने व समृद्ध करने में जुट जायें।

मैं यह नहीं कहता कि आप रोज एक वृक्ष लगायें लेकिन परिवार के साथ एक वृक्ष लगाकर उसे रोज खाद पानी दें, उसे बड़ा होते देखना कितना आनंद देता है, यह महसूस करने वाली बात है। यह ठीक अपने बच्चे का लालन-पालन करने उसे बड़ा करने का सुख देने वाला है। तिस पर यदि आप फलदार वृक्ष लगायें और जब उसमें फल आने लगेगा तो आप उसे देखकर ही गदगद हो जायेंगे। वृक्ष लगाना आत्म आनंद तो है ही, अपने परिवार और आसपास के लोगों को प्रकृति प्रेम का संस्कार देना भी है। आपका प्रयास पूरी मानवता को हरियाली की छठा से अच्छादित कर देगी। यह सब मैं अपने अनुभव से कह रहा हूं। वृक्ष लगाना किसी सृजन से कम नहीं है। आइये हम सृजन का आनंद अपने और अपने आसपास के लोगों तक फैलायें, पर्यावरण को बचायें, धरती को बचायें और मानव जीवन को खुशहाल बनायें।

विश्व पर्यावरण दिवस पर "रीजनेरेटिव टूरिज्म" पर वेबिनार आयोजित

ट्रेवल, टूरिज्म और पर्यावरण के क्षेत्र के विख्यात वक्ताओं ने रखे विचार

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों ही स्तरों पर पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करें तो मध्यप्रदेश देश के सबसे सक्रिय राज्यों में से एक है। वर्तमान समय में पर्यटन की गतिविधियों को पर्यावरण से इस तरह से एकीकृत करने की आवश्यकता है जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय स्तर पर सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास हो सकें। यह बात प्रमुख सचिव, पर्यटन और संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 'रीजनरेटिव टूरिज्म' विषय पर आयोजित वर्चुअल वेबिनार को संबोधित करते हुए कही।

श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि दुनिया ने पिछले दस वर्षों में कई चिंताजनक बीमारियों का प्रकोप देखा है, जिनमें सार्स, मर्स, जीका और इबोला जैसे जानलेवा इन्फेक्शन शामिल हैं। यह इस बात का संकेत हैं कि हमे बीमारियों से बचने के लिए पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की ओर ध्यान देना होगा। ट्रेवल और टूरिज्म में हमे बदलती दुनिया के अनुरूप नए मानकों और बदलाव को शामिल करना होगा जो पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक विकास का वाहक बने।

श्री शुक्ला ने कहा की यह वेबिनार पर्यावरण और स्थानीय समुदाय की भलाई सुनिश्चित करते हुए सभी हितधारकों को लाभान्वित करने और पर्यटन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर केंद्रित था। उन्होंने बताया कि ट्रेवल और टूरिज्म सेक्टर भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 7 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है, इसलिए यह सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है कि यह क्षेत्र धारणीय प्रथाओं को अपनाए और साथ ही इसका लाभ स्थानीय समुदायों को भी दे। मध्यप्रदेश में इसे ध्यान में रखते हुए वेलनेस एंड माइंडफुल टूरिज्म, केव एंड रॉक आर्ट टूरिज्म, ईको फ्रेंडली टूरिज्म, रूरल टूरिज्म और एग्रीकल्चर टूरिज्म जैसी अवधारणाओं पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही रूरल होम स्टे, ट्रेवल ट्रेल्स जैसे नए नवाचार भी शामिल किए गए हैं।

सभी वक्ताओं ने वेबिनार के दौरान इस बात पर जोर दिया कि 'रीजनरेटिव टूरिज्म'( Regenerative Tourism) दुनिया भर में एक बड़े आंदोलन का हिस्सा है। क्योंकि पर्यटक प्रकृति की ओर लौटने की जीवन शैली अपना रहे हैं और होटलों से भी पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने की मांग करते हैं। पैनलिस्टों ने बताया कि कोरोना समय में पर्यटकों की मानसिकता में एक अलग बदलाव देखा गया हैं। अब हर पर्यटक एक-दूसरे, समुदाय और प्रकृति के साथ संपर्क में लौटना चाहता है, इसी के अनुरूप हमे भी ट्रेवल और टूरिज्म के क्षेत्र में भी बदलाव करने होंगे।

ऑनलाइन वेबिनार में ट्रेवल, टूरिज्म और पर्यावरण के क्षेत्र के विख्यात वक्ताओं ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिसमे डब्ल्यूटीएम( WTM) के रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म एडवाइजर डॉ. हेरोल्ड गुडविन, कृषि पर्यटन विकास कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री पांडुरंग तवारे, इंडेको लेज़र होटल्स के चेयरमैन और एमडी श्री स्टीव बोर्गिया सहित जहांनुमा वाइल्डरनेस के निदेशक और सीईओ श्री अली राशिद, वाइल्डलाइफ प्रेजेंटर, फिल्म निर्माता और संरक्षणवादी श्री सुयश केशरी शामिल है। वेबिनार में भारत और विदेशों के यात्रियों, मीडिया, होटल और रिसॉर्ट मालिक, ट्रेवल एजेंट, छात्र, पर्यावरणविद और पर्यावरण व प्रकृति प्रेमी भी ऑनलाइन शामिल हुए।

प्रकृति से जुड़ाव ही हमारी प्राचीन संस्कृति रही है : डॉ. मिश्रा 

 गृह मंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस पर दतिया में लगाये पौधे

 हमें अपनी प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता अनुसार  प्रकृति से प्रगाढ़ संबंधों को बनाये रखना होगा। इसके लिए हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शनिवार को दतिया में अंकुर कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित पौध-रोपण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने विभिन्न प्रजातियों के पौधे भी रोपित किए।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि आधुनिकीकरण की दौड़ एवं अपने स्वार्थ के कारण हम जंगलों को काटते जा रहे हैं। किसी समय में जहाँ जंगलों में हरे-भरे वृक्ष दिखाई देते थे, आज जंगलों में खाली जमीन देखने को मिल रही है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि पर्यावरण को शुद्ध रखने में वृक्षों का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि वृक्ष हमें प्राणवायु के रूप में निःशुल्क ऑक्सीजन देते हैं।

 डॉ. मिश्रा ने कहा कोरोना काल में हम वृक्षों के महत्व को भली-भाँति समझ चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रकृति से जुड़े रहते हैं, वह कम बीमार देखने को मिलते हैं। यही कारण है कि शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के प्रकरण कम देखने को मिले। गृह मंत्री ने लोगों से कहा कि हमें ऐसी प्रजाति के पौधे लगाने हैं, जो हमारे जीवन में लाभदायक हों। पीपल, तुलसी एवं बरगद के पौधे लगाने से हमें चौबीस घंटे ऑक्सीजन प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम अपनी संस्कृति एवं प्रकृति का संरक्षण करते हुए अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संतुलन में अपना योगदान दें एवं अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर प्रकृति से जुड़े रहें।  

डॉ. मिश्रा ने पुलिस लाइन वार्ड नम्बर-36, थाना कोतवाली, सखी बाबा मुक्तिधाम  हाईवे पर सिंधी समाज और बड़ौनी में आयोजित पौध-रोपण कार्यक्रम में भाग लिया।

डॉ. मिश्रा ने वृद्धाश्रम का किया शुभारंभ

डॉ. मिश्रा ने दतिया के वार्ड क्रमांक-36 में बाल प्रगति संस्थान द्वारा संचालित  वृद्धाश्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने वृद्धजनों से चर्चा की और उन्हें कोरोना से बचाव के लिये आयुर्वेदिक काढ़ा भी पिलाया।

इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. आशाराम अहिरवार, श्री सुरेन्द्र बुधौलिया, श्री योगेश सक्सैना, श्रीमती मीनाक्षी कटारे, श्री विनय यादव, श्री गोविन्द ज्ञानानी, श्री संतोष कटारे, श्री पिंकी सगर, श्री मान सिंह कुशवाह सहित अन्य जन-प्रतिनिधि तथा अधिकारी उपस्थित रहे।

नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) मीडिया बुलेटिन

अंकुर अभियान के प्रति सभी जिलों में दिखा विशेष उत्साह

सभी वर्गों ने पौध-रोपण कर संरक्षण का लिया संकल्प

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आव्हान पर आज विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रदेश के सभी जिलों में जन-भागीदारी से बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यावरण के प्रति आम नागरिकों को जागरूक करने और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े सकारात्मक कार्यों के लिये प्रेरित करने प्रांत-व्यापी वृक्षारोपण का वृहद अभियान 'अंकुर'' का शुभारंभ किया। अभियान में प्रदेश के सभी 52 जिलों में जन-प्रतिनिधियों, अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की।

अंकुर अभियान को व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिये मंत्रि-परिषद के सभी सदस्यों और जन-प्रतिनिधियों ने पौधे रोप कर उनके संरक्षण का संकल्प लिया। साथ ही आम नागरिकों ने भी पौध-रोपण में रुचि दिखाई। प्रांत-व्यापी अंकुर अभियान में जन-सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये 'वायु एप'' पर लोगों ने अपना पंजीयन करवाया है और स्वयं के द्वारा रोपे गये पौधे का फोटो एप पर डाउनलोड किया है। आमजन को पर्यावरण के प्रति सजग और प्रेरित करने के लिये राज्य शासन ने सहभागिता प्रमाण-पत्र और चयनित प्रतिभागियों को सम्मानित करने का निर्णय भी लिया है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रदेशवासियों को दिये संदेश में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वातावरण को शुद्ध रखने और प्राण-वायु ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिये अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाये। इसके लिये प्रदेश में एक नवाचार की घोषणा भी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई। इस नवाचार में यह तय किया गया है कि अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण की स्वीकृति इस शर्त पर दी जायेगी कि भू-स्वामी को एक पौधा अवश्य लगाना होगा। प्रधानमंत्री आवास और सरकारी कार्यालय एवं भवनों में भी पौधा लगाने की शर्त रहेगी। मल्टी स्टोरी भवन में जितने फ्लेट होंगे, उसके हिसाब से बिल्डर को पौधे लगाना होंगे।

इस नवाचार से जहाँ एक ओर पर्यावरण के संतुलन को बनाये रखने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर वातावरण में प्राण-वायु ऑक्सीजन का उत्सर्जन भी बढ़ेगा।

आज प्रदेश के सभी 52 जिलों में वृक्षारोपण के प्रति जो जन-सहयोग देखने को मिला है, यह क्रम इसी प्रकार चलता रहा तो मध्यप्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चारों ओर हरियाली होगी, जो प्रदेशवासियों के जीवन को अनेक संकटों से बचायेगी।

मेपकॉस्ट द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार नवीन पर्यावरण पोर्टल का किया शुभारंभ

पर्यावरण को बचाने के लिए कार्बन उत्सर्जन रोकना जरूरी : मंत्री श्री सखलेचा
नवीन पर्यावरण पोर्टल का किया शुभारंभ

पर्यावरण बचाने के लिए कार्बन उत्सर्जन रोकने की दिशा में ध्यान फोकस करने की आवश्यकता है और इस दिशा में प्रयास शुरू हो चुके हैं। सरकारें इस दिशा में निरन्तर आगे बढ़ रही हैं तथा हमें पर्यावरण का शोषण करने से बचना चाहिये। यह बात शनिवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने विश्व पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित करते हुए कही।

वेबिनार का आयोजन मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, विज्ञान भारती, मध्य भारत प्रांत, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि एवं नर्मदा समग्र न्यास के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। वेबिनार का विषय -‘पारिस्थितिकी तंत्र की पुनः बहाली’था। इस अवसर पर नवीन पर्यावरण पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया।

मंत्री श्री सखलेचा ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान पिछले छह महीनों से प्रतिदिन एक वृक्ष लगा रहे हैं, जो यह रेखांकित करता है कि वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति अत्यधिक सजग हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यावरण और अध्यात्म पर वेबिनार कर साधु-संतों और विद्वानों के विचारों को प्रदेशवासियों के बीच पहुँचाया है।

श्री सखलेचा ने कहा कि पर्यावरण प्रेमी श्री अनिल माधव दवे के व्याख्यान प्रेरणादायी और मार्गदर्शन प्रदान करने वाले होते थे।

विज्ञान भारती, नई दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे ने अतिथि उद्बोधन में कहा कि कोरोना वायरस का फैलाव उन स्थानों पर अधिक हुआ, जहाँ जैव विविधता कम हो चुकी है। लेकिन उन मानव आबादी वाले स्थानों पर जहाँ समृद्ध जैव-विविधता है, कोरोना वायरस का प्रकोप नहीं दिखा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की थीम ‘पारिस्थितिकी तंत्र की पुर्नबहाली’ ईको सिस्टम रेस्टोरेशन है। यह इस दशक का पहला वर्ष है। आगामी नौ वर्षों तक इसी थीम का विस्तार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य पर्यावरण का अंग है। उसे इसके अच्छे संरक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये।

अखिल भारतीय पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष श्री गोपाल आर्य ने कहा कि प्राचीन भारतीय परम्परा में, तीज-त्योहारों में और हमारे राष्ट्र गीत वंदे मातरम में स्वस्थ पर्यावरण पर विशेष जोर दिया गया है। लेकिन अब पर्यावरण असंतुलन चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए छोटे-छोटे प्रयोगों की जरूरत है। ऐसे प्रयोग जिन पर पैसा खर्च नहीं होता।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि विकास की अनियंत्रित दौड़ और आधुनिक जीवन-शैली से पर्यावरण को क्षति पहुँची है। पर्यावरण को मनुष्य और जीव-जगत के साथ सह-अस्त्त्वि से बचाया जा सकता है।

इस अवसर पर परिषद के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार आर्य ने नवीन पर्यावरण पोर्टल की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने हरित संकल्प के उद्देश्यों से भी अवगत कराया। विज्ञान भारती, भोपाल की अध्यक्ष डॉ. तृप्ता ठाकुर ने स्वागत उदबोधन दिया। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के श्री अनिल कुमार ने धन्यवाद उदबोधन दिया।

सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने पुलिस को 42 लेज़र स्पीड गन कराईं उपलब्ध - एडीजी श्री सागर 

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान  श्री डी.सी. सागर ने बताया है कि  राजमार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा निरंतर आवश्यक कदम उठाए
जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीटीआरआई द्वारा जिलों की पुलिस को 42 लेजर स्पीड गन वितरित की गई हैं। 

एडीजी श्री सागर ने बताया कि लेजर स्पीड गन से सड़कों पर निर्धारित गति से अधिक तेज़ गति से चलने वाले वाहनों की गति को आधुनिक टेक्नोलॉजी से दूर से ही पढ़ा जा सकेगा और उस डेटा की प्रविष्टि  की जा सकेगी। यह यंत्र  लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर चल रहे वाहन की दूरी नाप सकता है, साथ ही आधा किलोमीटर से दूरी और गति दोनों नाप सकता है। इस प्रकार निर्धारित गति से अधिक तेज़ गति से चलने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध औचक वैधानिक चालानी कार्यवाही सुनिश्चित हो सकेगी।

श्री सागर ने बताया कि  राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2019 में देश की  संपूर्ण सड़क दुर्घटनाओं में गति सीमा  का उल्लंघन कर वाहन चलाने से सड़क दुर्घटनाओं का प्रतिशत 71.1% है, जिनमें मृतकों का 67.3% और 72.4% घायलों का है। साथ ही वर्ष 2019 में देश की  संपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों में सड़क दुर्घटनाओं में गति सीमा  का उल्लंघन कर वाहन चलाने से सड़क दुर्घटनाओं का प्रतिशत 73.5% एनएचएआई की सड़कें, 68.7 पीडब्ल्यूडी की सड़कें और 63.2% अन्य सड़कों   का योगदान है। अतः यह अत्यंत अवश्यक है कि राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों पर यातायात का प्रबंधन प्रभावी और उन्नत तकनीकी से युक्त हो। उन्होंने कहा है कि शीघ्र ही पीटीआरआई लेज़र स्पीड गन के उपयोग और लाभ से संबंधित वर्चुअल ट्रेनिंग के माध्यम से जिलों के पुलिस अधीक्षकों और उनके अधीनस्थ ट्रैफिक पुलिस को योजनाबद्घ  तरीके से देगा।

विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य मंत्री श्री परमार ने किया त्रिवेणी का रोपण

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भोपाल स्थित शासकीय आवास में (बरगद,नीम, पीपल) त्रिवेणी का रोपण किया और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। श्री परमार ने कहा कि पर्यावरण मानव के जीवन से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय है और इसका संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। 

श्री परमार ने बताया कि कि नीम, पीपल और बरगद इन तीनों को समान गुणी होने के कारण त्रिवेणी कहा जाता है। नीम, पीपल और बड़ पर्यावरण को सबसे अधिक शुद्ध बनाते हैं।

श्री परमार ने कहा कि सर्व रोग निवारिणी कही जाने वाली यह त्रिवेणी बड़ी होकर वटवृक्ष का रूप धारण करती है तो यह मानव के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं मानी जाती। इसके फल, बीच, तेल, पत्ते और जड़ तक में बीमारियों से लड़ने के गुण हैं। इससे न केवल फल, छाया और लकड़ी मिलती है बल्कि इनसे प्राप्त होने वाली जड़ी-बूटियों से अनेक रोगों जैसे डायबिटीज, मानसिक तनाव, त्वचा रोग, पथरी, बुखार, पायरिया के इलाज से साथ यह एक जहरनाशक के रूप में भी इस्तेमाल की जाती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए।

मंत्री श्री सखलेचा ने किया विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण

सूक्ष्म,लघु मध्यम उद्यम तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 'अंकुर' कार्यक्रम के तहत नीमच जिले के जनपद पंचायत जावद में पौधारोपण किया।

इस अवसर पर जिला पंचायत नीमच के बगीचे में भी पौधारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

मोरवन में जल्द ही लगभग 100 टेक्सटाइल उद्योग लगाने की शुरूआत होगी: मंत्री श्री सखलेचा

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि नीमच जिले की जावद विधानसभा क्षेत्र के मोरवन में डैम के पास उपलब्ध जमीन पर आगामी महीनों में लगभग 100 टेक्सटाइल उद्योगो की स्थापना का कार्य प्रारंभ होगा। उन्होंने राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मोरवन में उपलब्ध जमीन का संयुक्त सर्वे कर नवीन उद्योग स्थापना के लिए जमीन चिन्हित कर ले।

मंत्री श्री सखलेचा शनिवार को नीमच जिले के जावद जनपद सभाकक्ष में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री श्री सखलेचा ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि मोरवन जलाशय की नहरों को पक्की करने से लगभग 30 प्रतिशत पानी बचेगा इसलिए शेष नहरों को भी पक्का करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए।नहरों को पक्का करने से जो पानी बचेगा, उसका उपयोग मोरवन में स्थापित होने वाले टेक्सटाइल उद्योगों के लिए किया जा सकेगा। इससे सिंचाई व पेयजल की आपूर्ति पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि जावद क्षेत्र की सभी पंचायतों में पेयजल के क्या स्त्रोत है, पेयजल आपूर्ति में क्या समस्याएँ हैं और इनका निराकरण कैसे संभव है इस संबंध में एक सूची तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने गाँव भगवानपुरा की पेयजल समस्या के समाधान के लिए विद्युत मोटर पाइप लाइन व अन्य सिविल वर्क के लिए विधायक निधि से दो लाख रुपये स्वीकृत भी किए और ग्राम पंचायत को निर्देश दिए कि वह 1 सप्ताह में पेयजल समस्या का निराकरण करें।

उन्होंने डिकेन अस्पताल में विद्युत ट्रांसफार्मर लगाने के लिए साढे 3 लाख रुपए स्वीकृत करने की बात भी कही। श्री सखलेचा ने निर्देश दिए कि जलाशयों से किसानों को मिट्टी निकालने की अनुमति दी जानी चाहिए, इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें। इससे तालाबों का गहरीकरण भी होगा और किसानों को उनके खेतों के लिए उपजाऊ मिट्टी भी उपलब्ध हो सकेगी।

उन्होंने भगवानपुरा में अमरपुरा डैम के लिए आवंटित जमीन पर ग्रामीणों के अतिक्रमण देखते हुए वन विभाग को 20 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर दिलवाने के निर्देश भी तहसीलदार को दिए। मंत्री श्री सखलेचा ने नयागांव, अठाना की निर्माणाधीन पेयजल योजना मे ठेकेदार को बार-बार एक्सटेंशन प्रदान करने और ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य पूरा ना करवाने पर नाराजगी व्यक्त की।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने पुलिस जवानों को फित्ती लगाई

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया में पुलिस जवानों को फित्ति लगाकर सम्मानित किया।

डॉ. मिश्रा ने पुलिस विभाग के उच्च प्रभार वाले पदों पर पदोन्नति के तहत् आज 4 आरक्षकों को फित्ती लगाकर प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत कर शुभकामनाएं दी। आरक्षक श्री नीरज भदकारिया, श्री आदित्य शर्मा, श्री चंदन सिंह यादव और श्री कमलेश कुमार को पदोन्नति और सम्मान मिला है। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य मंत्री श्री यादव ने किया पौधा-रोपण

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने विश्व पर्यावरण दिवस की सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रतिदिन पौधा-रोपण पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय उदाहरण है और हम सबके लिये प्रेरणा भी।

राज्य मंत्री श्री यादव ने आज अशोकनगर के पछार पार्क में जूलीफ्रेश तथा पेंसिलपॉम का पौधा रोपा। श्री यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये पेड़-पौधे बहुत जरूरी हैं। हमें चाहिये कि पौधे लगायें तथा इनका समुचित संरक्षण भी करें। इस अवसर पर अशोकनगर विधायक श्री जजपाल सिंह जज्जी एवं जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

अशोकनगर में भोजनालय एवं चाय-नाश्ते की खुलेंगी दुकानें

राज्य मंत्री की अध्यक्षता में क्राइसिस कमेटी ने लिया निर्णय

कोरोना गाइड-लाइन का पूरी तरह पालन करते हुए वैक्सीन को संजीवनी मानकर जरूर लगवायें। यह संदेश अशोकनगर जिले के हर नागरिक तक पहुँचाना है। जिले के नागरिकों के सहयोग से ही आज 774 कोविड टेस्ट में पॉजिटिव संख्या शून्य रही है। राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं कोविड-19 के अशोकनगर जिला प्रभारी मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की वर्चुअल बैठक में यह बातें कहीं। बैठक में चाय-नाश्ते की दुकानें प्रात: 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक तथा भोजनालय रात्रि 10 बजे तक खोलने का निर्णय लिया गया।

राज्य मंत्री श्री यादव ने कहा कि जिले के सभी नागरिक मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग का निरंतर पालन करें यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है, इसलिये सावधानी बरती जाना चाहिये। श्री यादव ने कहा कि सभी स्तर की आपदा प्रबंधन कमेटी पूरी तरह सजग रहकर आम नागरिकों को कोरोना गाइड-लाइन के पालन के लिये प्रेरित करते रहें।

बैठक में विधायक अशोकनगर श्री जजपाल सिंह जज्जी, पुलिस अधीक्षक श्री रघुवंश सिंह भदौरिया, जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य, जन-प्रतिनिधि तथा प्रशासकीय अधिकारी उपस्थित थे।

ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने का लें संकल्प - वन मंत्री डॉ. विजय शाह

वन मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने कहा है कि पर्यावरण एवं प्रकृति के संरक्षण के लिये हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने का संकल्प लेना चाहिये। प्रदेश में जितने ज्यादा पेड़-पौधे होंगे, उससे उतनी शुद्ध और ज्यादा ऑक्सीजन मिलेगी। वन मंत्री विश्व पर्यावरण दिवस पर चार इमली वन विश्राम-गृह परिसर पर पौधा रोपित कर रहे थे।

वन मंत्री डॉ. शाह ने आम लोगों से अपने जन्म-दिन, विवाह वर्षगाँठ और पूर्वजों की स्मृति में अनवरत रूप से एक-एक पौधा लगाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि पौधों को रोपित करने से जहाँ हम जंगल के क्षेत्र को बढ़ा सकेंगे, वहीं इससे पर्यावरण का संरक्षण भी हो सकेगा।

इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री आर.के. गुप्ता सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

भारतीय परम्पराओं का विशेष योगदान है पर्यावरण के संरक्षण में

अशोक के पेड़ से अनेक औषधियों का निर्माण किया जाता है -श्री विश्वास कैलाश सारंग

विश्व पर्यावरण दिवस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने अपने निवास पर अशोक का पौधा रौपा। उन्होंने कहा कि भारत के सांस्कृतिक धरातल पर पर्यावरण का अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। पर्यावरण के संरक्षण में प्राचीन भारतीय परम्पराओं का विशेष योगदान है। हमारे मनीषियों ने प्रकृति की समग्र शक्तियों को जीवन दायिनी स्वीकार करते हुए उन्हें देवत्व का स्थान प्रदान किया है। 

श्री सारंग ने कहा कि धरती को मातृवत् मानकर जल, हवा, नदियां, पर्वत, वृक्ष और जलाशयों को पूज्यनीय मानकर उनकी सुरक्षा एवं संरक्षण की व्यवस्था की गई। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जो फल मनुष्य को भू-दान और गौ-दान से प्राप्त होता है, वही फल एक पौधा लगाने से भी प्राप्त होता है।  वेदों का संदेश हैं कि मानव शुद्ध वायु में श्वास ले, शुद्ध जलपान करे, शुद्ध अन्न-फल ग्रहण करे, शुद्ध मिट्टी में खेले-कूदें और खेती करे, तब ही वेद प्रतिपादित उसकी आयु ‘‘शं जीवेम् शरदः शतम्’’ हो सकती है। 

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि वृक्ष हमारी संस्कृति की धरोहर हैं। इसीलिए अनेक वृक्ष एवं पौधे देवता के रूप में पूज्य माने जाते हैं। तुलसी को विष्णुप्रिया माना गया हैं। विष्णु पुराण में सौ पुत्रों की प्राप्ति से बढ़कर एक वृक्ष लगाना माना गया है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को हर वर्ष कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाना चाहिए।

श्री सारंग ने अशोक वृक्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अशोक का पेड़ घर में नेगेटिव एनर्जी को खत्म करता है। शास्त्रों में पीपल, बरगद के बाद अशोक के पेड़ को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। उन्होंने कहा कि जैसा कि अशोक शब्द से स्पष्ट होता है कि किसी प्रकार का शोक न होना। कहा जाता है कि जिस घर में अशोक का पेड़ लगा होता है वहाँ किसी भी प्रकार का शोक नहीं होता है। इस पेड़ को घर में लगाने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। उन्होंने कहा कि अशोक के पेड़ की छाल से लेकर पत्ते, जड़ और फूल सब औषधीय गुण से भरपूर होते हैं। इनसे अनेक औषधियों का निर्माण किया जाता है।

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, ग्रुप केन्द्र, बंगरसिया में हुआ पौध रोपण

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, ग्रुप केन्द्र, बंगरसिया, भोपाल द्वारा ग्रुप केन्द्र परिसर में 'वृक्षारोपण अभियान' आयोजित किया गया। पुलिस उप महानिरीक्षक श्री प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव के मुख्य आतिथ्य में पौध रोपण के साथ ग्रुप केन्द्र परिसर में 10 हजार पौधे वन विभाग के सहयोग से लगाने की शपथ भी ली गई। इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव, उप कमाण्डेन्ट श्री सुबोध कुमार, श्री शशि कुमार, सहायक कमाण्डेन्ट श्री राज कुमार, श्री सन्तोष पाठक, श्री शैलेन्द्र सिंह कुशवाह, श्री अनिल बघेल, सहा. कमा (मंत्रा.) श्री किरण सिंह, श्री राजेन्द्र सिंह, श्री जी. नरसिंह राव तथा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।