किसानों की मेहनत मध्यप्रदेश को फिर बनाएगी सिरमौर : मुख्यमंत्री श्री चौहान
गेहूँ उपार्जन, परिवहन और भंडारण की अग्रिम व्यवस्थाएँ हुई
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस बार पुन: मध्यप्रदेश के किसानों की मेहनत रंग लाएगी और गेहूँ उपार्जन में प्रदेश पुन: देश में अव्वल होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे अन्नदाता किसानों को राज्य सरकार हरसंभव मदद कर रही है। रबी विपणन 2021-22 में किसानों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिये पुख्ता इंतजाम किये जा चुके हैं, जिससे किसानों को अपनी उपज का विक्रय करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े। इस वर्ष भी ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन किसानों की सहूलियत के लिये इस बार भी ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की व्यवस्था की गई है। पोर्टल पर अभी तक 21 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। पंजीयन का कार्य प्रदेश के 3518 केन्द्रों पर किया गया है। साथ ही गिरदावरी किसान एप, कॉमन सर्विस सेंटर और कियोस्क केन्द्रों पर भी किसानों को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। उपार्जन व्यवस्थाओं में यह प्रयास भी किया गया कि कोई भी किसान पंजीयन से वंचित न रहे। कुल 4500 केन्द्रों पर होगी गेहूँ खरीदी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष भी प्रदेश के 4500 खरीदी केन्द्रों पर गेहूँ उपार्जन का कार्य किया जाएगा। खरीदी कार्य में स्व-सहायता समूहों, एफपीयू और एफपीसी को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी के साथ उसके भंडारण और परिवहन की पुख्ता व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। उपार्जन केन्द्रों पर गेहूँ खरीदी का कार्य मार्च माह से शुरू किया जाएगा। इसके लिये तय किया गया है कि इंदौर और उज्जैन में 22 मार्च से और शेष अन्य जिलों में एक अप्रैल से गेहूँ उपार्जन शुरू किया जाएगा। इस वर्ष लगभग एक करोड़ 25 लाख मीट्रिक टन गेहूँ और 20 लाख मीट्रिक टन दलहन एवं तिलहन उपार्जन का अनुमान है। उपार्जित स्कन्धों के शीघ्र परिवहन एवं भंडार की व्यवस्थाएँ भी सुनिश्चित की जा रही हैं। गेहूँ उपार्जन में प्रदेश का कीर्तिमान किसानों की बदौलत मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का जो इतिहास रचा गया, उसके मूल में किसानों की कड़ी मेहनत है। प्रदेश के किसानों ने मध्यप्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा भी हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के इतिहास में समर्थन मूल्य पर हुई रिकार्ड खरीदी में सरकार द्वारा की गई चाक-चौबंद व्यवस्थाओं ने भी उत्प्रेरक की भूमिका निभाई। कृषि क्षेत्र में किये गये हैं अनेक नवाचार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका है। कृषि क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के लिये प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिये अनेक नवाचार किये गये हैं। राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि कृषि का उत्पादन बढ़े, उत्पादन की लागत कम हो और किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के दौरान किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान की पर्याप्त क्षतिपूर्ति हो सके, इसके लिये प्रावधानों में संशोधन भी किया गया है। खाद, बीज के साथ सिंचाई और बिजली की व्यवस्था मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए सिंचाई के लिये पानी और बिजली की व्यवस्थाएँ की गई हैं। कोरोना काल में जब सभी गतिविधियाँ प्राय: बंद हो रही थी, उस समय विभिन्न योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से जल-संरचनाओं का निर्माण करवाया गया। इससे जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों को कोरोना काल में रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी होने से किसानों को सिंचाई के लिये पानी की सहज उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई। प्रदेश में बड़ी एवं लघु सिंचाई योजनाओं पर भी युद्ध स्तर पर कार्य हुआ, जिसका लाभ किसानों को मिला। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना भी शुरू की गई। इस योजना में अब तक 57 लाख 50 हजार से अधिक पात्र किसानों को दो-दो हजार के मान से लगभग 1150 करोड़ रूपये का भुगतान ऑनलाईन किया गया है। इसके अलावा किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ भी प्रतिवर्ष प्रति किसान 6 हजार रूपये पूर्व से प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं के नाम से किसानों के साथ छल करने वाले व्यवसायियों पर भी कड़ी कार्यवाहियाँ की गई हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रदेश में नकली खाद, बीज और दवाओं का विक्रय न हो।
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देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संविधान सभा के अध्यक्ष देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उन्हें नमन करते हुये कहा कि पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया। उन्होंने सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धान्त पर अमल किया। उनके विचार और आदर्श हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पश्चिम बंगाल के जगतवल्लभपुर में बाँस का पौधा लगाया
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल प्रान्त के भ्रमण के दौरान रविवार को जिला हावड़ा के जगतवल्लभपुर में बाँस का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा प्रतिदिन एक पौधा लगाने का संकल्प लिया गया है।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की बधाई
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नागरिकों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की बधाई देते हुये भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. सी.वी. रमन द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में की गयी खोज और उपलब्धियों का स्मरण किया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की खोज की वजह से मनाया जाता है। इस खोज की घोषणा भारत के महान वैज्ञानिक सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन ने 28 फरवरी 1928 को की थी। इसी खोज के लिये उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में 28 फरवरी को मनाया जाता है।
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मौका मिला तो बतियाऐ शकील शाह प्रदेश के मुख्यमंत्री से
माहौर चौराहा तुस्सीपुरा निवासी शकील शाह पुत्र बकील शाह ने खुश मिजाजी में कहा कि ऐसा मौका बहुत कम लोगों को मिलता है, जो मुख्यमंत्री से सीधे रू-ब-रू होकर चर्चा कर सके। मुझे यह मौका उस समय मिला, जब मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में 100 दीनदयाल रसोई केन्द्रों का वर्चुअल लोकार्पण कर रहे थे। मैं मुख्यमंत्री से बात करके बहुत खुश हूँ। दीनदयाल रसोई योजना के राज्य स्तरीय वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम में शकील शाह को नगर निगम मुरैना द्वारा आमंत्रित किया गया था। नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान दीनदयाल रसोई केन्द्रों का लोकार्पण कर ऐसे लोंगो से से रू-ब-रू चर्चा करने वाले हैं, जो लोग आज से पहले पंडित दीनदयाल रसोई में खाना खाते रहे हों। शकील शाह ने बताया कि मैं भी अनेक बार दीनदयाल रसोई में खाना खा चुका हूँ। इस आधार पर मुझे भी कार्यक्रम में शामिल होने का संदेश मिला। मुख्यमंत्री श्री चौहान से संवाद करने का संदेशा मिलने पर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शकील शाह का कहना है कि यह दिन मैं हमेशा याद रखूँगा, क्योकि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाद शुरू करने के पहले मुझे मेरे नाम से पुकारा और हालचाल जाने। उन्होंने मुझसे दीनदयाल रसोई में दिये जाने वाले भोजन की जानकारी भी ली। मैंने उनके साथ दीनदयाल रसोई के अनुभव साझा किये और बताया कि दीनदयाल रसोई गरीबों के लिये काफी मददगार साबित हो रही है। यहाँ भोजन की थाली में दाल, चावल, सब्जी और भर पेट रोटी परोसी जा रही है। शकील शाह ने बताया कि मुरैना नगर निगम द्वारा कोरोना काल में दीनदयाल रसोई को विपरीत परिस्थितियों में भी संचालित किया गया, जो गरीबों के लिए माफी लाभकारी रहा।
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त्याग और संतोष से बनेंगे स्थितप्रज्ञ - स्वामी तद्रूपानंद
आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, संस्कृति विभाग द्वारा 29वीं शंकर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस व्याख्यानमाला में मनन आश्रम, भरूच के संस्थापक आचार्य स्वामी तद्रूपानंद सरस्वती जी का स्थितप्रज्ञ दर्शन विषय पर प्रबोधन प्रसारण हुआ। स्वामीजी ने बताया कि दो महाकाव्य और चार महावाक्य में सम्पूर्ण सनातन दर्शन अभिव्यक्त होता है। दर्शन की व्याख्या करते हुए स्वामीजी ने स्पष्ट किया कि दर्शन का अर्थ होता है जानना, न कि देखना। स्वामीजी ने कहा कि भगवत गीता के कृष्णार्जुन संवाद में स्थितप्रज्ञ की परिभाषा दी गई है। अर्जुन श्री कृष्ण से स्थितप्रज्ञ व्यक्ति के लक्षण पूछते हैं, जिसका उत्तर देते हुए भगवान कहते हैं कि जब साधक समस्त वासनाओं का त्याग कर देता है और अपने से अपने में संतुष्ट रहता है, तब वह स्थितप्रज्ञ कहा जाता है। स्वामीजी ने बताया कि अनासक्ति और इच्छाओं के त्याग के द्वारा ही मनुष्य दुखों के बंधन से और अज्ञान से मुक्त हो पाता है। ऐसी स्थिति में ही उसे आत्म-स्वरूप को जानने की जिज्ञासा प्रबल होती है। इसके लिए श्रवण, मनन और निदिध्यासन का मार्ग अपनाना चाहिए। जिसने ज्ञानाग्नि में अपनी इच्छाओं को भस्म कर दिया है तथा जो आत्म-स्वरूप में स्थित है, वही स्थितप्रज्ञ है। स्वामी तद्रूपानंद सरस्वती पूज्य स्वामी तद्रूपानन्द सरस्वती मनन आश्रम, भरूच के संस्थापक आचार्य हैं। स्वामीजी ने सन 1966 से 1972 तक गुजरात विश्वविद्यालय में मानसशास्त्र विषय का अध्यापन किया। तत्पश्चात् आपने सांदीपनी साधनालय मुंबई में पूज्य स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती एवं स्वामी दयानन्द सरस्वती के सानिध्य में प्रस्थानत्रयी का परंपरागत शास्त्राध्ययन किया। स्वामीजी ने कैलाश आश्रम ऋषिकेश में स्वामी विद्यानंद गिरी एवं स्वामी हरिहरानंद तीर्थ के मार्गदर्शन में शास्त्राभ्यास किया। सन 1982 में पूज्य स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने आपको संन्यास में दीक्षित किया। वर्ष 1987 में स्वामीजी ने भरूच में मनन आश्रम की स्थापना की। उपनिषद, ब्रहमसूत्र, श्रीमदभगवत गीता एवं आचार्य शंकर रचित प्रकरण ग्रन्थों पर स्वामीजी की टीका अंग्रेज़ी, हिन्दी, गुजराती एवं मराठी भाषा में उपलब्ध है। स्वामीजी ने देश-विदेश में अनेक ज्ञानयज्ञ एवं वेदान्त शिविरों के माध्यम से वेदान्त का प्रचार-प्रसार किया है। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा आदिगुरु शंकराचार्य और अद्वैत वेदान्त दर्शन के लोकव्यापीकरण के लिए प्रतिमाह इस व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाता है। इस व्याख्यान को न्यास के यू-ट्यूब और फेसबुक चैनल पर देखा जा सकता है।
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समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का विकास सबसे पहले हो : डॉ. मिश्र
स्वच्छता कर्मियों का किया सम्मान
सफाई कर्मचारियों का सम्मान करते हुए स्वयं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। दतिया को स्वच्छता में नम्बर एक बनाने के लिए निरन्तर प्रयास करने वाले सभी लोग बधाई के पात्र हैं। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा नगर पालिका दतिया द्वारा आयोजित स्वच्छता सम्मान समारोह- 2021 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्वच्छता कर्मचारियों को स्वच्छता श्री सम्मान एवं प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। सफाई कर्मचारियों को ड्रेस भी वितरित की गई। उन्होंने इस अवसर पर स्वच्छता पर केन्द्रित एक वीडियो का भी विमोचन किया। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं हम सबका मूल मंत्र है कि सबका साथ सबका विकास हो। अंतिम पंक्ति में रहने वाले व्यक्ति का विकास सबसे पहले हो। इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र एवं मध्यप्रदेश सरकार कार्य कर रही है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि सफाई कर्मचारी शहर को स्वच्छ बनाने एवं विकास में अहम् योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कार्यो को सभी लोग देख रहे है।ं सफाई कर्मचारियों के इन प्रयासों से दतिया को प्रदेश में नम्बर वन शहर बनाना है। जिससे दतिया स्वस्थ्य एवं स्वच्छ भी बन सके। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि जिला कलेक्टर की पहल पर आज वसुदेव कुटुम्बकम के सिद्धांत का पालन करते हुए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा नगर में स्वच्छता अभियान का जो वीड़ा उठाया है वह सराहनीय है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने इस मौके पर श्रीमती अमीता कैलासिया द्वारा स्वच्छता गीतों पर निर्मित वीडियो का भी विमोचन किया गया।
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किसानों को उन्नत तकनीकी के साथ औषधीय खेती के लिए प्रोत्साहित करें : मंत्री डॉ. मिश्रा
दतिया में 12 वर्षो के अंदर कृषि उत्पादन में हुई बढ़ोत्तरी
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने किसानों से कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से कृषि की उन्नत एवं आधुनिक तकनीकी की जानकारी प्राप्त करें। कृषि विज्ञान केन्द्र की भी जबावदारी है कि केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक एवं अधिकारी गाँव-गाँव में जाकर किसानों को परम्परागत फसलों के साथ औषधीय पौधों की खेती के रूप में सफेद मूसली, अश्वगंधा एवं मशरूम आदि फसले लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें, जिससे खेती लाभ का धंधा बन सके। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत् किसान संगोष्ठी एवं बीज भण्ड़ार के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गृह मंत्री ने इस मौके पर कृषकों का सम्मान कर कृषि उपकरण प्रदाय किए। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि 12 वर्ष पूर्व दतिया कृषि उपज मंडी में गेंहूँ दो हजार क्विंटल आता था जो अब बड़कर 50 हजार क्विंटल हो गया है। जबकि धान की आवक 60 से 70 हजार क्विंटल हो गई है। इसके पीछे कृषि की आधुनिक पद्धति के साथ किसानों की मेहनत एवं कृषि वैज्ञानिकों की सलाह रही है। उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यों का मूल्यांकन कर उत्कृष्ट पाए जाने पर दतिया का केन्द्र देश में प्रथम स्थान पर रहा है। यह केन्द्र मध्यप्रदेश के सबसे अच्छे केन्द्रों में से एक है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों से कहा कि किसानों को केन्द्र पर प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन देने के साथ गांव-गांव में जाकर शिविर एवं संगोष्ठियों के माध्यम से कम लागत में अधिक उत्पादन लेने तथा किसानों की आय दोगुनी करने तथा खेती लाभ का धंधा बने इसके लिए कृषकों को जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि कृषकों को परम्परागत फसलों के साथ फलोद्यान, फ्लोरीकल्चर, औषधीय पौधों की खेती के रूप में सफेद मूसली, अश्वगंधा की खेती लेने के लिए भी प्रेरित करना होगा। औषधीय खेती की मांग को देखते हुए किसानों को इस दिशा में रूझान बढ़ाना होगा। मंत्री डॉ. मिश्रा ने किसानों से कहा कि वह सब्जी की खेती के रूप में ब्रोकली एवं मशरूम की खेती करें। इस खेती से अन्य सब्जियों की अपेक्षा अधिक दाम प्राप्त कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक इन सब्जियों के उत्पादन के लिए तकनीकी सलाह देकर कृषकों को भी प्रेरित करें। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि क्षेत्र के अव्वल कृषि विज्ञान केन्द्र का स्थान बरकरार बनाए रखने के लिए वैज्ञानिक एवं अधिकारी केन्द्र द्वारा किए गए कार्यों को किसानों के बीच में प्रचार-प्रसार भी करें।इससे किसान लाभ लेकर अधिक उत्पादन कर सकेंगे। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक, किसान व गणमान्यजन उपस्थित थे।
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नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) मीडिया बुलेटिन
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एक वर्ष में 12 हजार से अधिक महिलाओं को मिली "181" से सहायता
प्रदेश में भारत शासन के सहयोग से महिला हिंसा और घरेलू हिंसा पर महिलाओं को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक मार्च 2020 को '181' महिला हेल्पलाइन शुरू की गई थी। महिलाओं की सहायता, सूचना एवं सहयोग के लिए टोल फ्री नंबर 24 × 7 संचालित है। महिला हेल्पलाइन के माध्यम से एक मार्च 2020 से 21 फरवरी 2021 तक कुल 14 हजार 450 प्रकरणों में से 12 हजार 513 प्रकरणों का निराकरण किया गया। महिला हेल्पलाइन '181' में प्रतिदिन अनुमानित 60 कॉल आते हैं और एक दिन में 10 से 12 प्रकरणों पर काउंसलिंग की जाती है। इसके अतिरिक्त लगभग 350 प्रकरणों पर फॉलोअप भी लिया जाता है। उल्लेखनीय है कि '181' हेल्पलाइन के माध्यम से पुलिस, अस्पताल, एंबुलेंस, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, संरक्षण अधिकारी आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। महिला हेल्पलाइन को प्रदेश के समस्त 51 वन स्टॉप सेंटर से एकीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त हेल्पलाइन के माध्यम से महिलाओं को शासकीय सेवाओं और योजनाओं की जानकारी भी प्रदान की जाती है। हेल्पलाइन में अनुभवी परामर्शदाता उपलब्ध रहते हैं, जो महिलाओं को भावनात्मक सहयोग के साथ आवश्यक मार्गदर्शन देते हैं।
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नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह द्वारा वीरांगना झलकारी बाई ट्रैफिक पार्क का लोकार्पण
पार्क में वीरांगना झलकारी बाई की प्रतिमा स्थापित की जाएगी
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने सागर में 65 लाख की लागत से बने वीरांगना झलकारी बाई ट्रैफिक पार्क का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि वीरांगना झलकारी बाई ने देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी वीरता, त्याग, बलिदान को लोग जाने इसके लिए उनके नाम पर पार्क का नाम किया गया है। पार्क वीरांगना झलकारी बाई की प्रतिमा स्थापित की जायेगी। श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि देश के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले, ऐसे अनेक महापुरुषों को स्मृति को राज्य सरकार संजो रही है, जिन्हें इतिहास में भुला दिया गया। उन्होंने जानकारी दी कि 7 मार्च को प्रदेश के 2 लाख प्रधानमंत्री आवास के लिए हितग्राहियों के खातों में 1500 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की जाएगी। विधायक श्री शैलेश जैन ने कहा मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह को नगरीय विकास और आवास विभाग का प्रभार मिलने के बाद सागर के विकास कार्य तेजी के साथ पूरे हो रहे हैं। पूर्व मंत्री श्री नारायण प्रसाद कबीरपंथी ने वीरांगना झलकारी बाई की व्यक्तित्व और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1857 के संग्राम में महारानी लक्ष्मी बाई के साथ अंग्रेजों से लोहा लिया था। इस अवसर पर जन-प्रतिनिधि, कोरी समाज के पदाधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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सतना जिले के अमरपाटन में सिविल अस्पताल भवन का होगा विस्तार
राज्य मंत्री श्री पटेल ने निर्माण कार्य का किया भूमि-पूजन
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रामखेलावन पटेल ने कहा है कि अमरपाटन सिविल अस्पताल के उन्नयन के बाद यहाँ और आसपास गाँव के मरीजों को ईलाज के लिये बाहर नहीं जाना पड़ेगा। सिविल अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा की सभी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। राज्य मंत्री श्री पटेल रविवार को सतना जिले के अमरपाटन में 100 बिस्तर के सिविल अस्पताल के उन्नयन के भूमिपूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। सिविल अस्पताल का उन्नयन करीब 9 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से किया जायेगा। सबको मिलेंगे पक्के मकान पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल ने कहा है कि अमरपाटन तहसील में प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य आवास योजना के माध्यम से वर्ष 2023 तक सभी पात्र हितग्राहियों को पक्के मकान उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जिन गरीब और पात्र हितग्राहियों के नाम चयन सूची से छूट गये हैं, उनके नाम आवास प्लस योजना के तहत जोड़े जायेंगे। राज्य मंत्री श्री पटेल रविवार को सतना जिले के अमरपाटन में एनआरएलएम के जिला स्तरीय सामुदायिक प्रशिक्षण केन्द्र, सुलभ प्रसाधन एवं बाउण्ड्रीवाल के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गृद्धकूट पर्वत पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री रामखिलावन पटेल ने कहा है कि सतना जिले के रामनगर क्षेत्र के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थल गृद्धकूट पर्वत को मार्कण्डेय आश्रम की भांति पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जायेगा। राज्य मंत्री श्री पटेल रविवार को न्यु देवराजनगर में गिद्धराज पर्वत एवं मानीस गंगा पूजन, स्नेह मिलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। राज्य मंत्री श्री पटेल ने ग्राम पंचायत की नवनिर्मित सामुदायिक भवन, यात्री प्रतीक्षालय और आंगनबाड़ी भवन का लोकार्पण किया। राज्य मंत्री श्री पटेल ने कहा कि बाणसागर के डूब में आये पुर्नवासित ग्राम देवराजनगर के पुरातन वैभव को लौटाने के सभी प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि देवराजनगर में हाट बजार बनेगा और गृद्धकूट पर्वत, मार्कण्डेय घाट, बाणसागर बांध, बांधवगढ़ और झिन्ना को जोड़ते हुए अमरकंटक तक पर्यटन सर्किट बनाने के प्रयास किये जायेंगे। राज्य मंत्री श्री पटेल ने इस मौके पर श्री मानस प्रमोद नामक दो पुस्तकों का विमोचन भी किया। उन्होंने करीब 30 लाख रूपये लागत के नवीन निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया। राज्य मंत्री श्री पटेल रविवार को खेलकूंद विकास परिषद मैहर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के शुभारंभ समारोह में भी शामिल हुए।
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अग्नि-सुरक्षा संबंधी प्रावधानों का करें सख्ती से पालन - नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने निर्देशित किया है कि प्रशासन द्वारा अग्नि-सुरक्षा संबंधी जो प्रावधान किये गये हैं, उनका सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाये। भूमि विकास नियम-2012 के प्रावधानों में सितम्बर-2020 में संशोधन कर अग्नि-सुरक्षा संबंधी प्रावधानों को और अधिक उपयुक्त बनाया गया है। अग्नि-सुरक्षा के लिये भवन स्वामियों की जिम्मेदारी आयुक्त टाउन एवं कंट्री प्लानिंग श्री अजीत कुमार ने जानकारी दी है कि अग्नि-सुरक्षा के लिये भवन स्वामियों के लिये जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। छतों या बेसमेंट में किसी रसोई की अनुमति नहीं होगी। छतों पर ज्वलनशील पदार्थ का भण्डारण नहीं किया जा सकेगा। एफआरपी (Fibre reinforced plastic) का उपयोग करके छत या छज्जे के ऊपर किसी अस्थाई छत की अनुमति नहीं होगी। निर्माण की ज्वलनशील सामग्री जैसे लकड़ी, फॉम पेनलिंग, कालीन आदि का उपयोग मार्ग, गलियारों या सीढ़ियों में नहीं किया जायेगा। सक्षम प्राधिकारी अग्नि-सुरक्षा संबंधी प्रावधानों को लागू करवाने के लिये सक्षम प्राधिकारी नगरीय निकाय के आयुक्त अथवा मुख्य नगर पालिका अधिकारी होंगे। नियमों में प्रावधानित सुरक्षा उपाय लागू करवाने एवं ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर भवन स्वामियों को दी गई एनओसी रद्द करने का अधिकार सक्षम प्राधिकारी को होगा। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा निर्देशित अग्नि-शमन संबंधी सभी प्रावधानों को लागू करने की जिम्मेदारी भी सक्षम प्राधिकारी की होगी। | राष्ट्रीय भवन कोड (एनबीसी) में निर्धारत मानकों के अनुरूप ही गैस बैंक स्थापित किया जाये। वाणिज्यिक एवं अन्य भवनों में मुख्य विद्युत पैनल एवं डी.जी. चेन्ज ओवर और मेन सप्लाई पैनल केबिनेट, क्लीन एजेंट, गैस फायर, सुप्रेशन सिस्टम से संरक्षित होना आवश्यक है। सभी मंजिल की सीढ़ियों और गलियारों में धुएँ के वेंटिलेशन के लिये प्राकृतिक या यांत्रिक व्यवस्था की जाये। राष्ट्रीय भवन संहिता में उल्लिखित भवनों का फायर ऑडिट वर्ष में एक बार किया जायेगा। भवन का स्वामी प्रत्येक वित्तीय वर्ष की 30 जून तक अग्नि-शमन ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। अग्नि-शमन इंजीनियर अग्नि-सुरक्षा को कड़ाई से लागू करने और अग्नि-शमन ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के लिये अग्नि-शमन इंजीनियर का प्रावधान किया गया है। अग्नि-शमन इंजीनियर को मान्यता प्राप्त भारतीय या विदेशी विश्वविद्यालय से अग्नि-शमन इंजीनियरिंग अथवा प्रौद्योगिकी में स्नातक के साथ इस क्षेत्र में 3 वर्ष का अनुभव आवश्यक होगा। अग्नि-शमन इंजीनियर सभी प्रकार के भवनों में, जो राष्ट्रीय भवन संहिता भाग-4 के अधीन आते हैं, के फायर सेफ्टी और फायर ऑडिट से संबंधी कार्य के लिये सक्षम होगा।
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तय समय से पहले पूरी हुई बरही जल-प्रदाय परियोजना
बरही कस्बे के अमर नाथ पटेल और उनके परिवार की आंखों में आज खुशियों का पानी है क्योकि उनके घर में आसानी से पानी पहुँचाने वाला नल लग गया है। जल ही जीवन है, पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज चौहान जल की जरूरत को भली-भांति जानते हैं। यही कारण है कि मध्यप्रदेश शासन हर घर नल के माध्यम से जल पहुँचाने के लिए दृढ़-संकल्पित हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड की जबलपुर परियोजना इकाई के कटनी जिले के बरही नगर परिषद् की जल-प्रदाय योजना का काम तय समय से पहले ही पूरा कर लिया गया। यह योजना जून 2019 में पूरी करने का लक्ष्य था, लेकिन इसे अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर दिया गया। लगभग 16 हजार आबादी और 3114 परिवार वाले बरही कस्बे के बाशिंदों को पहले पानी के लिए घर से दूर जाना पड़ता था। अब इन्हें घर पर ही नल से जल मिलने लगा है। नागरिकों के जल संकट को दूर करने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से बरही जल-प्रदाय योजना का काम वर्ष 2017 से प्रारंभ किया गया। 10 वर्षों के संचालन एवं संधारण के साथ इस काम की कुल लागत लगभग 35 करोड़ रूपए है। बरही में जल-प्रदाय के लिए 66 किलोमीटर लंबी वितरण पाइप लाइन एवं 12 किलोमीटर लंबी मुख्य पाइप लाइन बिछाई गई है। पानी की शुद्धि के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। ओवर हैड टैंक में महानदी से पानी लिया जाकर कस्बे में सप्लाई किया जाता है। कस्बे के रहवासी नल कनेक्शन लेने के लिए बेहद उत्साहित हैं। यही वजह है कि अब तक दो हजार से अधिक घरों में नल कनेक्शन हो चुके हैं। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी की जबलपुर इकाई द्वारा यहाँ लोगों को नल के लिए प्रेरित करने के लिए महिला प्रेरकों का चिन्हांकन भी कर लिया गया है। महिला प्रेरक स्वच्छ जल की महत्ता बताने घर- घर पहुँच रही हैं। नल कनेक्शन करने की तकनीकी जानकारी भी इकाई द्वारा प्रशिक्षण के माध्यम से निकाय की महिलाओं को दी गई है।
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किसान और खेती देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के हैं आधार : मंत्री श्री पटेल
किसान खेती के साथ व्यापार,व्यवसाय व उद्योग भी करेंगे स्थापित
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि किसान और खेती सशक्त राष्ट्र और सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के आधार हैं। किसान मजबूत होंगे तो देश मजबूत होगा। मंत्री श्री पटेल होशंगाबाद के पवारखेड़ा में आयोजित मध्यप्रदेश ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित हैं। सरकार के संकल्प को आप सभी के सहयोग से ही पूरा किया जा सकता है। कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानून बनाए गए हैं। सरकार ने नीतियों और नियमों में परिवर्तन किए हैं। चना, मसूर एवं सरसों अब गेहूँ के साथ खरीदा जाएगा, जिसका सीधा लाभ लघु एवं सीमांत किसानों को मिलेगा। किसानों की आय को दोगुना करने और खेती किसानी को लाभ का धंधा बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा निरंतर सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। इस अवसर पर विधायक होशंगाबाद डॉ. सीतासरन शर्मा, विधायक सोहागपुर श्री विजयपाल सिंह, श्रीमती माया नारोलिया, जनपद अध्यक्ष श्रीमती संगीता सोलंकी एवं जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। लागत में 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर समर्थन मूल्य तय किया गया कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर किसानों की फसल लागत में 50% लाभ जोड़कर समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। इससे समर्थन मूल्य में निरंतर वृद्धि हो रही हैं। कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों की उपज प्रतिदिन 25 क्विंटल खरीदे जाने की सीमा को समाप्त कर दिया गया हैं। अब किसान अपनी उपार्जन क्षमता अनुसार अपनी चना, मसूर एवं सरसों की फसल बेच सकेंगे, जिससे किसानों के धन और समय दोनों की बचत होगी। गाँवों के विकास के द्वार खुलेंगे कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के माध्यम से अब किसानों को गाँव की आबादी की भूमि पर मालिकाना हक प्राप्त होगा। योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हरदा एवं डिंडोरी जिले में लिया गया है। आने वाले समय में सभी जिलों में योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर बैंको से विभिन्न व्यवसायिक एवं व्यापारिक प्रयोजन के लिए किफायती ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे। साथी ही व्यापार, व्यवसाय एवं उद्योग स्थापित कर अपनी आलू, प्याज, टमाटर आदि उत्पादों का प्र-संस्करण कर एमएसपी की जगह एमआरपी पर बेच सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गाँवों के विकास के द्वार खुलेंगे। नरवाई से बनेगा कोयला, पायलेट प्रोजेक्ट होशंगाबाद में कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि नरवाई से कोयला बनाया जाएगा। इसका पायलेट प्रोजेक्ट होशंगाबाद में प्रारंभ होगा। नरवाई से कोयला बनने पर जहाँ एक ओर पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि नरवाई जलाने से रोकथाम हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोगी कृषि उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि में प्रदेश की प्रतिष्ठा वैश्विक स्तर पर स्थापित विधायक होशंगाबाद डॉ. सीतासरण शर्मा ने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों से प्रदेश खेती किसानी में निरंतर विकास कर रहा है। प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में देश ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर भी प्रदेश की प्रतिष्ठा स्थापित की हैं।
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कृषि मंत्री श्री पटेल द्वारा आत्मा कार्यालय भवन उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला का लोकार्पण
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने रविवार को होशंगाबाद में उप संचालक कृषि कार्यालय परिसर में परियोजना संचालक आत्मा कार्यालय के नवनिर्मित भवन का विधिवत पूजन कर लोकार्पण किया। उन्होंने पवारखेड़ा में उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर विधायक होशंगाबाद श्री सीताशरण शर्मा, विधायक सोहागपुर श्री विजयपाल सिंह, श्रीमती माया नारोलिया, श्री पीयूष शर्मा, उपसंचालक कृषि सहित अन्य अधिकारी एवं जन-प्रतिनिधि उपस्थित रहें।
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राज्य मंत्री श्री यादव ने जिला जेल का किया औचक निरीक्षण
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने जेल अधीक्षक श्री शफीक एहमद सिद्दीकी के साथ जिला जेल अशोकनगर का औचक निरीक्षण किया। राज्य मंत्री श्री यादव ने जेल में सजा काट रहे कैदियों से भेंट कर उन्हें नियमानुसार मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने जेल में अतिरिक्त सुविधा की दृष्टि से शीघ्र हेण्डपम्प लगवाने का आश्वासन दिया। निरीक्षण के दौरान जेल प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी साथ थे।
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