दिनांक 25 मई, 2021


अंक 793

कोरोना से लड़ते भी रहेंगे और काम-धंधा भी करते रहेंगे 

मास्क लगाएं, दूरी रखें, वैक्सीन लगवाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 11 लाख 28 हजार निर्माण श्रमिकों को 112 करोड़ 81 लाख रूपये की आपदा सहायता राशि अंतरित की

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी एक जून से प्रदेश में धीरे-धीरे कोरोना कर्फ्यू समाप्त किया जाएगा। ऐसे में आपको पूरी सावधानी रखनी हैं। मास्क लगाना है, एक दूसरे से दूरी रखनी है, कहीं भीड़ नहीं करनी है, बार-बार हाथ धोने हैं। सबको वैक्सीन लगवाना है। इन सब सावधानियों का पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ते भी रहेंगे और काम-धंधा भी करते रहेंगे। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के निर्माण श्रमिकों से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसके पूर्व प्रदेश के 11 लाख 28 हजार निर्माण श्रमिकों के खाते में कोविड-19 सहायता योजना के अंतर्गत 112 करोड़ 81 लाख रूपये की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की। इस अवसर पर श्रम एवं खनिज संसाधन मंत्री श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

पाँच माह का नि:शुल्क राशन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासन द्वारा सभी गरीबों, जिनमें निर्माण श्रमिक भी शामिल हैं, को पाँच माह का प्रति सदस्‍य पाँच-पाँच किलो प्रतिमाह नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है, जिसमें तीन माह का राशन राज्य सरकार और दो माह का राशन केन्द्र सरकार दे रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह राशन प्रत्येक गरीब को मिल जाए, यह सुनिश्चित करें। 

आपका भाई आपके साथ खड़ा है 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार कोविड उपचार योजना में कोरोना का नि:शुल्क इलाज कर रही है। आयुष्मान कार्डधारी व्यक्ति एवं उसके परिवार को वर्ष में पाँच लाख रूपये तक सम्बद्ध निज़ी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी गई है। इसके अलावा सभी शासकीय अस्पतालों एवं अनुबंधित अस्पतालों में भी कोरोना का नि:शुल्क इलाज हो रहा है। प्रदेश में कोरोना से माँ-बाप की मृत्यु पर बच्चों को पाँच हजार रूपये मासिक पेंशन देने की योजना भी चालू की गयी है। सरकार संकट के समय पूरी तरह आपके साथ है। आपका भाई आपके साथ खड़ा है। 

गुस्सा तो नहीं हो अपने भाई से 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से टीकमगढ़ जिले के निर्माण श्रमिक श्री परीक्षित अहिरवार, इंदौर की श्रीमती शशि वर्मा, मंडला की श्रीमती गिरिजा वनवासी, भिंड के श्री प्रसाद राठौर तथा सीहोर की श्रीमती लता मालवीय से बातचीत भी की। उन्‍होंने पूछा कि कोरोना के दौरान पाबंदियाँ लगाने पर वे अपने भाई से गुस्सा तो नहीं हैं। यदि कोरोना कर्फ्यू नहीं लगाया जाता तो प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रित नहीं होता। यह जरूरी था। अब कोरोना नियंत्रित हो गया है, अत: हम धीरे-धीरे पाबंदियाँ खत्म करेंगे। स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह निर्णय करेंगे कि क्या खुले और कब-कब खुले। सभी ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू तो ज़रूरी था। यह नहीं होता तो कोरोना नहीं जाता। 

आप अपनी सुरक्षा स्वयं करें 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से आपको अपने गाँव-शहर की खुद सुरक्षा करनी पड़ेगी। सारी सावधानियों का पालन करें।  साथ ही वैक्सीन जरूर लगवाएँ। यह कोरोना से बचने का सुरक्षा चक्र है। 

कोरोना नियंत्रण रणनीति निर्धारण के लिये पाँच मंत्री-समूह गठित

राज्य शासन द्वारा कोविड संक्रमण के नियंत्रण के लिये आगामी रणनीति निर्धारित करने मंत्रि-परिषद सदस्यों के पाँच मंत्री-समूहों का गठन किया गया है। यह समितियाँ आवश्यकतानुसार जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, विकासखंड क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी और ग्राम तथा नगर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी से सलाह-मश्वरा कर अपनी अनुशंसाएँ सरकार को प्रस्तुत करेंगी।

मेडिकल ऑक्सीजन

प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भविष्य की रणनीति निर्धारण के लिये आवश्यक सुझाव देने मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, राजस्व, परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा, सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद भदौरिया, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव हैं।

टीकाकरण कार्य

प्रदेश में कोविड संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिये प्रदेश में शत-प्रतिशत टीकाकरण को संपादित कराने के उद्देश्य से सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पशुपालन एवं डेयरी, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल, पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल हैं।

कोरोना कर्फ्यू

प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू को चरणबद्ध प्रक्रिया से समाप्त करने और सामान्य जन-जीवन बहाली के संबंध प्रस्तावित रणनीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिये सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह मांडवे, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह सिसोदिया, सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद भदौरिया, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग, लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेश धाकड़ हैं।

कोविड अनुकूल व्यवहार

प्रदेश में आम नागरिकों में कोविड अनुकूल व्यवहार के सुनिश्चयन के लिये प्रचार-प्रसार, पर्यवेक्षण एवं जागरूकता के लिये आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें जल संसाधन, मुछआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, वन मंत्री श्री विजय शाह, वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, पर्यटन, संस्कृति, अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर और सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया हैं।

जन-जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार

प्रदेश में कोविड संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जन-जागरूकता एवं आवश्यक प्रचार-प्रसार के सुनिश्चयन के उद्देश्य से भविष्य की रणनीति के लिये आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मंत्री चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पर्यटन, संस्कृति, अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), सामान्य प्रशासन मंत्री श्री इंदर सिंह परमार है।

विश्वविद्यालयों में रक्त जांच लैब की स्थापना हो

परीक्षाओं की समय सारणी वेबसाइट पर प्रदर्शित हो
वैक्सीनेशन की फुल-प्रूफ व्यवस्था हो
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कुलपतियों को दिए निर्देश

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सभी विश्वविद्यालयों में रक्त जांच लैब की स्थापना के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि लैब में नोवल कोरोना की जांच की व्यवस्था भी होनी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय के समस्त कर्मचारियों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्थाओं को भी प्रभावी बनाने और प्रति माह ब्लड टेस्ट करवाने के निर्देश दिए है। राज्यपाल आज राजभवन में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ ऑनलाइन चर्चा कर रही थी। बैठक में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव भी ऑनलाइन शामिल हुए।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कराए जाने वाले कोविड वैक्सीनेशन कार्य को प्रभावी तरीके से संचालित किया जाए। एक भी वैक्सीन वेस्ट नहीं हों, वैक्सीनेशन कार्य की फुल-प्रूफ व्यवस्था बनाई जाए। वैक्सीनेशन की वाइल को तभी खोला जाए, जब केन्द्र पर दस या दस के गुणित में वैक्सीनेशन के लिए व्यक्ति उपस्थित हो। इस के लिए स्पष्ट कार्य योजना बना कर कार्य किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए ग्रामों में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की व्यवस्था के लिए कार्य के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरपंचों के साथ चर्चा कर वैक्सीनेशन का कार्य कराया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों में हो रहे निर्माण कार्यों को समय सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि परीक्षाओं की समय सारणी को वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाए। इसमें परीक्षाओं की समय-सारणी के साथ ही परीक्षा परिणाम की तिथियों का भी उल्लेख किया जाए। ताकि छात्र-छात्राओं को परीक्षा तैयारी का उचित समय मिले। उनको बताया गया कि विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की परीक्षाएं जून और जुलाई माह में ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। इनके परिणाम क्रमश: जुलाई और अगस्त माह में घोषित होगे। विश्वविद्यालय से संबंद्ध महाविद्यालयों में भी इसी अवधि में ओपेन बुक प्रणाली से परीक्षाएं संचालित होगी। विद्यार्थी घर से ही परीक्षाएं देगे। उत्तर पुस्तिकाएं कलेक्शन सेंटर में जमा करानी होगी। परीक्षा मूल्यांकन की व्यवस्था लीड कॉलेजों में की जाएगी।

इस अवसर पर बताया गया कि प्रदेश के अधिकांश विश्वविद्यालयों में 45 प्लस से अधिक की आयु वाले विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिजन का टीकाकरण हुआ है। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा एमए योग, डी फार्मा और एम फार्मा के नवीन पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए गए है। इसी तरह जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा एमएससी इन इलेक्ट्रोनिक एंड इंस्ट्रूमेंटेशन, सर्टिफिकेट इन प्रिंटिग टेक्नोलॉजी, सर्टिफिकेट इन सिक्योरिटी मैनेजमेंट, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा एम टेक इन्टरनेट ऑफ थिंग्स, एम.टेक. एनर्जी मैनेजमेंट, एम टेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मास्टर ऑफ वोकेशन इन फैशन टेक्नोलॉजी, मास्टर ऑफ वोकेशन इन लैंड स्केप डिजाईन, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू द्वारा इन्फेंट्री स्कूल महू में डिप्लोमा इन ऑफिस मैनेजमेंट एंड प्रोसीजर, सर्टिफिकेट इन ऑफिस मैनेजमेंट एंड प्रोसीजर, आर्मीवॉर कॉलेज महू में योग सर्टिफिकेट कोर्स, मानव अधिकार सर्टिफिकेट कोर्स और मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी में एम.ए. पुलिस प्रशासन के नवीन पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए है।

ऑनलाइन बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा के साथ ही, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय भोपाल, अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल, डॉ.बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू, पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपतिगण उपस्थित थे।

मई में सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी मिले राज्यपाल से

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से राजभवन के मई माह में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों ने आज भेंट की।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कर्मचारियों को शॉल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। उनको स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन की शुभकामनाएँ दी। राजभवन सेवा से सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों में सहायक ग्रेड-2 श्री दीपलक्ष्मी रांगणेकर और खलासी श्री अनिल श्रीवास्तव 31 मई 2021 को शासकीय सेवा से अवकाश ग्रहण करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नारियल का पौधा लगाया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास परिसर में नारियल का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान अपने संकल्प के अनुसार प्रतिदिन एक पौधा लगाते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोविड नियंत्रण के संबंध में मत्रीगणों से चर्चा की

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ कोरोना नियंत्रण और कोरोना कर्फ्यू खोले जाने आदि विषयों पर चर्चा की।

चर्चा के दौरान गृह मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा, उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव,चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा व पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग,श्रम व खनिज संसाधन मंत्री श्री ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, लोक निर्माण मंत्री श्री सुरेश धाकड़, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इंदर सिंह परमार तथा ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उपस्थित थे।

ऐसी रणनीति बनाएँ  कि कहीं भी संक्रमण बढ़े नहीं

अनलॉक प्रक्रिया में पाँच बातों का पूरा ध्यान रखें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के न्यूनतम संक्रमण वाले पाँच ज़िलों बुरहानपुर, खंडवा, झाबुआ, अलीराजपुर तथा भिंड में आंशिक अनलॉक किया गया है। बाकी जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से अनलॉक की प्रक्रिया आगामी एक जून से प्रारंभ होगी। हमें इस बात का पूरा ध्यान रखना है कि कहीं भी संक्रमण बढ़े नहीं तथा उस अनुरूप अपनी रणनीति बनानी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि 'अनलॉक' प्रक्रिया में पाँच बातों का पूरा ध्यान रखें। शत-प्रतिशत व्यक्ति मास्क लगायें। अधिक से अधिक टेस्ट कराये जायें। किल-कोरोना अभियान जारी रहे तथा सर्दी, खाँसी, बुखार के हर मरीज की पहचान कर तुरंत उपचार कराया जाये। कोरोना की लड़ाई जन-भागीदारी से लड़ी जाये एवं स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह अपने ग्राम, कस्बे, शहर के संबंध में निर्णय लें। हर व्यक्ति अनिवार्य रूप से कोरोना अनुरूप व्यवहार करे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति  एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान और स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

2422 नए प्रकरण

प्रदेश में कोरोना के 2422 नए प्रकरण आये हैं। गत 24 घंटों में 7373 मरीज स्वस्थ हुए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 48 हजार 634 है। प्रदेश में सात दिनों का पॉजिटिविटी रेट 5% तथा आज का पॉजिटिविटी रेट 3.4% है।

अब तीन जिलों में ही 100 से अधिक प्रकरण

प्रदेश के तीन जिलों में ही अब 100 से अधिक नए कोरोना प्रकरण हैं। इंदौर में 648, भोपाल में 529 तथा ग्वालियर में 115 नए प्रकरण हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर तथा भोपाल में अभी भी इतने प्रकरण आने के कारणों की विस्तृत समीक्षा करने तथा उसके अनुसार  संक्रमण समाप्ति के कार्य मुस्तैदी से करने के निर्देश दिये। जबलपुर में भीड़ जुटने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहीं भी ऐसी पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

इंजेक्शन मिलने में विलंब न हो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के उपचार के लिये 'एंफोटेरीसिन बी' इंजेक्शन मँगाने में बिलकुल भी विलंब न हो, यह सुनिश्चित करें। हवाई मार्ग से इंजेक्शन तुरंत मँगाए जायें।

सभी 52 जिलों में 10% से कम संक्रमण

प्रदेश के सभी 52 जिलों में संक्रमण अब 10% नीचे आ गया है। मात्र 7 जिलों इंदौर, भोपाल,  सागर,  रतलाम, रीवा,  अनूपपुर तथा सीधी में ही साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 5% से अधिक है। प्रदेश के शेष 45 जिलों में संक्रमण 5% या उससे कम है।

15 हजार 870 मरीजों का नि:शुल्क इलाज

प्रदेश में 15 हजार 870 कोरोना मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। इनमें से 8814 मरीजों का शासकीय अस्पतालों में, 1270 मरीजों का अनुबंधित अस्पतालों में तथा 5786 मरीजों का मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के अंतर्गत सम्बद्ध अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। कोविड उपचार योजना में आज की स्थिति में 9 करोड़ 5 लाख 43 हजार रूपये व्यय किया गया है।

सभी के सहयोग से कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आया : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मंत्रियों की पाँच समितियाँ तय करेंगी कोरोना संक्रमण नियंत्रण की आगामी रणनीति
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक के पूर्व किया मंत्रि-परिषद को संबोधित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक के पूर्व अपने संबोधन में कहा कि मंत्रि-परिषद के सभी साथियों, प्रदेश की जनता, सभी क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, जन-प्रतिनिधियों के अथक प्रयासों, निरंतर सहयोग और कड़ी मेहनत से कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन समन्वित प्रयासों के लिए सभी का आभार माना।

प्रदेश के 34 जिलों का पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत या उससे कम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के प्रकरण लगातार कम होते जा रहे हैं। मध्यप्रदेश कोरोना को नियंत्रित करने की स्थिति में आता जा रहा है। आज 2 हजार 422 पॉजिटिव केस आए जबकि स्वस्थ हुए व्यक्तियों की संख्या 7 हजार 373 है। स्वस्थ होने की दर लगातार बढ़ रही है। रिकवरी रेट 92.68 प्रतिशत हो गया है। कल 15 जिलों आगर-मालवा, भिण्ड, अशोकनगर, अलीराजपुर, खण्डवा, बड़वानी, बुरहानपुर, मण्डला, झाबुआ, नरसिंहपुर, सिंगरौली, निवाड़ी, डिण्डौरी, शाजापुर, टीकमगढ़ में कोरोना के प्रकरण 10 से कम आए हैं। भिंड और आगर मालवा में तो मात्र एक-एक केस आया है। जिला प्रशासन और क्राइसिस मैनेजमेंट समितियाँ लगातार इसी प्रकार कार्य करती रही तो 31 मई तक संपूर्ण प्रदेश में कोरोना के प्रकरण शून्य हो जाएंगे। प्रदेश के 34 जिलों का पॉजिटिविटी रेट भी 5 प्रतिशत या उससे कम रहा है। यह बड़ी उपलब्धि है।

किसी भी कोरोना संक्रमित को सुपर स्प्रेडर नहीं बनने दिया जाएगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भविष्य में कोरोना से लड़ने की रणनीति जनता की सहभागिता से ही बनाई जाएगी। हमारा प्रयास है कि कोरोना के न्यूनतम केस हों। इस स्थिति में जहाँ भी संक्रमण फैले, उसे तत्काल नियंत्रित किया जा सकता है। एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ हो रही है। पूरे प्रदेश में सघन टेस्टिंग लगातार जारी रहेगी और कोविड केयर सेंटर चलते रहेंगे। टेस्टिंग में जो भी कोरोना प्रकरण आए उसका होम आइसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में इलाज सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही कान्टेंक्ट ट्रेसिंग कर अन्य प्रभावितों का आवश्यकतानुसार उपचार किया जाएगा। किसी भी कोरोना संक्रमित को सुपर स्प्रेडर नहीं बनने दिया जाएगा।

कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना आवश्यक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को तीसरी लहर से बचाने के लिए आवश्यक रणनीति बनानी होगी। कोविड अनुकूल व्यवहार के अंतर्गत मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने और भीड़ नहीं लगाने जैसे नियमों को अपने व्यवहार का भाग बनाना होगा। इससे संक्रमण और कोरोना प्रभावितों की संख्या एकदम से नहीं बढ़ेगी। यह रणनीति समाज के सहयोग के बिना संभव नहीं है।

जन-सहभागिता से होगा बेहतर कोविड प्रबंधन सुनिश्चित

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड संक्रमण पर आगामी रणनीति निर्धारित करने के लिए पाँच विषयों पर मंत्री गण की समितियाँ बनायी जाएगा। इसके अंतर्गत क्रमशः टीकाकरण अभियान समिति, अनलॉक प्रक्रिया निर्धारण समिति, कोविड अनुकूल व्यवहार जागरूकता समिति, ऑक्सीजन आत्म-निर्भरता समिति और अस्पताल प्रबंधन एवं सुविधाओं को उपलब्ध कराने संबंधी समिति होगी। यह समितियाँ आवश्यकतानुसार जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, विकासखंड क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी और ग्राम तथा नगर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी से सलाह-मश्वरा कर अपनी अनुशंसाएँ सरकार को प्रस्तुत करेंगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम जनता के साथ मिलकर आगामी सभी रणनीतियाँ निर्धारित करेंगे। इससे हमें जनता का अधिक सहयोग और सहभागिता प्राप्त होगी और जन-सहभागिता से बेहतर कोविड प्रबंधन सुनिश्चित होगा। प्रदेश की जनता तय करेगी कि प्रदेश को अनलॉक की ओर कैसे ले जाना है और भविष्य में व्यवस्थाओं का संचालन किस प्रकार से किया जाना है।

कोरोना नियंत्रण में है, अब आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए जुटना होगा: मुख्यमंत्री श्री चौहान

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य 2023 तक प्राप्त किये जाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर अधिकारियों को किया संबोधित  

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड के विरूद्ध युद्ध के साथ-साथ आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से काम करना होगा। कोविड के विरूद्ध लड़ाई जारी रहेगी पर दूसरी गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करना है। कोरोना संक्रमण के कारण राजस्व और विकास के कार्य प्रभावित हुए हैं, परंतु उपार्जन, मनरेगा और तेंदूपत्ता तुड़ाई का काम निर्बाध रूप से जारी रहा। अगस्त 2020 में हमने व्यापक विचार-विमर्श कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बनाकर सभी क्षेत्रों में लक्ष्य निर्धारित किये थे। इस दिशा में हम तेजी से कार्य कर रहे थे। परंतु कोरोना की आपदा के कारण इनमें से कई कार्य धीमे पड़े या रूक गये। प्रदेश में अब कोरोना नियंत्रण में है, अत: हमें एक बार फिर तेजी से इस दिशा में कार्य आरंभ करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के मुख्य बिन्दुओं पर संबंधित अधिकारियों को मंत्रालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए इस प्रकार की गतिविधियाँ जारी रहेंगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के रोडमैप के चार मुख्य आधार स्तम्भ क्रमश: भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, शिक्षा और स्वास्थ्य तथा अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार हैं। स्वास्थ्य के अंतर्गत कोरोना की तीसरी संभावित लहर का सामना करने के उद्देश्य से डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, ऑक्सीजन में आत्म-निर्भरता, आवश्यक अधोसंरचना विकास और उपकरणों की आपूर्ति जैसे कार्य करना है। इसके साथ ही अर्थ-व्यवस्था और रोजगार के क्षेत्र में भी तेजी से गतिविधियाँ बढ़ानी हैं।  जब कोरोना का प्रकोप अधिक नहीं था उन दिनों लगभग 1900 एमएसएमई ईकाइयों का लोकार्पण किया गया था। रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए इस प्रकार की गतिविधियाँ जारी रहेंगी।

आठ मिशनों में संचालित हों गतिविधियाँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के अंतर्गत निर्धारित अधिकांश गतिविधियों की समय सीमा वर्ष 2023 है। कोरोना के कारण गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं। आत्म-निर्भर भारत के अंतर्गत आठ मिशन क्रमश: मिशन अर्थ, मिशन दक्ष, मिशन जनगण, मिशन निरामय, मिशन बौधि, मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय के अंतर्गत गतिविधियाँ संचालित की जाना हैं। सभी मिशनों के अंतर्गत कार्यों को गति देते हुए इनकी मानिटरिंग आत्म-निर्भर पोर्टल के माध्यम से करना तत्काल आरंभ किया जाए।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए उत्साह से करें कार्य 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में 906 गतिविधियाँ और 3 हजार 25 उप गतिविधियाँ आरंभ की गई थीं। यह प्रसन्नता का विषय है कि 796 गतिविधियाँ अब तक पूर्ण भी हो चुकी हैं। इस दिशा में हमें पुन: उत्साह से लगातर कार्य करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि सम-सामयिक कार्यों जैसे वर्षा काल की तैयारी,सड़कों का रख-रखाव, विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, उपार्जन, बोवनी की तैयारियों की निरंतर समीक्षा भी आवश्यक है।      

मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना को मंत्रि-परिषद का अनुमोदन

एक करोड़ वैक्सीन क्रय करने के लिये उच्च-स्तरीय समिति का गठन
महिलाओं के लिये सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम की मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक हुई। मंत्रि-परिषद की बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान, राज्य शासन के नियोजन में कार्यरत नियमित, स्थाईकर्मी, कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ, संविदा, कलेक्टर दर, आऊटसोर्स, मानदेय के रूप में कार्यरत शासकीय सेवक, सेवायुक्त जिनकी शासकीय सेवा में कार्यरत रहने के दौरान मृत्यु हो जाती है, उनके पात्र आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के लिये 'मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना' लागू करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के व्यक्तियों को कोविड-19 का टीका लगाने के लिय ग्लोबल टेंडर के माध्यम से एक करोड़ वैक्सीन डोज क्रय करने के लिए मध्यप्रदेश हेल्थ कार्पोरेशन को अधिकृत किया। वैक्सीन क्रय की निविदा प्रक्रिया का तकनीकी परीक्षण करने एवं वित्तीय प्रस्ताव स्वीकृत करने के लिए उच्च-स्तरीय समिति के गठन का निर्यण लिया गया। तकनीकी परीक्षण के बाद निविदाकारों के वित्तीय प्रस्तावों का परीक्षण कर वैक्सीन क्रय के लिये दर निर्धारण की कार्यवाही का प्रस्ताव मंत्रि-परिषद के समक्ष स्वीकृति के लिये प्रस्तुत किया जायेगा।

कोरोना महामारी के दौरान जारी निर्देशों/ राशि का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने कोरोना महामारी से निपटने के लिये तात्कालिक एवं आकस्मिक व्यय जिनका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता था एवं राज्य के बाहर के प्रवासी श्रमिकों के परिवहन आदि की आवश्यकताओं के लिये जारी निर्देशों/राशि का अनुमोदन दिया।

मंत्रि-परिषद ने कोविड-19 महामारी के रोकथाम में अप्रत्याशित व्ययों के लिये, जो एस.डी.आर.एफ. के मापदण्डों में अनुमत्य नहीं थे जैसे मजदूरों की यातायात व्यवस्था के लिए, राहत शिविरों के संचालन के लिये (एस.डी.आर.एफ. में अनुमत्य व्ययों को छोड़कर), 52 जिलों को व्यय अनुमति के लिये जारी निर्देशों का कार्योत्तर अनुमोदन किया।

मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फँसे श्रमिकों को मध्यप्रदेश में ट्रेनों के माध्यम से लाने के लिये की गई कार्यवाही का कार्योत्तर अनुमोदन दिया।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान मध्यप्रदेश राज्य के ऐसे मजदूर, जो अन्य राज्यों में फँसे हुए थे, की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति को ध्यान में रखते हुए उनके बैंक अकाउंट/ ई-वॉलेट के माध्यम से 1000 रूपये हस्तांतरित करने का प्रावधान करते हुए लागू की गई मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना का मंत्रि-परिषद ने कार्योत्तर अनुमोदन किया।

मंत्रि-परिषद ने कोरोना रोकथाम के लिये लॉकडाउन के दौरान प्रशासनिक दायित्वों के निर्वहन के लिये नायब तहसीलदारों को एक अप्रैल से 31 मई 2020 तक दो माह के लिए किराये के वाहन के लिये जारी निर्देशों का कार्योत्तर अनुमोदन दिया।

मंत्रि-परिषद ने कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के ठहरने के लिये क्वारंटीन सेंटर के रूप में संचालित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा होटलों का अधिग्रहण के लिये की गई कार्यवाही का अनुमोदन दिया।

महिलाओं के लिये सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम

मंत्रि-परिषद ने वित्तीय वर्ष 2020-2021 से 2022-2023 की अवधि में 'महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम' को संचालन करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस कार्यक्रम के संचालन के लिये वर्ष 2020-21 के लिये 10 करोड़ 40 लाख 78 हजार 100 रूपये, वर्ष 2021-22 के लिये 10 करोड़ 5 लाख 51 हजार 360 रूपये तथा वर्ष 2022-23 के लिये 7 करोड़ 52 लाख 37 हजार 246 रूपये कुल 27 करोड़ 98 लाख 66 हजार 706 रूपये की राशि व्यय करने की स्वीकृति भी दी।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अंतर्गत विभागीय भर्ती नियमों में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के स्वीकृत पदों पर 100 प्रतिशत पदोन्नति संबंधी प्रावधान में संशोधन करते हुए 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से एवं शेष 75 प्रतिशत पूर्ववत पदोन्नति से भरे जाने की स्वीकृति प्रदान की। उक्त प्रावधान विभागीय भर्ती नियमों में समाहित करने के बाद प्रदेश के आमजन को विशेषज्ञ सेवाएँ उपलब्ध कराए जाने के लिये सीधी भर्ती से विशेषज्ञों की भर्ती की कार्यवाही की जा सकेगी।

आमजन को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएँ प्रदान करने के लिये प्रदेश में द्वितीय श्रेणी पी.जी.चिकित्सकों को विभाग में सेवाओं के लिए आकर्षित करने के लिए चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण करने के बाद का क्रमोन्नति के रूप में विशेषज्ञ के पद पर आगामी ग्रेड-पे (5400 से 6600) स्नातकोत्तर डिग्रीधारी चिकिसकों को दो वर्ष की सेवा उपरांत एवं स्नातकोत्तर डिप्लोमाधारी चिकित्सकों को तीन वर्ष की नियमित सेवा के बाद दी जा सकेगी।

विभाग में पहले से कार्यरत चिकित्सकों के सीधी भरती प्रक्रिया में विशेषज्ञ के पद पर चयनित होने पर उनकी पूर्व सेवाएँ, पेंशन के लिये अर्हतादायी सेवा गणना में शामिल की जायेगी।

कैम्पा निधि

मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन द्वारा प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) अंतर्गत वर्ष 2021-22 की वार्षिक प्रचालन कार्य योजना (ए.पी.ओ.) के क्रियान्वयन के लिये राशि 776 करोड़ 97 लाख रूपये के कैम्पा निधि से उपयोग का अनुमोदन किया।

उपार्जन संबंधी

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में रबी 2020-21 (रबी विपणन वर्ष 2021-22) में भारत सरकार की पी.एस.एस. अंतर्गत चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन के लिये पंजीकृत कृषकों से राज्य उपार्जन एजेंसी 'मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ' द्वारा करने का निर्णय लिया।

पर ड्रॉप मोर क्रॉप

उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग के अंतर्गत क्रियान्वित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाय) के घटक पर ड्रॉप मोर क्रॉप (माइक्रो इरीगेशन) को 1 अप्रैल 2021 के बाद भी वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक निरन्तर रखे जाने की अनुमति मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदान की गई।

वित्तमंत्री श्री देवड़ा ने मंदसौर में ली जिला क्राइसिस मैनेजमेंट समिति की बैठक

वित्त, वाणिज्यकर, योजना,आर्थिक एवं साख्यिकी मंत्री एवं मंदसौर जिले के कोविड-19 प्रभारी श्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को मंदसौर जिला कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला क्राइसिस मैनेजमेंट समिति की बैठक ली। कोरोना की परिस्थितियों की समीक्षा करते हुए जनता कर्फ्यू एवं आगामी रणनीति को लेकर चर्चा की गई।

मंत्री श्री देवड़ा ने घटती पॉजिटिविटी दर एवं जिले में कोरोना के उपचार को लेकर किए गए विभिन्न नवाचारों को लेकर स्थानीय प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। अत: सतर्कता बरतते हुए मरीजों का प्रभावी उपचार किया जाये। श्री देवड़ा ने मंदसौर जिले में खोले गए कोविड केयर सेंटर पर सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में चल रहे ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण कार्य को अतिशीघ्र पूरा किए जाये। मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह कोरोना के खिलाफ सभी को एकजुट कर अनिवार्य सेवाओं को प्राथमिकता दी है, उसी तर्ज पर पॉजिटिविटी रेट शून्य पर ले जाने तक हमें सतर्कता बनाए रखना होगा। इसके बाद भी सभी नागरिक मास्क का प्रयोग एवं अन्य सावधानियाँ बनाये रखे।

बैठक में सांसद श्री सुधीर गुप्ता, विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, कलेक्टर सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

ऑक्सीजन समृद्ध प्रदेश बनाने जन-भागीदारी से शुरू होगा अंकुर कार्यक्रम

सफल पौध-रोपण करने वालों को मुख्यमंत्री प्रदान करेंगे "प्राणवायु अवार्ड''
प्रतिभागियों को डाउनलोड करना होगा 'वायुदूत एप'

राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धि, स्वच्छ पर्यावरण और प्राणवायु से समृद्ध प्रदेश बनाने के उद्देश्य से आगामी मानसून में जन-सहभागिता से व्यापक स्तर पर पौध-रोपण के लिये 'अंकुर कार्यक्रम' आरंभ होगा। कार्यक्रम के तहत फलदार-छायादार वृक्षों का पौध-रोपण और देखभाल करने वाले जिलेवार चयनित विजेताओं को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 'प्राणवायु'' अवार्ड से सम्मानित कर प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगे। कार्यक्रम में भाग लेने के लिये प्रतिभागियों को गूगल प्ले स्टोर से 'वायुदूत एप'' डाउनलोड कर पंजीयन कराना होगा। प्रतिभागियों को स्वयं के संसाधन से कम से कम एक पौध का रोपण कर पौधे की फोटो तथा एक माह बाद पुन: रोपित पौधे की नई फोटो एप पर डाउनलोड कर प्रतिभागी सहभागिता प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिये पर्यावरण नियोजन समन्वय संगठन (एप्को) को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण श्री मलय श्रीवास्तव ने सभी जिला कलेक्टरों को जिला नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर नाम, उपनाम, ई-मेल आईडी आदि कार्यपालन संचालक एप्को को भेजने के निर्देश दिये हैं। जिला नोडल अधिकारी स्थानीय वेरीफायर का नाम एप में डाउनलोड करेंगे, जो चयनित प्रतिभागियों के पौध-रोपण कार्य को सत्यापित करेंगे। विजेताओं की सूची वायुदूत एप में अपलोड की जायेगी।

विजेताओं को 'वृक्षवीर'' और 'वृक्ष वीरांगना'' के रूप में जाना जायेगा। विजेताओं में 50 प्रतिशत पुरुष और 50 प्रतिशत महिलाएँ होंगी। इसी तरह आधे पुरस्कार ग्रामीण और आधे शहरी क्षेत्र के लिये होंगे।

पौध-रोपण घर के आँगन, शासकीय, अशासकीय भूमि, सामुदायिक स्थानों पर किये जा सकेंगे। पौध-रोपण के पहले प्रतिभागी को संबंधित भू-स्वामी से सहमति लेनी होगी। शासकीय और सामुदायिक स्थल पर किये गये पौध-रोपण से भविष्य में होने वाले लाभों के प्रथम हकदार समाज या राज्य शासन होंगे। यह शर्त निजी भूमि पर लागू नहीं होगी। पौध-रोपण से प्रतिभागी को उक्त भूमि के स्वामित्व का कोई अधिकार नहीं होगा। प्रतिभागी केवल प्रतियोगिता के संभावित पुरस्कार के ही हकदार होंगे। इच्छुक प्रतिभागियों को स्थल एवं वृक्ष प्रजाति का चयन और पौधे की सुरक्षा स्वयं करना होगी।

अभी तक 3 लाख 2 हजार 641 कोरोना मरीजों तक पहुँची मेडिकल किट

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार होम आइसोलेट कोरोना मरीजों को मेडिकल किटों का वितरण लगातार जारी है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि अभी तक 52 जिलों में 3 लाख 2 हजार 641 मेडिकल किट वितरित की जा चुकी हैं।

मंत्री श्री सिंह ने बताया है कि 18 अप्रैल से 24 मई के मध्य नगरीय क्षेत्रों में फ़ीवर क्लीनिक एवं होम डिलीवरी के माध्यम से 3 लाख 2 हजार 641 मेडिकल किट कोविड मरीज़ों को उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि 18 अप्रैल को 12 हजार 583, 19 अप्रैल को 16 हजार 914, 20 अप्रैल को 11 हजार 465, 21 अप्रैल को 10 हजार 327, 22 अप्रैल को 11 हजार 76, 23 अप्रैल को 11 हजार 17, 24 अप्रैल को 10 हजार 658, 25 अप्रैल को 9 हजार 497, 26 अप्रैल को 9 हजार 360, 27 अप्रैल को 9 हजार 705, 28 अप्रैल को 11 हजार 141, 29 अप्रैल को 9 हजार 347, 30 अप्रैल को 8 हजार 958, एक मई को 10 हजार 253, 2 मई को 9 हजार 112, 3 मई को 8 हजार 439, 4 मई को 9 हजार 301, 5 मई को 8 हजार 455, 6 मई को 8 हजार 866, 7 मई को 7 हजार 983, 8 मई को 7 हजार 746, 9 मई को 7 हजार 450, 10 मई को 7 हजार 248, 11 मई को 7 हजार 387, 12 मई को 7 हजार 931 ,13 मई को 7 हजार 388 ,14 मई को 6 हजार 618, 15 मई को 6 हजार 687 कोविड, 16 मई को 5 हजार 814, 17 मई को 5 हजार 401, 18 मई को 4 हजार 822,19 मई को 4 हजार 830 ,20 मई को 5 हजार 28, 21 मई को 3 हजार 944, 22 मई को 3 हजार 640, 23 मई को 3 हजार 361 और 24 मई को 2 हजार 889 मरीजों को मेडिकल किट वितरित की गई हैं।

इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना की स्थिति में सुधार हो रहा है

31 मई तक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को कोरोना मुक्त करने का लक्ष्य
जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने ली समीक्षा बैठक

इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। रिकवरी रेट बेहतर हो रहा है और पॉजिटिविटी दर लगातार गिर रही है। जिले में आगामी 31 मई तक यह प्रयास किया जाएगा कि सभी गांव कोरोना से मुक्त हो जाएं।

 जल संसाधन तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने  ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति की समीक्षा बैठक में कहा की ऐसे प्रयास किये जाए कि हर हाल में 31 मई तक जिले के सभी गाँव कोरोना से मुक्त हो जाए। अभी वर्तमान में जनता कर्फ्यू का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। गाँव का व्यक्ति गाँव में ही रहे। श्री सिलावट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना कर्फ्यू निरंतर जारी रखा जाए।  

बैठक में बताया गया कि जिले की 312 ग्राम पंचायतों में 603 गाँवों में कोरोना मुक्ति का अभियान चलाया जा रहा है। पिछले दो माह में 7599 मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमित पाए गए। इनमें से 6613 का उपचार करा कर उन्हें स्वस्थ किया गया। शेष मरीजों का उपचार चल रहा है। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग साढ़े तीन हजार लोगों की प्रतिदिन जांच की जा रही है। पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है। कल 24 मई को मात्र 58 मरीज ही पॉजिटिव पाए गए।

श्री सिलावट ने कहा कि  ऐसे मरीज जो कोरोना से संक्रमित है, उन्हें उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर में अनिवार्य रूप से भर्ती कराया जाए। कोई भी संक्रमित मरीज घर में नहीं रहे। सभी को कोविड केयर सेंटर में दाखिल कर उपचार कराया जाए। सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित सभी मरीजों की टेस्टिंग अनिवार्य रूप से हो।

 सर्वे कार्य में जनप्रतिनिधि भी सहयोग करें। कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की ट्रेसिंग की जाये। क्षेत्र में जहां अधिक मरीज आ रहे हैं उन क्षेत्रों को चिन्हित कर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाये। गरीब परिवारों को तीन माह के राशन वितरण की ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, जिससे राशन दुकानों पर भीड़ एकत्र ना हो।

मेडिकल किट का वितरण सुचारू रूप से किया जाये। कोरोना से माता-पिता की मृत्यु होने के कारण अनाथ हुये बच्चों की जानकारी एकत्र कर उन्हें 5 हजार रूपये प्रति माह पेंशन, मुफ्त राशन दिये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत पात्र हितग्राहियों की सहायता की जाये। 

श्री सिलावट ने कहा कि डी.ए.पी. खाद बोरी पर 1200 रूपये की सब्सिडी की व्यवस्था हो। कोरोना पीड़ित का जिले के कम से कम 80 प्रतिशत प्रायवेट अस्पतालों में निःशुल्क ईलाज हो सके ऐसी व्यवस्था की जाये। आगामी मौसम को देखते हुये किसानों के लिए बीज एवं खाद की आवश्यकता का आंकलन करवाया जाय। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुये खाद एवं बीज उपलब्ध कराने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये है।

सभी आनंदक भारतीय संस्कृति के सच्चे संवाहक - मंत्री सुश्री ठाकुर

आध्यात्म विभाग का अनुभूति कार्यक्रम हुआ वर्चुअली आयोजित

 सभी आनंदक भारतीय संस्कृति के सच्चे संवाहक है। लोकोपकार करना, दूसरों के दुख दूर करने के लिए तन-मन-धन से खड़े हो जाना और मानव के साथ-साथ जीव-जंतुओं के लिए दया और करुणा का भाव, एक आनंदक का मूल स्वभाव और भारतीय मिट्टी का संस्कार है। यह बात संस्कृति, पर्यटन और आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने आध्यात्म विभाग के राज्य आनंद संस्थान द्वारा वर्चुअली आयोजित कार्यक्रम 'अनुभूति' के दौरान, इंदौर और उज्जैन संभाग के आनंदकों को संबोधित करते हुए कही। सुश्री ठाकुर ने गोस्वामी तुलसीदास की पंक्तियाँ 'पर हित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई॥' दोहराते हुए कहा कि दूसरों की भलाई के समान कोई धर्म नहीं है और आप सभी आनंदकों द्वारा की जा रही जन-मानस की निःस्वार्थ सेवा अनुकरणीय है। सुश्री ठाकुर ने कोविड-19 संकट के समय में आनंदको द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की, साथ ही उन्हें ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और ओजोन परत संरक्षण के लिए वृक्षारोपण और यज्ञ करने के लिए प्रोत्साहित भी किया।

कार्यक्रम में इंदौर और उज्जैन संभाग के आनंदकों ने आनंद के प्रसार में किये गये प्रयासों का प्रस्तुतिकरण मंत्री सुश्री ठाकुर के सामने किया। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट काल के समय आम जन-मानस में मनोबल बढ़ाने, मानसिक तनाव को दूर करने और स्वस्थ जीवन-शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिये विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। सभी 14 जिलों में आनंद क्लब और आनंदक कार्यकर्ताओं के माध्यम से मास्क वितरण, सैनिटाइजर वितरण, रक्तदान और प्लाज्मा दान, राशन वितरण के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था और मेडिसिन वितरण का कार्य भी किया जा रहा है। इंदौर में म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से लोगों का तनाव दूर किया जा रहा हैं। वहीं बड़वानी में अन्य सामाजिक संगठन जैसे लायंस क्लब के सहयोग से गरीब और जरूरतमंदों को भोजन वितरण भी किया जा रहा है

कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य आनंद संस्थान श्री अखिलेश अर्गल सहित इंदौर और उज्जैन संभाग के आनंद क्लब के प्रतिनिधि वर्चुअली उपस्थित रहे।

ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिये इंजेक्शन की उपलब्धता के उठाये गये कदम

राज्य शासन द्वारा ब्लैक फंगस (म्यूकारमाइकोसिस) के उपचार के लिये इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी की सुगम उपलब्धता के प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। जरूरतमंदों को इंजेक्शन आसानी से, सही दरों पर उपलब्ध हो सकें, इसके लिये औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिये गये हैं कि इंजेक्शन की कालाबाजारी पर कड़ी नजर रखें।

प्रदेश में आज दिनांक तक 5 हजार 708 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, जो निर्धारित मापदण्ड के अनुसार निजी और शासकीय चिकित्सालयों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं।

नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) मीडिया बुलेटिन

प्रदेश को कोरोना मुक्त करने के लिए "किल कोरोना-4" अभियान

25 मई से 31 मई तक चलाये जाने के निर्देश जारी

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय अनुसार 31 मई, 2021 तक संपूर्ण प्रदेश को कोरोना मुक्त करने के लिए विशेष रूप से एक्टिव केस युक्त ग्राम एवं शहरी क्षेत्रों में कोरोना के हॉट-स्पॉट का चिन्हांकित कर कोरोना को समाप्त करने के लिए 'किल कोरोना-4' अभियान चलाया जा रहा है। इस संबंध में स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने समस्त कलेक्टर, सी.ई.ओ. जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी और नगर पंचायत अधिकारी को 25 से 31 मई तक 'किल कोरोना-4' अभियान चलाने के निर्देश जारी किये हैं।

कोविड की प्रथम लहर में व्यापक रूप से कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की गई थी। कोविड की दूसरी लहर में पॉजिटिव लोगों की संख्या तेजी से कम हो रही है। ऐसी स्थिति में कोरोना का संक्रमण समाप्त करने के लिए पुन: कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की कार्यवाही की जाये। परिपत्र में किल कोरोना अभियान में औषधियों के वितरण के साथ सर्दी, खाँसी, बुखार के मरीजों की टेस्टिंग कर उन्हें कोविड केयर सेन्टर में पृथक से आइसोलेट किया जाना है।

स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने परिपत्र में किल कोरोना-4 में ग्रामीण क्षेत्रों में रणनीति तैयार करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं, जिसमें किसी भी ग्राम में एक या अधिक एक्टिव केस हो तो ऐसे ग्रामों में पुन: डोर-टू-डोर सर्वे कराकर स्क्रीनिंग की जाये। ग्राम स्तर पर स्क्रीनिंग के लिए गठित प्राथमिक दल में आशा, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, साहायिका, ग्राम रोजगार सहायक के साथ दल में जन अभियान परिषद् के प्रस्फुटन समिति के सदस्य एवं नगर पंचायत के लिए नगर पंचायत के मैदानी कर्मचारी को भी शामिल किया जाए।

परिपत्र में द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दल को गठित करने के भी निर्देश जारी किये गये हैं, जिसमें आशा, सहयोगिनी, ए.एन.एम, सी.एच.ओ, एल.एच.व्ही, पुरूष सुपरवाईजर, मलेरिया सुपरवाईजर, लेप्रोसी सुपरवाईजर, बी.ई.ई, एस.टी.एस, एस.टी.एल.एस, पंचायत सचिव और आँगनबाड़ी सुपरवाईजर शामिल रहेंगे। द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दल प्राथमिक दल के द्वारा दी गई सूची की पुष्टि के आधार पर उन घरों में पुन: बुखार एवं कोरोना के लक्षण के संभावित रोगियों को लक्षण के अनुसार औषधियां उपलब्ध करायेंगे। ग्रामों की संख्या के आधार पर द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दलों की संख्या निर्धारित की जायेगी। प्रत्येक दल में स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी अनिवार्य होगा। कोविड के लक्षण वाले रोगियों को फीवर क्लीनिक में जांच के लिए रिफर किया जाये।

संदिग्ध रोगियों की जांच की पुष्टि होने तक उन्हें होम क्वारंटाइन किया जाये अथवा ग्राम पंचायत भवन में संस्थागत क्वारंटाइन किया जाये। क्वारंटाइन रोगियों में कोविड की पुष्टि होने पर होम आइसोलेशन, ब्लॉक स्तरीय कोविड केयर सेन्टर एवं जनपद पंचायत के सेन्टरों पर आइसोलेट किया जाये। ग्रामीण क्षेत्रों को कोविड-19 के एक्टिव केसों की संख्या के आधार पर 3 जोन में विभाजित किया जाये, जिसमें 5 से अधिक एक्टिव केस हैं वाले ग्राम को लाल जोन, एक से चार एक्टिव केस वाले ग्राम को पीला जोन एवं जीरो एक्टिव केस वाली ग्राम पंचायत को हरे जोन में विभाजित किया जाये।

परिपत्र में शहरी रणनीति में हॉट-स्पॉट क्षेत्रों को चिन्हांकन किया जाये और उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाये। इन क्षेत्रों में कोविड पॉजिटिव पाये जाने पर उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाये। इसके अलावा संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए माईक्रोकन्टेन्मेंट जोन बनायें जायें। परिपत्र में जिला प्रशासन द्वारा महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों एवं जन अभियान परिषद् के जिला प्रतिनिधियों के साथ समन्वित रणनीति तैयार कर किल कोरोना-4 अभियान का संचालन 25 मई, 2021 से सुनिश्चित किया जाये।

पैरामेडिकल संवर्ग की संयुक्त भर्ती परीक्षा 2020

प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा पैरामेडिकल संवर्ग में लैब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर एवं नेत्र सहायक के पदों के लिए संयुक्त लिखित परीक्षा 2020 में आयोजित की गई थी। बोर्ड द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में जो अभ्यार्थी मेरिट लिस्ट में आये हैं, उनको संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ मध्यप्रदेश द्वारा संभाग और जिले आवंटित किये गये हैं। प्रत्येकअभ्यार्थी अपने आवंटित क्षेत्रिय संचालक कार्यालय में मूल दस्तावेजों के सत्यापन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के लिए सात दिन के अंदर उपस्थिति सुनिश्चित करें।

विस्तृत जानकारी तथा दिशा निर्देश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाईट www.health.mp.gov.in पर उपलब्ध है।

श्री पटेल ने हरदा में किया पोस्ट कोविड वार्ड का लोकर्पण

 किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने मंगलवार को हरदा के जिला चिकित्सालय में पोस्ट कोविड-वार्ड का लोकार्पण किया। 

मंत्री श्री पटेल ने बताया कि कोविड के बाद आने वाली दूसरी बीमारियों से इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में 11 बेड के पोस्ट कोविड वार्ड का लोकार्पण किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड से ठीक हो जाने के बाद कई दूसरी बीमारियाँ भी लोगों को घेर रही हैं, जिससे निपटने के लिए हरदा जिला अस्पताल में अलग से कोविड वार्ड खोला गया है। श्री पटेल ने जनता से आह्वान किया है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए नियमों का पालन करें।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वस्त किया है कि प्रदेश के जबलपुर, भोपाल, इंदौर, रीवा और ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस का इलाज निःशुल्क किया जायेगा।

आईआरएडी एप के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश पुलिस शिखर की ओर: एडीजी श्री सागर

पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान  पीटीआरआई  और अन्य विभाग, भारत सरकार के निर्देशानुसार आईआरएडी एप के क्रियान्वयन में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नोडल अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री डी.सी. सागर ने बताया है कि सड़क दुर्घटनाओं के डाटा प्रविष्टिकरण में शीघ्र ही मध्यप्रदेश पुलिस विभाग शीर्ष पायदान पर होगा। अभी हम नम्बर एक तमिलनाडु से मात्र 292 प्रविष्टियों से पीछे हैं।

श्री सागर ने बताया हैं कि आईआरएडी एप में मध्यप्रदेश पुलिस ने 7 हजार 632  सड़क दुर्घटनाओं की प्रविष्टि की है, जबकि तमिलनाडु पुलिस ने  कुल 7 हजार 924 प्रविष्ठियाँ की हैं।  इस प्रकार समग्र डाटा का तुलनात्मक अध्ययन करने पर स्पष्ट है कि प्रदेश मात्र 292 प्रविष्टियों से पीछे हैं। श्री सागर ने कहा कि हम इस अंतर को बहुत जल्दी समाप्त कर आईआरएडी एप में प्रविष्टियों के मामले में नंबर वन होंगे।

श्री सागर ने बताया कि आगामी दिनों में मध्यप्रदेश पुलिस विभाग सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित आईआरएडी एप में दर्ज आँकडों का त्वरित और सटीक विश्लेषण कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई करेगी। इससे सड़कें सुरक्षित होंगी और जनता सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं से स्वयं को महफूज रख पायेगी। जनता को सड़कों पर दुर्घटनाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

एडीजी श्री सागर ने बताया कि सुप्रसिद्ध कवि श्री सोहनलाल द्विवेदी की कविता, 'कोशिश करने वालों की हार नहीं होती' उत्साहजनक और  उत्साहवर्धक है, जो नवीन ऊर्जा का संचार करने में सफल है। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा महकमा अन्य विभागों के साथ मिलकर शिखर पर पहुँचने के लिए निरंतर परिश्रम कर रहे हैं।

सकारात्मक संकेत है अनूपपुर में पॉजिटिविटी की दर का घटना - खाद्य मंत्री श्री सिंह

31 मई तक कोरोना को करें जड़ से समाप्त

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि अनूपपुर में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर निरंतर घट रही है। ये आँकड़े सकारात्मक संदेश देते हैं। मंत्री श्री सिंह अनूपपुर में भालूमाड़ा में विकासखण्ड स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि अस्पतालों में इलाजरत गंभीर किस्म के मरीजों के उपचार में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दें। कोरोना संक्रमण को यथा-स्थान समाप्त करने के लिये माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर इलाज प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि एग्रेसिव टेस्टिंग को फॉलो करने से मरीजों को पहचान कर उनका शीघ्र उपचार प्रारंभ किया जा सकता है।

मंत्री श्री सिंह ने कमेटी के सदस्यों से कहा कि हर जिले में चुनौतियाँ अलग स्वरूप की हैं। आप अपने जिले की चुनौतियों को भली-भाँति समझते हैं। इसलिये आवश्यकता के अनुरूप कोरोना के खिलाफ कार्य-योजना बनानी चाहिये। मेरा मानना है कि आप लोगों की मेहनत एवं संयम का ही परिणाम है, जो इन आँकड़ों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि शासन के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। इससे कोरोना को हराना भी आसान होगा और प्रदेश और जिले को लंबे लॉकडाउन से भी बचाया जा सकेगा। हमारा ध्येय होना चाहिये कि 31 मई तक जिले को कोरोना मुक्त करें।

मादा तेंदुआ शावक को रेस्क्यू कर वन विहार में किया जा रहा इलाज

पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी के मोहगाँव बीट से शनिवार के दिन एक मादा तेंदुआ शावक को रेस्क्यू कर वन विहार राष्ट्रीय जू भोपाल में लाया गया। गंभीर अवस्था में लाये गये इस तेंदुए का स्वास्थ्य गंभीर स्थिति में है।

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के संचालक श्री रविन्द्र सक्सेना ने बताया कि 22 मई से ही इस तेंदूआ शावक का उपचार प्रारंभ कर दिया गया है। चिकित्सकों के एक दल, डॉ. अतुल शुक्ला, वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. प्रशांत और डॉ. रजत कुलकर्णी द्वारा मंगलवार को इसके स्वास्थ्य का पुन: परीक्षण किया गया है। वर्तमान में इसकी स्थिति स्थिर है और इसकी सतत निगरानी की जा रही है।

रामगढ़ गाँव से वर्चुअली कैबिनेट बैठक में भाग लिया मंत्री श्री पटेल ने

"मेरा गाँव कोरोना मुक्त अभियान" में किया 90 गाँव का दौरा

पशुपालन एवं सामाजिक न्याय मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल ने आज मेरा गाँव कोरोना मुक्त अभियान में बड़वानी जिले के पाटी विकासखंड की ग्राम पंचायत रामगढ़, मोरानी, गारा, कमलीझवर, रानीपुरा, कुंभ खेत, चारपाटिया, बेड़दा सहित 14 ग्रामों का भ्रमण किया। श्री पटेल ने इन गाँवों में ग्रामीणजनों से चर्चा कर मास्क लगाने, आपस मे उचित दूरी बनाकर रखने तथा अधिक से अधिक टीकाकरण कराने की अपील की। उन्होंने लोगों को कोरोना की भीषणता और उससे बचने के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

बड़वानी जिले के कोरोना प्रभारी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने ग्रामो में चल रहे अपने 'मेरा गाँव कोरोना मुक्त'' अभियान के दौरान मंगलवार को भोपाल में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अपने मोबाइल के माध्यम से रामगढ़ गाँव से वर्चुअली भाग लिया। श्री प्रेमसिंह पटेल ने मुख्यमंत्री को बताया कि अभी तक उन्होंने 90 ग्रामों में पहुँचकर लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन से होने वाले लाभों से अवगत कराया है तथा निःशुल्क सैनेटाइजर एवं मास्क का वितरण कर चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्री श्री पटेल के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इसे अनुकरणीय बताया। साथ ही विश्वास व्यक्त किया कि इन प्रयासों से बड़वानी जिला जल्दी कोरोना मुक्त होगा।

पर्चीविहीन हितग्राहियों को भी मिलेगा नि:शुल्क खाद्यान्न : प्रमुख सचिव श्री किदवई

4 लाख 53 हजार से अधिक को अस्थायी पर्ची जारी

प्रमुख सचिव खाद्य श्री फेज अहमद किदवई ने बताया कि प्रदेश में 19 मई 2021 तक 4 लाख 53 हजार 446 हितग्राहियों का सत्यापन किया जाकर पात्रता सूची पोर्टल पर प्रदशित करा दी गई है एवं नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण के लिए अस्थाई पर्ची जारी की जा रही हैं। जिसे हितग्राही स्वयं पोर्टल से अथवा स्थानीय निकाय से प्राप्‍त कर सकता है। हितग्राहियों को पात्रता पर्ची की सूचना उनके द्वारा पंजीकृत मोबाईल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से भेजी जा रही है।

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण में गरीब परिवारों को नि:शुल्क राशन वितरण में ऐसे परिवार जिनके पास खाद्यान्न पर्ची नहीं थी, के लिए अस्थाई खाद्यान्न पर्ची बनवाई जा रही है। प्रमुख सचिव खाद्य श्री फैज़ अहमद किदवई ने बताया कि आवेदक अपने आवेदन 31 मई तक निर्धारित प्रारूप में शपथ पत्र के साथ जमा करा सकते हैं। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में शेष हितग्राहियों को भी नि:शुल्क खाद्यान्न दिए जाने के लिए अस्थाई पर्ची बनाए जाने के आदेश प्रदान किये गये हैं।

स्थाई पर्ची भी की जाएंगी जारी

प्रमुख सचिव खाद्य श्री फैज अहमद किदवई ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित श्रेणियों में से पात्रता पर्चीविहीन अथवा छूटे हुए गरीब परिवारों को पात्रता संबंधी दस्तावेज एवं आधार नंबर उपलब्ध न होने संबंधी घोषणा पत्र के आधार पर नाम जोड़ने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत हितग्राही को निर्धारित प्रारूप में आपना आवेदन प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ एक घोषणा पत्र कि उसके पास पात्रता संबंधी प्रपत्र उपलब्ध नहीं है भी देना होगा, के आधार पर तीन माह के लिए अस्थाई पर्ची जारी की जाएगी। इस अस्थाई पर्ची के माध्यम से हितग्राही 5 माह का नि:शुल्क राशन प्राप्त कर सकेंगे।इस तीन माह में यदि आवेदक प्रपत्र उपलब्ध करवा देता है तो उसे स्थाई पर्ची भी जारी की जा सकेगी।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत हितग्राहियों को 3 माह (मई, जून एवं जुलाई) का राशन एक मुश्त प्रदान किया जाऐगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 2 माह मई एवं जून का राशन वितरित किया जायेगा। दोनों ही योजनाओं में 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य प्रतिमाह दिया जाएगा। जोड़े गए परिवारों के लिए गेहूँ एवं चावल का आवंटन जारी किया गया है। आवंटित खाद्यान्न के आने की प्रत्याशा में दुकान में उपलब्ध खाद्यान्न से ही हितग्राही को राशन वितरित किया जाए।

कोविड नियमों का पालन न करने पर लगायें 100 रुपये का अर्थदण्ड

क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में खाद्य मंत्री ने दिये निर्देश

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा कोविड-19 के जिला प्रभारी मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर कोविड की गाइड-लाइन का पालन न करने वालों के विरुद्ध 100 रुपये का अर्थदण्ड लगाया जाये एवं प्राप्त राशि को रेडक्रॉस सोसायटी में जमा करायें। मंत्री श्री सिंह अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ में विकासखण्ड स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि अनूपपुर जिले में पड़ने वाले सभी रेलवे स्टेशन पर अतिथि यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग एवं ऑक्सीजन लेवल जाँचने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। संक्रमण के लक्षण पाये जाने पर उसे उचित इलाज के लिये भेजें। जाँच के बाद ही शहर में किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश दें। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज यदि बाहर पाये जायें, तो उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती करा दिया जाये।

खाद्य मंत्री श्री सिंह ने बैठक में उपस्थित जन-प्रतिनिधियों से अपील की कि अपने-अपने क्षेत्र में स्थानीय निवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये जागरूकता अभियान चलायें। प्रभावित क्षेत्रों में मिनी माइक्रो कंटेनमेंट बनायें एवं लोगों की अनावश्यक आवाजाही को रोकें। उन्होंने कहा कि किल-कोरोना अभियान और टेस्टिंग जारी रखी जाये। लोग स्वयं निर्धारित करें कि वे मास्क लगायें, निर्धारित दूरी बनाये रखें एवं ब्लैक फंगस के प्रति लोगों को अभी से सतर्क रहने की जरूरत है। ब्लैक फंगस के लिये अभी से पृथक से कोविड केयर सेंटर बनायें जायें एवं आवश्यक उपकरण एवं दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

बैठक में कलेक्टर सुश्री सोनिया सिंह, अपर कलेक्टर श्री सरोधन सिंह, संसद सदस्य श्रीमती हिमाद्री सिंह, श्री बृजेश गौतम एवं पूर्व उपाध्यक्ष विंध्य विकास प्राधिकरण श्री रामदास उपस्थित थे।

कोरोना कर्फ्यू में अनलॉक की प्रक्रिया के लिये नागरिक दे सकते हैं सुझाव

31 मई तक एमपी मायगव के जरिये सुझाव आमंत्रित

कोरोना कर्फ्यू में अनलॉक की प्रक्रिया के लिये नागरिक अपने सुझाव mp.mygov.in के जरिये दे सकते हैं। कोरोना कर्फ्यू में ढील एवं प्रदेश को अनलॉक करने की दृष्टि से 31 मई तक व्हाट्सअप नम्बर 9098151870 और ई-मेल आई.डी. covid19.homemp@gmail.com पर भी सुझाव साझा किये जा सकते हैं।

कोरोना कर्फ्यू को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने एवं अनलॉक करने के संबंध में इन विषयों पर सुझाव माँगे गये हैं। कोरोना कर्फ्यू में अनलॉक कैसे चरणबद्ध तरीके से किया जाना चाहिये। कोरोना कर्फ्यू में अनलॉक करने की प्रक्रिया अंतर्गत किस तरह की गतिविधियों के संचालन में प्राथमिकता देते हुए छूट दी जानी चाहिये। इसी के साथ अन्य सुझाव आमंत्रित किये गये हैं।

पिछले दो महीने से पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर से उत्पन्न चुनौती और उसके खतरे का सामना कर रहा है। मध्यप्रदेश में सभी के सहयोग और परिश्रम से कोरोना संक्रमण अब काफी कुछ नियंत्रण में आ रहा है। कोरोना संक्रमण पर इस नियंत्रण को कायम रखने के लिये अधिकतम प्रयास करने होंगे। कोरोना संक्रमण एकदम से समाप्त होने वाला नहीं है। सरकार पूरी क्षमता से कोविड से लड़ाई लड़ रही है। प्रदेश सरकार की बेहतर रणनीति और प्रबंधन से कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने में सहायता मिल रही है।

प्रदेश में संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है। सभी को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के साथ ही जिंदगी शुरू करना है। इस पर रणनीति बनाते हुए लगातार कार्य करने के साथ लोगों में जागरूकता लानी होगी। ऐसे में प्रदेश सरकार कोरोना वायरस से उत्पन्न हर चुनौती और हर खतरे को कम करने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाकर निरंतर कार्य कर रही है।

कोरोना कर्फ्यू में कोरोना संक्रमण की दर को कम करने के साथ धीरे-धीरे आम लोगों की गतिविधियों को बढ़ाना भी है। इसके साथ ही संक्रमण की तीसरी लहर रोकने के लिये जागरूक भी रहना है। इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने सुझाव माँगे हैं।