दिनांक 25 जनवरी, 2021


अंक 673

मुख्यमंत्री श्री चौहान से मंत्री श्री भदौरिया की चाय पर चर्चा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से आज मुख्यमंत्री निवास पर सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद भदौरिया ने विभागीय योजनाओं के बारे में चाय पर चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आमजन को लोक सेवाओं का बेहतर लाभ दिलवाने के लिए लगातार प्रयास किए जाएं। इसके लिए प्रमुख सचिवों के साथ चर्चा कर विभागों की सेवाओं को निश्चित समयावधि में देने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में नागरिकों को लगभग 500 सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। मध्यप्रदेश इस दिशा में निरंतर प्रगति करेगा। मंत्री श्री भदौरिया ने सहकारी समितियों में कम्प्यूटराईजेशन, सेल्समेन की नियुक्ति, सहकारी समिति के सदस्यों को बिना बाधा के भूखण्ड उपलब्ध करवाने जैसे विषयों पर बातचीत की।

राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दी

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने देश एवं प्रदेश-वासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। श्रीमती पटेल ने नागरिकों के सुखी एवं स्वस्थ जीवन और देश तथा प्रदेश की उन्नति की मंगलकामना की है।

  श्रीमती पटेल ने अपने संदेश में कहा है कि देशभक्ति, त्याग और बलिदान का इतिहास समेटे यह पर्व हमें अपने उन पूर्वजों की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। इसकी लोकतांत्रिक अस्मिता को बनाये रखने के लिये एक सशक्त और जन-कल्याणकारी संविधान का निर्माण किया। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि आज के दिन हम सब मिलकर इस बात का संकल्प करें कि हमारे पूर्वजों ने हम सबके लिये बहुत कुछ किया है, उसी प्रकार हम आने वाली पीढ़ियों के लिये भी कुछ ऐसा करें, जिसे इतिहास में याद रखा जाए।

 श्रीमती पटेल ने कहा है कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसकी दूसरी लहर दस्तक दे रही है। कोरोना के विरूद्ध टीकाकरण अभियान देशभर में चल रहा है। टीकाकरण के साथ-साथ सावधानी भी जरूरी है। अत: इसके बचाव के नियमों का पालन करें तथा सतर्क रहते हुए जीवन में आगे बढ़ते रहें।

राजमाता श्रीमती सिंधिया को नमन

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राजमाता स्वर्गीय श्रीमती विजयाराजे सिंधिया की पुण्यतिथि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास सभा कक्ष में राजमाता स्वर्गीय श्रीमती सिंधिया के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान रीवा में करेंगे ध्वजारोहण

भोपाल में सामयिक अध्यक्ष विधानसभा श्री शर्मा राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे
31 जिला मुख्यालयों पर मंत्रि-परिषद सदस्य फहरायेंगे राष्ट्रीय ध्वज

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान रीवा मुख्यालय पर आयोजित समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और प्रदेशवासियों को संबोधित करेंगे। भोपाल मुख्यालय पर विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष श्री रामेश्वर शर्मा और 31 जिला मुख्यालयों पर मंत्रि-परिषद के सदस्य जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे।

मंत्रि-मंडल के सदस्य डॉ. नरोत्तम मिश्रा दतिया, श्री गोपाल भार्गव सागर, श्री तुलसीराम सिलावट इंदौर, कुंवर विजय शाह खंडवा, श्री जगदीश देवड़ा मंदसौर, श्री बिसाहूलाल सिंह अनूपपुर, श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी, श्री भूपेन्द्र सिंह जबलपुर, सुश्री मीना सिंह मांडवे उमरिया, श्री कमल पटेल हरदा, श्री गोविन्द सिंह राजपूत छिंदवाड़ा, बृजेन्द्र प्रताप सिंह पन्ना, श्री विश्वास कैलाश सारंग सीहोर, डॉ. प्रभुराम चौधरी रायसेन, डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया गुना, श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर, श्री प्रेमसिंह पटेल बड़वानी, श्री ओमप्रकाश सकलेचा नीमच, सुश्री उषा ठाकुर होशंगाबाद, श्री अरविंद भदौरिया भिंड, डॉ. मोहन यादव उज्जैन, श्री हरदीप सिंह डंग राजगढ़ और श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव धार जिले में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे।

इसी प्रकार राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह मुरैना, श्री इंदर सिंह परमार शाजापुर, श्री राम खेलावन पटेल सतना, श्री रामकिशोर (नानो) कावरे बालाघाट, श्री बृजेन्द्र सिंह यादव अशोकनगर, श्री सुरेश धाकड़ बैतूल और श्री ओ.पी.एस. भदौरिया छतरपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और मुख्यमंत्री के प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे।

कलेक्टर्स इन जिलों में फहरायेंगे राष्ट्रीय ध्वज

शेष जिले विदिशा, श्योपुर, अलीराजपुर,झाबुआ, बुरहानपुर, खरगोन, कटनी, मण्डला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, सिवनी, शहडोल, सिंगरौली, सीधी, दमोह, टीकमगढ़, देवास, रतलाम, आगर-मालवा और निवाड़ी में जिला कलेक्टर राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और मुख्यमंत्री के प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष-सदस्य चयन समिति पुनर्गठित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के चयन के लिये समिति का पुनर्गठन किया गया है। समिति के सदस्यों में आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री कु. मीना सिंह मांडवे और स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार शामिल किये गये हैं। समिति का मंत्रालयीन कार्य अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाएगा।

रीवा जिले में विकास के सभी कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर होंगे: मुख्यमंत्री श्री चौहान

158.67 करोड़ रूपये की लागत के एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई में कम्पोस्ट प्लांट लोकार्पित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा जिले के पहड़िया गांव में 158.67 करोड़ रूपये की लागत के एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई के कम्पोस्ट प्लांट का लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर 237.895 करोड़ रूपये की लागत के 42 कार्यों का लोकार्पण तथा 16.5753 करोड़ रूपये की लागत के तीन कार्यों का शिलान्यास भी किया। लोकार्पण समारोह का शुभारंभ कन्या पूजन से किया गया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रीवा जिले में विकास के सभी कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर होंगे। यहां की जनता ने उन्हें अपार स्नेह दिया है। अब उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने की कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। रीवा में 37 करोड़ रूपये की लागत से 6 टंकियों का निर्माण कराकर शेष बचे शहर के क्षेत्र में मीठे पानी की व्यवस्था करायी जायेगी। बहुती-नईगढ़ी परियोजना के लिये राशि स्वीकृत कर बचे हुए कार्य को प्राथमिकता से पूरा कराया जायेगा। रीवा में कंदैला परियोजना के माध्यम से गांवों में घर-घर से नल से पानी पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने घोषणा की कि पहड़िया गांव में स्कूल का अगले सत्र से उन्नयन कर हायर सेकेण्डरी कर दिया जायेगा साथ ही उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का भी निर्माण कराया जायेगा। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि पटना-पहड़िया नहर निर्माण का कार्य सर्वे कराकर प्रारंभ कराये जाने की कार्यवाही की जाय।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कचरा शोधन प्लांट से आधुनिक मशीनों द्वारा कचरे का निष्पादन कर खाद बनाई जायेगी और इससे आगामी समय में बिजली भी बनने लगेगी। इस संयंत्र से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होगा। उन्होंने रीवा के विकास के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराई तथा कहा कि नहरों की सुविधा व किसानों की मेहनत से विन्ध्य के किसान खेती के क्षेत्र में रीवा को प्रदेश व देश में अग्रणी स्थान पर ले जायेंगे, जिससे यहाँ की तकदीर व तस्वीर बदलेगी। रीवा जिले में साढ़े छ: सौ करोड़ रूपये की धान का उपार्जन किया जाकर छ: सौ करोड़ रूपये किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं। गेहूँ की खरीद में भी प्रदेश रीवा के किसानों के सहयोग से देश में प्रथम स्थान पर रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसान व आमजन खुशहाल रहें, इसके लिये अनेक जन-कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही हैं। सुशासन देने व माफियाओं के विरूद्ध लगातार कठोर कार्यवाही युद्ध स्तर पर जारी है। मोबाइल के माध्यम से लोगों को सुविधा की दृष्टि से खसरा-खतौनी, आय व निवास प्रमाण पत्र बनाये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने निर्देश दिये कि पटवारी सप्ताह में दो दिन अनिवार्य रूप से अपने हल्के में रहें।

पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रीवा के लिये कचरा शोधन संयंत्र का लोकार्पण एक सौगात है। श्री चौहान ने अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद जिले को तीसरी बड़ी उपलब्धि दी है। सोलर प्लांट, सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल व कचरा शोधन संयंत्र इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि रीवा महानगर की तर्ज पर स्थापित हो रहा है। घर-घर में मीठे पानी की उपलब्धता, घर के गंदे पानी व कचरे का निष्पादन कर शहर को आदर्श शहर बनाने के कार्य किये जा रहे हैं। कचरा शोधन संयंत्र रीवा शहर को आदर्श शहर बनाने का काम करेगा। इसके प्रारंभ हो जाने से रीवा शहर के साथ ही सतना एवं सीधी के नगरीय निकाय भी स्वच्छ व साफ-सुथरे होंगे तथा स्वच्छता के मापदंड को पूरे कर आदर्श नगरीय निकाय बनेंगे। उन्होंने रीवा जिले की उपलब्धियों के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान के सहयोग व समर्थन के लिये साधुवाद दिया।

सांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से रीवा जिले का 80 प्रतिशत भाग सिंचित हो जायेगा और वह दिन दूर नहीं जब इस क्षेत्र के किसान पंजाब के किसानों को भी पीछे छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि पहड़िया गांव विकास की धारा में शामिल हो गया है। रेमकी कंपनी के श्री भावेश मल्होत्रा ने कचरा शोधन संयंत्र के विषय में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में पहड़िया वासियों ने मुख्यमंत्री का सम्मान भी किया। इस अवसर पर विधायक सर्वश्री गिरीश गौतम, पंचूलाल प्रजापति, श्यामलाल द्विवेदी, प्रदीप पटेल, दिव्यराज सिंह, केपी त्रिपाठी सहित जन-प्रतिनिधि, अधिकारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

हितग्राहियों को वितरित किये हितलाभ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री शहरी आवास के हितग्राहियों श्रीमती मिथिलेश साकेत, अमर बंसल, रविता मिश्रा, समीर सिद्दीकी व रेखा तोमर को घर की चाबी सौंपी। इस अवसर पर संबल योजना, राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना, कल्याणी योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा, नि:शक्त पेंशन योजना तथा वृद्धावस्था पेंशन योजना के हितग्राहियों को हितलाभ प्रदान किये।

पोषण आहार संयंत्र में दीदी कैफे का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने स्वसहायता समूह द्वारा निर्मित पोहा एवं चाय का स्वाद चखा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पहड़िया में पोषण आहार संयंत्र परिसर में स्थित दीदी कैफे का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि कैंटीन का संचालन महिला स्व-सहायता समूह द्वारा ही किया जाये। उपरोक्त कैंटीन का संचालन विश्वकर्मा स्व-सहायता समूह पहड़िया द्वारा किया जायेगा। पोषण आहार संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए चाय एवं नास्ते की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये दीदी कैफे का संचालन होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कैंटीन में स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित पोहा खाकर तथा चाय पीकर देखी और खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता की सराहना की। इस अवसर पर विभिन्न स्व-सहायता समूहों को मुख्यमंत्री द्वारा एक-एक लाख रूपये की क्रेडिट लिमिट का वितरण किया।

पहड़िया में पोषण आहार संयंत्र का निरीक्षण

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा में प्रवास के दौरान पहाड़िया के पोषण आहार संयंत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिये कि पोषण आहार संयंत्र के संचालन का कार्य महिला स्व-सहायता समूह को दिया जाय। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र में निर्मित पोषण आहार से रीवा एवं शहडोल संभाग के बच्चे सुपोषित हो रहे हैं। महिला समूहों से सीधे संवाद करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पोषण आहार संयंत्र का कुशलता एवं दक्षता के साथ संचालन करें।

रीवा शहर को स्वच्छता रैंकिंग में 50 बड़े शहरों में शामिल करने का प्रयास करें : मुख्यमंत्री श्री चौहान

रीवा मेरे दिल में बसता है, इसके विकास के होंगे पूरे प्रयास
नगर पंचायतों तथा ग्राम पंचायतों के विकास का रोडमैप बनायें

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा शहर के विकास के लिये बनाये गये पाँच वर्षीय प्लान का अवलोकन किया। कलेक्ट्रेट सभागार में जन-प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रीवा मेरे दिल में बसता है। रीवा शरि तेजी से विकसित हो रहा है। इसके विकास के पूर्ण प्रयास होंगे। उन्होंने शहर में बाईपास तथा रिंगरोड का विकास करने के निर्देश दिये, जिससे शहर में जनसंख्या का दबाव घट सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा अत्यंत गौरवशाली शहर है। इसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। पिछले 15 वर्षों में हुए विकास के कार्यों से रीवा की तस्वीर तेजी से बदल रही है। रीवा महानगर बनने की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रीवा में स्वच्छता अभियान को जन-आंदोलन बनायें। नगर निगम के स्वच्छता प्रयासों के साथ-साथ आम जनता का भी इसमें जुड़ाव आवश्यक है। जब हर रीवा वासी शहर को स्वच्छ रखने का प्रयास करेगा तभी शहर स्वच्छ बनेगा। रीवा नगर निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण में 50 बड़े शहरों में शामिल कराने का प्रयास करें। नगर निगम की तरह नगर पंचायतों तथा ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिये पंचवर्षीय कार्य योजना बनायें जिससे सुनियोजित विकास हो सके। रीवा के आसपास लघु उद्यमों तथा औद्योगिक क्षेत्र के विकास के भी प्रयास किये जायें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नगर निगम करों की वसूली पर ध्यान दे। जन्म तथा मृत्यु प्रमाण-पत्र जैसी सेवाएँ मोबाइल फोन से तत्काल देने की व्यवस्था करें। शहर के विकास के साथ-साथ यहां के गरीबों के आवास, रोजगार तथा समग्र विकास पर भी ध्यान दें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रीवा में सुपारी के खिलौने बनाये जाते हैं। इसका बड़े पैमाने पर निर्माण तथा ब्रांडिंग करें। रीवा में आधुनिक आईटीआई का निर्माण कराया जा रहा है। यहाँ सिंगापुर के सहयोग से युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इससे निकले शत-प्रतिशत बच्चों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शहर में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का ध्यान रखें। शहर तथा जिले के माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही करें। प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के साथ अवैध निर्माण हटाने तथा सम्पत्ति जब्त करने की कार्यवाही करें। शराब माफिया, ड्रग माफिया, भू माफिया सहित सभी अवैध काम करने वालों की कमर तोड़ दें। अपराधी किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जायेगा। इसके साथ-साथ सुशासन पर ध्यान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता को शासन की योजनाओं का लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से प्राप्त हो इसकी व्यवस्था करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कलेक्टर श्री इलैयाराजा टी द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। बैठक में सांसद एवं विधायकों ने रीवा जिले के विकास के संबंध उपयोगी सुझाव दिये।

खोबिया बंसल के घर किया स्वल्पाहार

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने रीवा प्रवास के दौरान धोबिया टंकी के पास स्थित बंसल बस्ती में खोबिया बंसल के घर पहुँचकर स्वल्पाहार किया। मुख्यमंत्री ने खोबिया बंसल से उसकी आवश्यकता, कठिनाईयों एवं परेशानियों के संबंध में जानकारी ली। खोबिया बंसल ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसे प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अन्तर्गत आवास स्वीकृत किया गया था। आवास की राशि से उसने अपने आवास का निर्माण कर लिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान को अपने घर पाकर पूरा परिवार उत्साहित एवं प्रफुल्लित था।

बिना लिए-दिए समय-सीमा में कार्य हो, यही सुशासन - मुख्यमंत्री श्री चौहान

मध्यप्रदेश से अन्य राज्यों को मिल रही प्रेरणा
सी.एम. सेवा 181 से फोन पर ही मिलेगी खसरे और खतौनी की नकल
समयावधि में सेवा न मिलने पर स्वत: जनित होकर आवेदक को मिलेगी सेवा
मिंटो हॉल में उत्कृष्ट लोक सेवाएँ देने वाले कलेक्टर और अधिकारी पुरस्कृत

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नागरिकों को दफ्तरों में बिना लिए-दिए और बिना चक्कर लगाए निश्चित समय-सीमा में सेवा प्राप्त हो, यही सुशासन है। इसी उद्देश्य से दस वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश में लोक सेवा प्रबंधन विभाग गठित कर नागरिकों को सेवाओं का प्रदाय शुरू किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इससे नागरिकों के समानता के अधिकार की भी रक्षा हुई है। उन्हें किसी कार्य के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। मध्यप्रदेश से अन्य राज्य भी प्रेरणा लेकर ऐसा कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज से प्रदेश में सी.एम. सेवा 181 के माध्यम से फोन द्वारा ही सेवाएँ प्रदाय की जा रही हैं। इसका विस्तार करते हुए अब तीन और सर्वाधिक जन-उपयोगी सेवाएँ खसरा, खतौनी एवं नक्शे की प्रतिलिपि सी.एम. जनसेवा (Beta Version) के माध्यम से प्रदाय की जाएगी। इसके साथ प्रदेश में वॉट्सएप चैटबॉट सर्विस भी शुरू की जा रही है। गत 8-10 माह में भी अनेक नई सेवाएँ शुरू की गई हैं। इस व्यवस्था की जानकारी जन-प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रचारित की जाए जिससे अधिक से अधिक लोग सेवाओं का लाभ ले सकें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मिंटो हाल में 'लोक सेवा एवं सुशासन के क्षेत्र में बढ़ते कदम' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम मध्यप्रदेश में लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के सफलतम 10 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले कलेक्टर्स और अन्य अधिकारी पुरस्कृत किए गए। सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविन्द सिंह भदौरिया और लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेश धाकड़ भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी जनता है। मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है और यहाँ की जनता मेरे लिए भगवान है। इस मंदिर का पुजारी शिवराज सिंह चौहान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कृत अधिकारियों को बधाई देते हुए अधिकारी वर्ग से आव्हान किया कि वे उपलब्ध सेवाओं के संबंध में नागरिकों को अवगत करवायें। पूरी क्षमता के साथ टीम भावना से कार्य कर आमजन को ईंधन, ऊर्जा, समय, राशि आदि के अपव्यय से बचाकर बिना परेशान हुए आवश्यक सेवाएँ प्रदान करवाई जाएं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों से व्यवस्था दुरुस्त हो जाती है। जनता को दिक्कत -परेशानी देने वाले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इस उद्देश्य से ही पब्लिक सर्विस डिलेवरी गारंटी कानून बनाया गया है। यह भी व्यवस्था की गई कि तय वक्त में काम न करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों से कहा कि इस व्यवस्था की निरंतर मॉनिटरिंग करने से आम नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ दी जा सकेंगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लोकतंत्र में सेवा भाव सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश में जब लोक सेवाओं का प्रदाय प्रारंभ किया गया, तब कुछ ही सेवाएँ प्राप्त हो पाती थी। आज इनकी संख्या बढ़कर करीब 500 हो गई है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम आमजन के लिए कारगर सिद्ध हुआ है। लोक सेवा केन्द्र समय-सीमा में कार्यों का निपटारा कर रहे हैं। समाधान ऑनलाइन की व्यवस्था भी पुन: प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत चिन्हित समस्याओं का राज्य स्तर के अधिकारियों और संबंधित जिले के अधिकारियों की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निराकरण किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आव्हान किया कि कलेक्टर्स सुशासन के लिए इन सभी व्यवस्थाओं को पुख्ता बनाए रखें। सी.एम. डैशबोर्ड के माध्यम से अब एक नया माध्यम आमजन को उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल द्वारा प्रसव के कुछ दिन पहले तक और प्रसव के दस दिन बाद ही अपने दायित्व के निर्वहन के लिए सजग और सक्रिय रहने की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक प्रेरक उदाहरण है। अन्य अधिकारी इसी तरह सेवाभाव से अपनी जिम्मेदारी को निभाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में लोक सेवा प्रबंधन और सुशासन क्षेत्र में हुई प्रगति के लिए मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, सेवानिवृत्त आईएएस श्री मनोहर दुबे, पूर्व में मुख्यमंत्री के सचिव रहे और भारत सरकार में पदस्थ श्री अनुराग जैन और कार्यपालक निदेशक मध्यप्रदेश राज्य लोक सेवा अभिकरण श्री नंद कुमारम के प्रयासों की प्रशंसा की।

लोक सेवा प्रबंधन और सहकारिता मंत्री श्री अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा कि देश के 24 राज्यों ने मध्यप्रदेश को आदर्श मानकर लोक प्रबंधन विभाग का गठन किया है। दस वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश में लोक सेवा और सुशासन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल की गई। आज इस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले राजधानी और जिलों में सम्मानित किए जा रहे हैं। करीब सात करोड़ समस्याओं का समाधान किया जा चुका है। पंडित दीनदयाल जी के दर्शन के अनुरूप समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है।

नए नवाचारों का शुभारंभ, नई डीम्ड सेवाएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में लोक सेवा में नई सुविधाओं सी.एम. जनसेवा, सी.एम. डैशबोर्ड पोर्टल, वाट्सएप चैटबॉट सुविधा और लोक सेवा गारंटी अधिनियम में संशोधन से मान्य अनुमोदन श्रेणी को जोड़ने के नवाचार का बटन दबाकर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सुशासन के क्षेत्र में मान्य अनुमोदन श्रेणी की चार नई सेवाओं को प्रारंभ करने की घोषणा की गई। इसमें एक सेवा विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग और तीन सेवाएँ उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग से संबंधित हैं। इसके अंतर्गत यदि कोई सेवा नियत समय-सीमा में पदाभिहित अधिकारी द्वारा नहीं दी जाती है तो वे पोर्टल द्वारा स्वत: जनित होकर आवेदक को प्राप्त हो जाएंगी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग वायर लाइन या वायरलेस आधारित वॉइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना की स्थापना के लिए अनुमति प्रदान करेगा। उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग आशय-पत्र जारी करने, आवंटन आदेश जारी करने और आधिपत्य प्रदान करने की सेवाएँ देगा। सी.एम. जनसेवा 181 के तहत फोन पर ही तीन महत्वपूर्ण सेवाएँ उपलब्ध होंगी। अब आय प्रमाण-पत्र, मूल निवासी प्रमाण-पत्र के साथ ही खसरा-खतौनी की नकल मोबाइल पर मिल सकेगी।

फिल्म प्रदर्शन के साथ ई-पत्रिका, पुस्तक का विमोचन

कार्यक्रम में सुशासन और लोक सेवा प्रबंधन के क्षेत्र में हुए कार्य के संबंध में फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इसमें गत एक दशक में संपन्न कार्यों की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान और अन्य अतिथियों ने लोक सेवा प्रबंधन विभाग की तरफ से लोक सेवा और सुशासन क्षेत्र में हुए नवाचार पर आधारित ई-पत्रिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान और मंत्री श्री भदोरिया ने डॉ. आशीष अग्रवाल की पुस्तक 'सुशासन' का विमोचन भी किया।

उत्कृष्ट जिलों को पुरस्कार

लोक सेवाओं के प्रदाय में उत्कृष्ट कार्य के लिए तीन जिलों का चयन हुआ है। इसके लिए कलेक्टर निवाड़ी श्री आशीष भार्गव, कलेक्टर ग्वालियर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह और कलेक्टर झाबुआ श्री रोहित सिंह पुरस्कृत किए गए। इन्हें मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रमाण-पत्र दिए। तीन पदाभिहित अधिकारी भी उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किए गए। इनमें श्री सतीश गंगराड़े इंदौर, श्रीमती श्यामली सेन गुप्ता सतना और श्री शिवभूषण सिंह सतना शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हितग्राहियों से किया सीधा संवाद

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होशंगाबाद जिले के श्री प्रकाश चौरे से संवाद कर लोकसेवा के माध्यम से मिली सुविधा एवं प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की। श्री चौरे ने बताया कि उन्होंने सीएम जनसुविधा के अन्तर्गत सीएम 181 में कॉल कर स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया था। उन्हें एक ही दिन में घर बैठे मोबाइल के व्हाट्सएप पर स्थानीय निवास प्रमाण-पत्र प्राप्त हो गया। उन्होंने बताया कि लोकसेवा के अन्तर्गत इस नवाचार की जानकारी उन्हें बाबई में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उनके भाषण से मिली थी। श्री चौरे ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे दृष्टिबाधित हैं। इस नाते उनके लिए यह सुविधा बहुत ही लाभकारी सिद्ध हुई। अब आमजन आय, स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की सुविधा घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को हृदय से धन्यवाद भी दिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रकाश चौरे को शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर विधायक श्री सीतासरन शर्मा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रायसेन और झाबुआ जिलों के लाभान्वित हितग्राहियों से भी संवाद किया। इनमें दीप सेन और श्री कांतिलाल शामिल हैं। इन्हें 181 सेवा, समाधान एक दिन सेवा से लाभ मिला है। कार्यक्रम के प्रारंभ में कन्या पूजन के साथ मध्यप्रदेश गान भी हुआ। आभार प्रदर्शन श्री नंद कुमारम ने किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दी

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी है। उन्होंने सभी नागरिकों के सुखद भविष्य की कामना की है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम संविधान के आदर्शों के प्रति आस्था व्यक्त करते हैं। गणतंत्र का उद्देश्य ही एकता-अखण्डता, समावेशी विकास और लोक कल्याण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और प्रदेशवासियों के सहयोग से हम कोरोना महामारी पर विजय की ओर अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुशासन और जन-कल्याण के लिये प्रदेश सरकार ने कई अभियान चलाये हैं। हमारा प्रदेश जन-कल्याण और विकास के प्रत्येक क्षेत्र में आत्म-निर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। 'आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश' के रोडमैप के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। हम इसके लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेंगे। नागरिकों को शासकीय सेवाएँ और लाभ सरलता से समय-सीमा में मिलें, इसके लिए सुशासन को निरंतर प्रभावी और व्यापक बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गणतंत्र दिवस के सुअवसर पर हम संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, संविधान सभा के सदस्यों के योगदान और देश के अमर शहीदों के बलिदान को याद करते हैं। देश के लिये इनके योगदान पर गर्वित होने का दिन भी है गणतंत्र दिवस।

मुख्यमंत्री श्री चौहान जनजातीय और लोक कलाओं के 36वें राष्ट्रीय समारोह "लोकरंग" का शुभारंभ करेंगे

30 जनवरी तक होंगे विभिन्न कार्यक्रम

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान गणतंत्र दिवस के अवसर पर जनजातीय और लोक कलाओं के छत्तीसवें राष्ट्रीय समारोह 'लोकरंग' का शाम 7 बजे शुभारंभ करेंगे। समारोह की अध्यक्षता संस्कृति, आध्यात्म एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर करेंगी।

पाँच दिवसीय बहु-कलावर्णी उत्सव लोकरंग समारोह भोपाल के रवीन्द्र भवन परिसर में 26 से 30 जनवरी तक संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित होगा। इसमें स्वराज संस्थान संचालनालय भोपाल, दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज और आदिवासी लोककला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद सहयोगी संस्थायें हैं।

लोकरंग उत्सव में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह परेड में चयनित प्रतिभागियों और झांकियों के राज्य स्तरीय पुरास्कार प्रदान किये जाएगें। बुन्देली संस्कृति एवं कला आधारित समवेत प्रस्तुती होगी। बुधवार 27 जनवरी को लोकराग अंतर्गत पश्चिम बंगाल का बाउल गायन और मध्यप्रदेश का बुन्देली गायन होगा। भीली कलाओं आधारित समवेत नृत्य की प्रस्तुती होगी। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल, राजस्थान, और कर्नाटक राज्यों के जनजातीय तथा लोकनृत्य होगें।

गुरूवार 28 जनवरी को लोकराग अंतर्गत बिहार का भोजपुरी गायन और मध्यप्रदेश का मालवी गायन होगा। धरोहर अंतर्गत मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल, राजस्थान एवं कर्नाटक राज्यों के जनजातीय और लोकनृत्य प्रस्तुत किये जायेगे। देशान्तर अंतर्गत ईरान के नृत्य की प्रस्तुती होगी। बुधवार 29 जनवरी को लोकराग अन्तर्गत कश्मीर प्रान्त का कश्मीरी गायन और मध्यप्रदेश का निमाड़ी गायन होगा। धरोहर अंतर्गत मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल, राजस्थान, और कर्नाटक राज्यों के जनजातीय और लोकनृत्य प्रस्तुत किये जायेगे।

शनिवार 30 जनवरी को सायं 7 बजे से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर ख्यात सूफी गायिका रूहानी सिस्टर्स का गायन 'पीर पराई जाने रे' होगा। लोकरंग में 27 से 29 जनवरी तक दोपहर 2 बजे से बच्चों की फिल्म 'उल्लास' प्रदर्शित की जाएगी। प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से आयोजित शिल्पमेला में विविध माध्यमों के शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय किया जाएगा। भील एवं गोण्ड जनजातीय वरिष्ठ चित्रकार स्वर्गीय पेमा फत्या एवं स्व. कलाबाई श्याम के चित्रों की प्रदर्शनी लगेगी। पारम्परिक शिल्पों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित होगा। देशज व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकेगा। संस्कृति, कला और साहित्य आधारित पुस्तकें उपलब्ध रहेगी।

संस्कृति मंत्री सुश्री ठाकुर ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएँ दीं

पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।

सुश्री ठाकुर ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से पूरे देश के नागरिकों ने एकजुट होकर मुकाबला किया है। भारत के नागरिकों ने यह दिखा दिया है कि हर बाधा को दूर कर वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र को उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर करने में सक्रिय भागीदारी करेंगे। हम सभी आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने के लिये कृत-संकल्पित होकर कार्य करेंगे और तिरंगे का मान बढ़ायेंगे।

नागरिकों को सशक्त बनाता - लोक सेवा गारंटी कानून

7 करोड़ आवेदनों का निराकरण - क्या हैं प्रावधान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की हमेशा सोच रही है ‍कि अपने प्रदेशवासियों को सरकार की सेनाएँ और सुविधाएँ आसानी से मिलें। दस वर्ष पूर्व लोक सेवा गारंटी कानून से अब हर नागरिक या यूं कहें कि बच्चा-बच्चा वाकिफ है। सरकार की 26 सेवाओं से शुरू हुए सफर में आज 49 विभागों की 561 सेवाएँ शुमार हैं। आठ विभागों की 40 सेवाएं तो ऐसी हैं जो 24 घंटे में यानि समाधान एक दिवस में सम्मिलित हैं।

लोक सेवा अधिनियम का उद्देश्य

मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 का उद्देश्य सरकार द्वारा अधिसूचित सेवाएँ आम नागरिकों को एक तय समय-सीमा में उपलब्ध कराना है। अधिनियम की धारा 3 में दी गई शक्ति अनुसार सरकार द्वारा लोक सेवाएँ अधिसूचित की गई है। पदाभिहीत अधिकारी का यह दायित्व है कि वह ऐसी सेवाएँ अधिसूचना द्वारा निश्चित की गई समय-सीमा में आवेदक को प्रदान करें। इस प्रकार नागरिकों को सूचना के अधिकार की तरह सेवा का अधिकार भी प्राप्त हो गया है।

आम जनता को सुविधा

अधिनियम के तहत रोज के कामों के लिये अधिसूचित सेवाएं नियत समय में मिलेगी। तय समय सीमा में काम न होने पर इसमें जुर्माने का प्रावधान भी है, जिसमें लोक सेवकों की जवाबदेही होगी। इस कानून में लोक सेवाओं के प्रदाय की मानीटरिंग का भी प्रावधान है। आम नागरिकों में संतोष और सरकारी व्यववस्थाक के प्रति विश्वास पैदा करना। सुशासन स्थापित करने के लिये शासन की यह क्रांतिकारी पहल राज्य शासन की जन प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती है।

लोक सेवाएँ प्रदान करने की गारंटी के लिये विशेष कानून

मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के लागू होने से अधिसूचित सेवाओं की समय सीमा में प्राप्ति सुनिश्चित होगी। अब सेवा की प्राप्ति आमजन का अधिकार है। इस महत्व पूर्ण कानून ने अब लोक सेवाओं को प्राप्त करने के लिये आमजन के याचना भाव को शक्ति में बदल दिया है। इस अधिनियम में सेवा प्रदान करने में लापरवाही बरतने वालों के लिये शास्ति (धारा 7) का प्रावधान भी है सूचना प्राप्त करने के हक की तरह अब अधिसूचित सेवाएँ प्राप्त करना भी आम जनता का हक बन गया है। लोक सेवा गारंटी अंतर्गत 49 विभागों की 561 सेवाएँ अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित है। समाधान एक दिवस तत्काल सेवा अंतर्गत 8 विभागों की 40 सेवाओं का उसी दिन (Same Day) निराकरण किया जाता है।

सेवा नहीं देने पर जुर्माना

हर सेवा की डिलीवरी के लिए एक समय अवधि तय की गई है। जो अधिकारी अपने कर्त्तव्यों का पालन करने में विफल रहता है और सेवाओं को समय पर प्रदान नहीं करता हैं, उसे प्रति दिन 250 रुपये से लेकर अधिकतम पाँच हजार रुपये तक की रकम का भुगतान जुर्माने के रूप में करना पडता है।

अपील का अधिकार

यह अधिनियम दो चरण की अपील प्रक्रिया प्रदान करता है। जब नागरिक को समय पर अधिसूचित सेवा प्राप्त नहीं होती तब वह प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील कर सकते हैं। यदि प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय से नागिरक असंतुष्ट है तो वह दूसरे अपील प्राधिकारी के पास अपील दायर कर सकते हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ दूसरे अपीलीय प्राधिकारी को जुर्माना लगाने के और अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश देने की शक्ति होती है। जहां अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाता है वहीं आवेदकों को असुविधा झेलने के कारण मुआवजे का भुगतान किया जाता हैं। यह अनोखा कानून सिटीजन चार्टर के उद्देश्यों को साकार करने के लिए एक प्रभावी साधन प्रदान करता है।

अनूठा अधिनियम - संयुक्त राष्ट्र संघ ने सराहा

मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 देश का पहला खास तरह का अधिनियम है जो निर्धारित समय-सीमा में नागरिकों को सार्वजनिक सेवाओं के प्रदान की गारंटी देता है। अधिनियम ने वर्ष 2012 का यू.एन.पी.एस.ए पुरस्कार जीता। 'लोक सेवाओं के वितरण में सुधार', वर्ग में इस अधिनियम को संयुक्त राष्ट्र का वर्ष 2012 का लोक सेवा पुरस्कार (United Nations Public Service Awards ) प्राप्त हुआ है। राज्य ने 73 देशों से और 483 नामांकनों में से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है। संयुक्त राष्ट्र का यह लोक सेवा पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्टता की एक प्रतिष्ठित पहचान है।

प्रतिबद्धता का प्रतिबिम्ब

यह ऐतिहासिक अधिनियम अच्छे सुशासन को प्राप्त करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता का एक प्रतिबिंब है। मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 नागरिकों को निर्धारित समय के भीतर बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं के प्रदान की गारंटी देता है और ऐसा करने में विफलता के लिए जवाबदेही तंत्र की योजना करता है। इस अधिनियम के तहत जाति, आय, निवास, जन्म, मृत्यु , विवाह प्रमाण-पत्र जारी करना, भू-अभिलेखों की प्रतियाँ, खसरा नक्शा, जैसी 561 महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाओं को अधिसूचित किया गया है।

7 करोड़ से अधिक आवेदनों का निराकरण

मध्यप्रदेश के समस्त, विकासखण्ड, तहसील स्तर पर कुल 426 लोक सेवा केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। लोक सेवा केन्द्रों पर नागरिक सेवाएँ उपलब्ध हैं 9 विभागों की 26 सेवाओं के साथ लागू किये गए इस कानून के दायरे में अब तक 561 से अधिक शासकीय सेवाओं को शामिल किया जा चुका है। कानून अंतर्गत ऑनलाइन सेवा प्रदाय अंतर्गत अब-तक 7 करोड़ से भी अधिक आवेदनों का निराकरण कर नागरिक को तय समय-सीमा में सेवाएँ प्रदान की गयीं है।

आयुष राज्यमंत्री श्री कावरे ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

आयुष (स्वतंत्र प्रभार) एवं जल संसाधन राज्यमंत्री श्री रामकिशोर कावरे ने प्रदेश के नागरिकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने शुभकामना संदेश में कहा है कि भारतीय लोकतंत्र के उत्सव का यह पर्व लोगों के जीवन में खुशियाँ लेकर आये। लोग आयुष पद्धति को अपनाकर निरामय हो।

मंत्री श्री सखलेचा ने गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं दी

आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने का आव्हान

सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने प्रदेश वासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ और बधाई दी है। मंत्री श्री सखलेचा ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि यह गणतंत्र दिवस बहुत नए-नए अवसरों के साथ हमे आत्मनिर्भर बनाने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद भी प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम आगे बढ़ाने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण साल आपके सामने आ रहा है। उन्होंने आव्हान किया कि आत्म-निर्भर भारत में सभी सहयोग दें, जिससे इस गणतंत्र दिवस पर नई ऊंचाइयों पर भारत को ले जाने में सबके सहयोग से हम आगे बढ़े।

किशोर बालिकाओं एवं महिलाओं की सायबर सुरक्षा पर एक दिवसीय वेबिनार संपन्न

लोक शिक्षण संचानालय एवं मध्यप्रदेश पुलिस के संयुक्त प्रयास से किशोर बालिकाओं एवं महिलाओं की सायबर सुरक्षा पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के यूट्यूब चैनल Vimarsh MP SED के यूट्यूब चैनल पर प्रदेश की किशोर बालिकाओं, गृहणियों और अभिभावकों ने इसे लाइव देखा। 

आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने बताया कि किशोर बालिकाओं और गृहणियों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इस वेबिनार का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि आज लगभग सभी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं। कोरोना काल में इनका महत्व और अधिक बढ़ गया है। हम सभी फेसबुक, टि्वटर, यूट्यूब आदि के माध्यम से इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म का हिस्सा बन गए हैं। आज बड़े स्तर पर डिजिटल और ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग हो रहा है। इस बड़े स्तर पर उपयोग होने के साथ-साथ इसके खतरे भी बढ़े हैं। साइबर अपराध की दृष्टि से किशोर बालिकाएँ और महिलाएँ आसान शिकार होती हैं। वे स्वभाव से सरल और भोली होती हैं। इंटरनेट की कम जानकारी और सरल स्वभाव का फायदा उठाकर कई आपराधिक तत्व इनके साथ साइबर अपराध कारित करते हैं। इन अपराधों का बुरा प्रभाव इनके मानसिक स्तर पर भी होता है। फ्री ऐप के माध्यम से हमारी निजी जानकारी चुराई जाती है। इसलिए आप सभी अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें ।फ्रॉड कॉल से सावधान रहें, किसी को अपना ओटीपी या बैंक पासवर्ड नहीं बताएं।

वेबिनार में आईपीएस श्रीमती दीपिका सूरी, आईपीएस सुश्री अपराजिता राय, एडीजी श्री साई मनोहर, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता एवं साइबर साथी की संस्थापिका सुश्री एन.एस. नप्पीनाई और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट श्री रक्षित टंडन ने साइबर सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण और अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डिजिटल प्लेटफार्म और सोशल मीडिया पर साइबर हाइजीन और सुरक्षा नियमों का पालन करें। साइबर सुरक्षा के मानक नियमों का पालन करें। नकली वेबसाइट से बचें, अनआथराइज्ड वेबसाइट पर रजिस्टर न करें, गूगल अकाउंट पर टू स्टेप वेरीफिकेशन और ओटीपी ऑथेंटिकेशन ऑन करें, ब्लू टिक वाले सोशल मीडिया अकाउंट वेरिफाइड अकाउंट को ही फॉलो करे। व्हाट्सएप का उपयोग करते समय प्राइवेसी की सेटिंग ऑन रखें। सर्फिंग करते समय वेबसाइट पर पेडलॉक को देखें और उसकी स्पेलिंग चेक करें। अपना एटीएम कार्ड किसी को नहीं दें। एटीएम पर हाथ से ढंक कर अपना पिन नंबर डालें। एटीएम की स्लिप पर्ची वहीं डस्टबिन में ना डालें। 

साइबर अपराध से बचने के साथ-साथ स्वयं भी अपराधों के प्रति जागरूक रहें। सोशल मीडिया या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसी की व्यक्तिगत फोटो न शेयर करें। वार्तालाप करते समय अमर्यादित भाषा और गलत शब्दों का प्रयोग न करें। किसी की फेक आईडी न बनाएँ। स्वयं भी जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक करें। साइबर क्राइम का शिकार होने पर इसकी शिकायत ऑनलाइन www.cybercrime.gov.in पर करें।

मध्यप्रदेश के दो बच्चे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से सम्मानित

प्रधानमंत्री ने विजेताओं के साथ की बातचीत

मध्यप्रदेश के दो बच्चे, पलक शर्मा और अनुज जैन प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोनों  बच्चों  सहित सभी विजेताओं के साथ बातचीत की। इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति स्मृति ज़ुबिन ईरानी भी  उपस्थित थीं।

पलक शर्मा ने खेल श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किया है। इंदौर के श्री कृष्णा पब्लिक स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली ये छात्रा 2019 में बेंगलुरु में आयोजित एशियन एज ग्रुप चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय मूल की पहली महिला गोताखोर बनी ।

हरदा के अनुज जैन को  शैक्षिक उपलब्धि  की श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कई वैश्विक प्लेटफार्मों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड में उन्होंने 3 प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते है। उन्हें रसायन विज्ञान की मानक परीक्षा में शीर्ष 1% और मानसिक अंकगणित (UCMAS) प्रतियोगिता में 5 वें स्थान पर रखा गया है।प्रत्येक विजेता को 1,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र प्राप्त होता है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के तहत बाल शक्ति पुरस्कार पुरस्कार प्रदान करती है। नवाचार, शैक्षिक उपलब्धियों, खेल,कला और संस्कृति, सामाजिक सेवा और बहादुरी के क्षेत्र में असाधारण क्षमताओं और उत्कृष्ट उपलब्धि वाले बच्चों को बाल शक्ति पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। इस वर्ष, बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर के 32 आवेदकों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-पीएमआरबीपी -2021 के लिए चुना गया है।

नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) मीडिया बुलेटिन

रेरा में दिलायी गयी मतदाता दिवस की शपथ

प्रभारी अध्यक्ष तथा सदस्य न्यायिक म.प्र. भू- संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) श्री दिनेश कुमार नायक ने 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर अधिकारियों तथा कर्मचारियों को मतदाता दिवस की शपथ दिलाई। इस मौके पर  सचिव/ प्रशासनिक अधिकारी श्री दिलीप कुमार कापसे, न्यायनिर्णायक अधिकारी श्री वी.के. दुबे और जनसूचना सलाहकार श्री सैयद ताहिर अली सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने दी नागरिकों को गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएँ

वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने नागरिकों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश विकास के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हर नागरिक आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में अपना योगदान दे। मंत्री श्री देवड़ा ने सभी नागरिकों से अपील की कि कोरोना वैक्सीन लगवाकर स्वयं को सुरक्षित रखें।

पीएचई राज्य मंत्री श्री यादव ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री ब्रजेन्द्र सिंह यादव ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।

श्री यादव ने अपने संदेश में कहा है कि भारत के हर नागरिक को संविधान ने विशेष अधिकार दिए हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि अपने संविधान के सम्मान की रक्षा और उसमें समाहित प्रावधानों के पालन के लिये सदैव सजग रहें।

आँगनवाड़ी में पोषण-मटके की ‘टिम्बक टू’

आपको बचपन में पढ़ी कविता 'टिम्बक-टू' और उसमें बुढ़िया और वह मटका याद है? वही मटका, जिसमें बुढ़िया रामू के चीते-शेरों से बचते-बचाते अपनी ससुराल पहुँच गई थी। मटका उस बुढ़िया के बहुत काम आया था। मध्यप्रदेश में भी इन दिनों गाँव-गाँव में ऐसे ही मटके की चर्चा हो रही है। यह पोषण-मटका गाँव-गाँव में नजर आ रहा है। इस मटके में लोग खास चीजों को भर रहे हैं। वह भी एक खास वजह से और यह वजह है महिलाओं और बच्चों को पोषण के महत्व को बताना और साथ ही स्वास्थ्य और पोषण के लिये समुदाय को प्रोत्साहित करना। 'पोषण-मटका' लोगों के बीच अच्छी पोषण प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल करने वाला एक सामुदायिक दृष्टिकोण है।

मध्यप्रदेश में हर-एक आँगनवाड़ी में 'पोषण-मटका' अभियान आँगनवाड़ी की दीदियों द्वारा पोषण माह (हर वर्ष सितम्बर माह के रूप में मनाया जाता है) में चलाया जा रहा है। इसका व्यापक असर दिखायी दे रहा है। लोग मटके के माध्यम से खुद को आँगनवाड़ी से जोड़ रहे हैं। किसी के घर में सब्जी है, तो सब्जी, किसी के घर में अनाज है, तो अनाज, किसी के घर में दालें हैं, तो दाल, सब अपनी स्वेच्छा से, जो है, जितना है, 'पोषण-मटके' में भर रहे हैं। इससे दो फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि समुदाय के लोग सीधे तौर पर आँगनवाड़ियों से जुड़ रहे हैं और दूसरा उनमें कमजोर बच्चों और महिलाओं के प्रति एक जागरूकता आ रही है, एक समझ विकसित हो रही है, कमजोरी दूर करने की, कुपोषण को दूर भगाने की, अपने समुदाय को सशक्त बनाने की। इस प्रयोग से लोगों के खान-पान में भी विविधता आ रही है।

'पोषण-मटके' का एक लाभ यह भी हो रहा है कि इसके माध्यम से स्थानीय पोषण आहारों का संग्रह हो रहा है, जो समुदाय के अति-कम वजन और कम वजन के कमजोर बच्चों और उनके परिजनों तक आँगनवाड़ी के माध्यम से पहुँच रहा है। इससे पोषण में विविधता भी आयेगी और कमजोर पोषण वाले बच्चों और महिलाओं की स्थिति भी मजबूत होगी। GIZ फाउण्डेशन के सर्वे अनुसार राज्य में 'पोषण-मटका' की शुरूआत से विभिन्न ब्लॉकों में कुल 9404 'पोषण-मटके' बनाये गये हैं। कुल 39 हजार 220 लोगों-परिवारों ने मटके को खाद्यान्न से भरकर इस अभियान में योगदान दिया, कुल 36 हजार से ज्यादा परिवार 'पोषण-मटका' पहल के लाभार्थी बने। साठ प्रतिशत लोगों ने बताया कि 'पोषण-मटका' के माध्यम से एकत्र किये गये खाद्यान्न कम वजन वाले या अल्प-पोषित बच्चों वाले परिवार को दिये गये। चालीस प्रतिशत खाद्यान्न मुख्य रूप से गरीब परिवारों को दिया गया, जो सक्षम नहीं थे। इसका लाभ गर्भवती महिलाओं और उन परिवारों को भी मिला, जो अल्प-पोषित और कम वजन के थे। 'पोषण-मटके' में गेहूँ, चावल, बाजरा, ज्वार, चने, मूँगफली, मसूर, मक्का, दलिया, सोयाबीन एकत्रित किये गये। कुछ मटकों में गुड़, फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ भी एकत्र की गयीं।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार इस अभियान से समुदाय के बड़े किसानों को भी जोड़ने की पहल की जा रही है। उन्हें संकल्प दिलाया जा रहा है कि वे अपने क्षेत्र के कमजोर पोषण वाले बच्चों, महिलाओं, गर्भवती महिलाओं, खून की कमी वाले बच्चों और युवतियों को अपनी इच्छा और क्षमता अनुसार खाद्य सामग्रियाँ साझा करेंगे।

'पोषण-मटका' अभियान से जुड़ी श्योपुर जिले की सुपरवाइजर सुषमा सोनी कहती हैं कि इस अभियान को समुदाय से बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इसमें पुरुषों की भागीदारी भी हो रही है। वे कहती हैं कि बच्चा यदि कुपोषित है, तो केवल माता के कारण नहीं, बल्कि पोषण पर ध्यान देने की जिम्मेदारी माता-पिता दोनों की ही होती है। मंदसौर जिले के एक छोटे-से गाँव मुलतानपुरा में 'पोषण-मटका' नामक एक अनोखा अनाज बैंक बनाया गया है। इससे स्थानीय गरीब परिवारों को भोजन और पोषण संबंधी जरूरतों में मदद की जाती है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अर्चना परमार ने इस अनाज बैंक को कुछ गरीब परिवारों को 50 किलो अनाज दान करके शुरू किया था।

पोषण मटका जैसी सामुदायिक पहल- सांस्कृतिक, आर्थिक समानता और प्रभावी हस्तक्षेप के सामाजिक मूल्यों को पहचानती हैं, जो स्थानीय रूप से सशक्त कार्रवाई और 'पोषण अभियान' में सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा देती है।

प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के विकास का बनेगा पंचवर्षीय रोडमेप

प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के सर्वांगीण विकास के लिये सरकार कृत-संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं सभी नगर निगमों में पहुँचकर नगर के विकास के पंचवर्षीय (2021-26) रोडमेप के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। सभी नगरों में नल के माध्यम से प्रतिदिन जल-आपूर्ति, स्वच्छता और अधोसंरचना निर्माण के कार्य तेजी से किये जा रहे हैं।

2 लाख 23 हजार शहरी पथ-विक्रेताओं को ब्याज मुक्त ऋण

कोविड-19 महामारी के दौरान नगरीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग पथ विक्रेताओं का रहा है। लॉकडाउन में इनकी आजीविका पर सर्वाधिक असर पड़ा और इनकी आमदनी समाप्त हो गई। कोविड-19 महामारी में अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने तथा इन पथ-विक्रेताओं के कार्य को गति देने के लिये जून 2020 से शुरू की गई पीएम स्ट्रीट वेण्डर आत्म-निर्भर निधि योजना (पीएम स्वनिधि) में भी मध्यप्रदेश में तेजी से काम किया गया। अब तक 2 लाख 51 हजार ऋण आवेदन बैंक द्वारा स्वीकृत किये जाकर 2 लाख 23 हजार शहरी पथ-विक्रेताओं को 10 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा चुका है।

राज्‍य के गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को सस्ती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना (द्वितीय चरण) 52 जिला मुख्यालयों एवं 6 धार्मिक नगरी मैहर, अमरकंटक, महेश्वर, ओमकारेश्वर, चित्रकूट एवं ओरछा में लागू की गई है। इसका संचालन 100 रसोई केन्द्रों से किया जा रहा है। इन केन्द्रों पर हितग्राहियों को दिन का भोजन 10 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से दिया जा रहा है।

प्रदेश के सभी नगरों में शुद्ध पेयजल की नियमित सप्लाई सुनिश्चित करना शासन की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में 118 नगरीय निकायों में करीब 1513 करोड़ की जल-प्रदाय योजनाएँ पूर्ण हो गई हैं। अभी 37 नगरीय निकायों में पेयजल योजनाओं के कार्य प्रगति पर हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना में म.प्र. दूसरे स्थान पर

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत मध्यप्रदेश में सभी 378 निकायों को शामिल कर लिया गया है। सभी निकायों में कुल 11 लाख 52 हजार आवासहीनों को सर्वेक्षित किया जाकर करीब 7 लाख 27 हजार आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं।

मध्यप्रदेश शासन ने शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिये कई नवाचार भी किये हैं। बीएलसी घटक का लाभ भूमिहीन परिवारों को उपलब्ध कराने के लिये आवासीय भूमि का पट्टा उपलब्ध कराया, जिससे भूमिहीन परिवार बीएलसी घटक का लाभ लेने से वंचित न रहें। यह गौरव की बात है कि पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये प्रदेश को द्वितीय स्थान पर रखा गया है।

स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत खुले में शौच से मुक्त की दिशा में एक पायदान से ऊपर बढ़ते हुए 234 निकाय ओडीएफ+, 107 निकाय ओडीएफ++ तथा शेष निकाय ओडीएफ घोषित किये जा चुके हैं। नगरीय क्षेत्र में घर-घर से कचरा संग्रहण के लिये निकायों को कचरा वाहन दिया गया है। इससे सभी निकायों में 100 प्रतिशत कचरे का संग्रहण किये जाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। ठोस अपशिष्ट पृथक्करण के लिये निकायों में 151 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी का निर्माण किया गया है। अस्सी निकायों में मल शोधन संयंत्रों की स्थापना की गई है।

प्रदेश ने विगत वर्ष की तुलना में एक पायदान आगे आकर देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इंदौर नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश में निरंतर चौथी बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। भोपाल नगर निगम ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छतम राजधानी का पुरस्कार प्राप्त किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के दौरान प्रदेश के 16 मे से 14 नगर निगमों ने देश के शीर्ष नगर निगमों में अपना स्थान बनाया है। इसी प्रकार 35 अमृत शहरों में से 24 शहरों ने अपनी श्रेणी में शानदार प्रदर्शन किया। प्रदेश के छोटे शहरों ने भी अपनी श्रेणी के वर्ग में बेहतर प्रदर्शन किया। पश्चिमी जोन के 25 हजार तक की जनसंख्या श्रेणी में प्रदेश के 32 शहर शीर्ष 100 में शामिल होने में सफल रहे और 25 से 50 हजार जनसंख्या वर्ग के शीर्ष 100 शहरों में प्रदेश के 25 शहरों ने अपनी जगह बनाई। स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में विभिन्न श्रेणी में प्रदेश को कुल 10 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

देश में स्मार्ट सिटी रैंकिंग में दूसरा स्थान

स्मार्ट सिटी मिशन में राज्य की सात स्मार्ट सिटी में मुख्य परियोजनाएँ जैसे- स्मार्ट रोड, पब्लिक बाइक शेयरिंग, स्मार्ट पोल, स्मार्ट लाइटिंग, स्मार्ट क्लास मल्टीलेवल पार्किंग, इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, स्मार्ट हेल्थ, स्मार्ट सोलर ऊर्जा, पुरातत्व धरोहरों का संरक्षण के अंतर्गत रिस्टोरेशन कार्य, रिवर फ्रंट/लेक डेवलपमेंट, नानमोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट आदि सम्मिलित किये गये हैं। योजना में प्राप्त 1165 करोड़ से ज्यादा राशि के कुल 216 प्रोजेक्ट पूर्ण हो चुके हैं। वर्तमान में 3002 करोड़ से ज्यादा राशि के 147 प्रोजेक्ट्स के कार्य जारी हैं।

भारत सरकार द्वारा जारी स्मार्ट रैंकिंग में भोपाल स्मार्ट सिटी को पहला एवं इंदौर स्मार्ट सिटी को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। देश में स्टेट स्मार्ट सिटी रैंकिंग में मध्यप्रदेश राज्य को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

शहरी लोक परिवहन एवं यातायात व्यवस्था के विकास को सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश के 20 शहर, जिसमें 16 नगर निगम एवं 4 नगरपालिका परिषद शामिल हैं, में सिटी बसों की सेवा नगरीय निकायों के माध्यम से की जायेगी। पहले चरण में 15 नगरीय निकायों द्वारा कुल 678 (335 शहरी एवं 343 अंतर्शहरी बसें) बसों का संचालन किया जा रहा है। दूसरे चरण में प्रदेश के भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहरों में शहरी मार्गों पर कुल 1,450 बसों का संचालन किया जायेगा। इसमें से मार्च-2021 तक शहरी मार्गों पर 500 बसों का संचालन किया जायेगा। शेष 950 बसों का संचालन दिसम्बर-2021 तक किया जायेगा। प्रदेश के नगरीय निकायों में ऊर्जा बचत के उद्देश्य से स्ववित्त पोषित एवं पीपीपी आधार पर पारम्परिक स्ट्रीट लाइटों को ऊर्जा दक्ष एलईडी स्ट्रीट लाइट से बदलने का कार्य किया जा रहा है। तीन नगरीय निकायों में यह कार्य पूरा हो गया है और 65 निकाय में अनुबंध किये जा चुके हैं।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश-2023 के रोडमैप का क्रियान्वयन भी जारी है। रोडमैप में समावेशी शहरी विकास, पर्यावरणीय सहयोगी संवहनीय विकास, नगरीय सुशासन के लिये कानूनी और राजकोषीय सुधार, शहरी सेवा प्रदाय और नगरीय नियोजन से शहरी अर्थ-व्यवस्था में सुधार कार्यक्रमों को शामिल किया गया है।

अर्बन लोकल बाडी रिफार्म

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय निर्धारित मानक के अनुसार अर्बन लोकल बाडी रिफार्म किये गये हैं। नगरीय निकायों में प्रापर्टी टैक्स को कलेक्टर गाइड लाइन से जोड़ा गया है। साथ ही उपभोक्ता प्रभार का युक्तियुक्तकरण इस तरह किया गया है कि सेवाओं के संचालन और संधारण व्यय की सौ फीसदी प्रतिशत पूर्ति हो सके। इन दो सुधारों के कारण प्रदेश को लगभग ढ़ाई हजार करोड़ का अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति मिल गयी है।

इस तरह मध्यप्रदेश में शहरों के सर्वांगीण विकास की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि आगामी पाँच वर्ष में रोडमैप के अनुसार सभी शहरों का विकास हो सकेगा।

एक साल में विद्युत क्षमता में होगी लगभग डेढ़ हजार मेगावाट की वृद्धि

प्रदेश में विद्युत क्षेत्र के विकास और विस्तार के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेशवासियों को भरपूर और बिना बाधा के बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने जहाँ कोरोना काल में उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत दी है, वहीं उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान को भी प्राथमिकता दी है।

प्रदेश में उपलब्ध विद्युत क्षमता 30 नवम्बर 2020 की स्थिति में 21 हजार 220 मेगावाट है। पिछले 22 दिसम्बर को इतिहास में सर्वाधिक 15 हजार 21 मेगावाट मांग की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। अगले वित्त वर्ष में उपलब्ध विद्युत क्षमता में 1426 मेगावाट वृद्धि की योजना है।

अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 के बीच के उल्लेखनीय कार्य

विवरण

मात्रा

विद्युत उपलब्ध क्षमता में वृद्धि

356 मेगावाट

नये अति उच्च दाब उपकेन्द्र की स्थापना

12

अति उच्च दाब ट्रांसफार्मर की वृद्धि

30

अति उच्च दाब लाइनों का निर्माण

942 सर्किट कि.मी.

33/11 केव्ही उपकेन्द्र की स्थापना

8

पावर ट्रांसफार्मर

85

33 केव्ही लाइनों का निर्माण

260 कि.मी.

11 केव्ही लाइनों का निर्माण

670 कि.मी.

निम्न दाब लाइनों का निर्माण

231 कि.मी.

वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना

791 कि.मी.

उपभोक्ता संख्या में वृद्धि

1.90 लाख

प्रदेश में विद्युत पारेषण हानियाँ अब मात्र 2.59 प्रतिशत रह गई हैं। यह पूरे देश में न्यूनतम हानियों में से एक है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप के अंतर्गत भविष्य की विद्युत मांग की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये पारेषण प्रणाली के विस्तार कार्यक्रम मे ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर, टैरिफ आधारित अति उच्च दाब उपकेन्द्रों और उनसे संबंधित लाइनों के निर्माण को शामिल किया गया है।

लॉकडाउन में उपभोक्ताओं को 1000 करोड़ की राहत

प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ता जो संबल योजना के हितग्राही है एवं माह अप्रैल 2020 में जिनके देयक की राशि 100 रूपये तक थी, उनके आगामी तीन माह में देयक राशि 100 रूपये तक आने पर इन माहों में 50 रूपये प्रतिमाह लिया गया। ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके अप्रैल 2020 के देयक की राशि 100 रूपये तक थी उनके आगामी 3 माह के देयक राशि 100 से 400 तक आने पर उन तीन माहों में मात्र 100 रूपये प्रतिमाह की राशि का भुगतान लिया गया। ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनकी अप्रैल 2020 में देयक राशि 100 रूपये से अधिक परंतु 400 या उससे कम थी, उनके आगामी तीन माह के देयक राशि 400 से अधिक आने पर उन तीन माह में देयक की राशि का मात्र 50 प्रतिशत लिया गया है। प्रदेश के निम्न दाब, गैर घरेलू एवं निम्न दाब औद्योगिक, उच्च दाब टैरिफ एचव्ही 3 उपभोक्ताओं के अप्रैल, मई एवं जून 2020 के विद्युत देयकों में स्थायी प्रभार की वसूली को अस्थगित किया गया। उपभोक्ताओं द्वारा लॉकडाउन के चलते अप्रैल एवं मई माह के विद्युत बिलों का भुगतान नियत तिथि तक करने पर एक प्रतिशत की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि आगामी बिल में दी गई है। इन निर्णयों से उपभोक्ताओं को लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की राहत प्रदान की गई।

उपभोक्ताओं के हित में लिये गये निर्णय

घरेलू उपभोक्ताओं से प्रथम 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर मात्र 100 रूपये लिये जाते हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति के बीपीएल घरेलू उपभोक्ताओं से 30 यूनिट तक मासिक खपत पर मात्र 25 रूपये लिये जा रहे हैं। इन योजनाओं से प्रतिमाह लगभग एक करोड़ उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। वर्तमान रबी सीजन में कृषि उपभोक्ताओं को दिन के समय अधिक बिजली देने के लिये फ्लेक्सी प्लान लागू किया गया है। साथ ही खेती कार्य के लिये फ्लेट दरों पर बिजली दी जा रही है। इससे लगभग 22 लाख कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त एक हेक्टयर तक की भूमि वाले अनुसूचित जाति-जनजाति के लगभग 8 लाख बीपीएल धारक किसानों को नि:शुल्क बिजली दी जा रही है।

19 लाख से अधिक शिकायतें निराकृत

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संबंधित शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिये केन्द्रीयकृत कॉल सेंटरों को सृदृढ़ किया गया है। अप्रैल से नवम्बर 2020 की अवधि में प्राप्त सभी करीब पौने 20 लाख शिकायतों का निराकरण किया गया। शिकायतों के निराकरण के बाद उपभोक्ता संतुष्टि के लिये फीडबैक व्यवस्था में इस दौरान 3 लाख 32 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं से सम्पर्क किया गया। औसत उपभोक्ता संतुष्टि प्रतिशत 98.4 प्रतिशत पाया गया। गलत बिजली बिल संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिये शिविर लगा कर 33 हजार से अधिक शिकायतों को मौके पर दूर किया गया। परिणामस्वरूप अब शिकायतों के निराकरण का औसत समय 71 से घटकर 35 मिनट रह गया है। इसे और कम करने के भी प्रयास किये जा रहे हैं।

बिजली सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खातों में

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा बिजली क्षेत्र में सुधारों के लिए बनाए गए मानदंडों को लागू करने में मध्यप्रदेश ने अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रदेश ने दिसंबर 2020 से विदिशा जिले में किसानों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी डीबीटी के जरिए सीधे बैंक खाते  में देनी शुरू कर दी है। योजना में 60 हजार 81 लाभार्थियों के बैंक खातों में 32 करोड़ 7 लाख रुपये डीबीटी के जरिए भेजे गए। झाबुआ और सिवनी जिलों में भी योजना को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन तीन जिलों के आधार पर इस योजना को अगले वित्त वर्ष में पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस प्रकार प्रदेश ने बिजली क्षेत्र के लिए निर्धारित तीन सुधारों में से एक को सफलता से लागू कर दिया है।

आत्म-निर्भर म.प्र. रोड़मेप - 2023

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप की प्राथमिकताओं में विद्युत अधोसंरचना कार्यों के लिए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति, स्थानीय निर्मित सामग्री और उपकरणों की खरीदी में प्राथमिकता, वितरण अधोसंरचना के लगातार संधारण की व्यवस्था और गुणवत्ता पूर्ण सामग्री की खरीद के लिए इन हाउस परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना को शामिल किया गया है। साथ ही नियमित भुगतान वाले उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय में प्राथमिकता, मीटरिंग, बिलिंग और कनेक्शन पर ध्यान देते हुए उपभोक्ता सुविधा बढ़ाने और उपभोक्ता संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता, मीटर स्थापित कर उपभोक्ताओं को वास्तविक मीटर रीडिंग के देयक जारी करने को भी रोडमैप में रखा गया है। संधारण कार्य को प्राथमिकता, कृषि फीडर पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करना, जले/खराब ट्रांसफार्मर को निर्धारित समयावधि में बदलना, वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने की दर में कमी लाना, गुणवत्तापूर्ण सामग्री की खरीदी करना और विद्युत चोरी में कमी के लिए उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण में परिवर्तन के लिए जागरूकता अभियान को भी रोडमेप का हिस्सा बनाया गया है।

म.प्र. अब घड़ियाल और गिद्धों की संख्या में नम्बर वन की दहलीज पर

मध्यप्रदेश प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता विशेष कर वन एवं वन्य-प्राणियों की विविधता के लिए जाना जाता है। मृदा और जल के संरक्षक के रूप में वनों की महत्ता अद्वितीय हैं। मध्यप्रदेश टाईगर और लेपर्ड स्टेट बनने के बाद अब घड़ियाल और गिद्धों की संख्या के मामले में नम्बर वन बनने की दहलीज पर आ पहुँचा है।

ऐसे बना टाईगर स्टेट

देश में सबसे अधिक बाघ मध्यप्रदेश में हैं। पिछले साल बाघों की संख्या 526 होने के साथ प्रदेश को एक बार पुन: टाईगर स्टेट का दर्जा मिला है। इस बीच 4 बाघ कम भी हुए हैं। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में सर्वाधिक 124 और कान्हा टाईगर रिजर्व में 108, पेंच टाईगर रिजर्व में 87, सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद में 47 और पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या 31 थी। आज से 14 साल पहले वर्ष 2006 में प्रदेश में सर्वाधिक 300 बाघ होने से टॉप पर था। वर्ष 2010 और 2014 में हुई गणना में कर्नाटक और उत्तराखण्ड से पिछड़ कर मध्यप्रदेश तीसरे पायदान पर आ गया था। इसके चार साल बाद वर्ष 2018 में हुई गणना में बाघों के मामले में मध्यप्रदेश ने लम्बी छलांग के साथ देशभर में पहले स्थान पर आकर 'टाईगर स्टेट' का दर्जा मिलने का गौरव हासिल किया। टाईगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अति विशिष्ट योगदान देने वाली पेंच टाईगर रिजर्व की बाघिन 'कॉलर कली' के नाम विश्व में सर्वाधिक संख्या में प्रसव और शावकों के जन्म का अनूठा कीर्तिमान है।

राष्ट्रीय स्तर पर गणना

राष्ट्रीय स्तर पर हरेक चार साल में गणना भारत सरकार के वन्य एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा कराई जाती है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीयूट देहरादून द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जाती है। इस आधार पर बाघ और तेंदुओं की संख्या भारत सरकार द्वारा तय की जाती है।

प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं, जहाँ बाघों की संख्या बहुत कम है। इनमें माधव राष्ट्रीय उद्यान, गांधी सागर अभयारण्य, संजय एवं सतपुड़ा टाईगर रिजर्व और नौरादेही अभयारण्य शामिल हैं। टाईगर ट्रांसलोकेशन में ऐसे क्षेत्र जहाँ बाघों की संख्या कम है, वहाँ पर बाघों को उन क्षेत्रों से जहाँ बाघों की संख्या अधिक है, वे अपनी टेरेटरी बनाने के लिए संरक्षित क्षेत्र से बाहर निकल जाते हैं। इससे जहाँ एक ओर बाघ के आ जाने से क्षेत्र की जैव-विविधता बढ़ेगी, वहीं दूसरी तरफ मनुष्य-वन्य प्राणी द्वन्द की घटनाओं पर विराम लगेगा और बाघ प्रबंधन बेहतर हो सकेगा।

तेंदुआ स्टेट का मिला दर्जा

तेंदुए की आबादी के अखिल भारतीय आंकलन की रिपोर्ट पिछले साल के अंत में केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने जारी की। देशभर में तेंदुओं की संख्या 12 हजार 852 और प्रदेश में 3 हजार 421 संख्या थी। इस प्रकार देश में उपलब्ध तेंदुओं की संख्या में से 25 प्रतिशत अकेले मध्यप्रदेश में पाए गए हैं।‍इसी के साथ मध्यप्रदेश ने कर्नाटक और महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर 'तेंदुआ स्टेट' का दर्जा हासिल किया है। देश में तेंदुए की आबादी में औसतन 60 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई, जबकि प्रदेश में 80 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।

घड़ियाल और गिद्धों के मामले में भी नम्बर वन की दहलीज पर

मध्यप्रदेश, टाईगर स्टेट और लेपर्ड स्टेट बनने के बाद घड़ियालों और गिद्धों के मामले में भी नम्बर वन बनने से एक कदम की दूरी पर आ गया है। घड़ियाल और गिद्ध गणना की रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश को गिद्ध और घड़ियाल स्टेट के दो खिताब मिलने की प्रबल संभावना है।

वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक 1859 घड़ियाल चम्बल अभयारण्य में हैं। चार दशक पहले घड़ियालों की संख्या खत्म होने के कगार में थी। तब दुनिया भर में केवल 200 घड़ियाल ही बचे थे। इनमें से भारत में 96 और चम्बल नदी में 46 घड़ियाल थे।

प्रदेश में मुरैना जिले के देवरी में घड़ियाल प्रजनन केन्द्र की स्थापना की गई है। यहाँ घड़ियाल के अण्डों को सुरक्षित तरीके से हैंचिंग की जाती है। घड़ियाल के अण्डों को हेचरी की रेत में 30 से 36 डिग्री तापमान पर रखा जाता है। इस दौरान अण्डों से कॉलिंग आती है और अण्डों से बच्चे निकलना शुरू हो जाते हैं। बड़े होने पर इन्हें उचित रहवास जल क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से छोड़ दिया जाता है।

वर्ष 2019 में पक्षी गणना के मुताबिक 8397 गिद्ध प्रदेश में थे, जो भारत के अन्य राज्योंकी तुलना में सबसे अधिक है। भोपाल के केरवा इलाके में वर्ष 2013 से गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केन्द्र स्थापित है। इसे बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। गिद्धों की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश जल्द नम्बर वन के पायदान पर आने वाला है।

चीतल ट्रांसलोकेशन

प्रदेश में अफ्रीकी चीता के पुनर्स्थापना की व्यापक तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। इसमें प्रे-बेस के लिए संरक्षित क्षेत्र गांधी सागर अभयारण्य, मंदसौर में शाकाहारी वन्य-प्राणियों के ट्रान्सलोकेशन के लिए राज्य शासन द्वारा नरसिंहगढ़ अभयारण्य (राजगढ़) से 500 चीतलों का ट्रांसलोकेशन की अनुमति दी जा चुकी है। चीतलों के ट्रांसलोकशन के साथ जहाँ एक क्षेत्र में प्रे-बेस की संख्या में वृद्धि होगी वही फसल हानि एवं मानव-वन्य प्राणी की द्वन्द स्थिति में बड़े स्तर पर कमी आएगी।

नाईट जंगल सफारी

प्रदेश के वन्य-प्राणी संरक्षित क्षेत्रों में सुबह और दोपहर में वाहन द्वारा पर्यटकों के लिए सफारी की जाती है। निशा सफारी में पर्यटक सांयकाल अवधि में बफर क्षेत्र में सूर्यास्त के चार घंटे बाद तक प्राकृतिक वनों एवं वन्य-प्राणियों का अद्भुत नजारा देखते हैं।

बैलून सफारी

पर्यटकों की सुविधाओं का विस्तार कर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में 'बैलून सफारी' की शुरूआत दिसम्बर-2020 में की गई है। इसकी खास बात यह है कि सम्पूर्ण देश के किसी टाईगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में होने वाली पहली सफारी है। पर्यटक एरियल व्यू से बाघ, तेंदुआ, भालू और अन्य वन्य-प्राणियों को विचरण करते हुए आनंद की अनुभूति ले सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 24 नवम्बर 2020 को बांधवगढ़ में आयोजित कैबिनेट बैठक में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने के निर्णय से महज एक माह की अवधि में ही इस 'बैलून सवारी' का शुभारंभ हुआ।

वाइल्ड लाइफ मैनेजमेन्ट के लिए मिले तीन पुरस्कार

वन्य-प्राणी संरक्षण में किए गए प्रयासों को मान्यता देते हुए पिछले वर्षों में मध्यप्रदेश के वन्य-प्राणी क्षेत्रों और इस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों-अभियानों आदि को कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में किए गए सक्रिय वन्य-प्राणी प्रबंधन और श्रेष्ठ वन्य-प्राणी विस्थापन कार्यों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा कान्हा टाईगर रिजर्व एवं सतपुड़ा टाईगर रिजर्व को पुरस्कृत किया गया है।

केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा टाईगर रिजर्वों के प्रबंधन, मूल्यांकन में पुन: अपना वर्चस्व स्थापित करते हुए प्रदेश के तीन टाईगर रिजर्व पेंच, कान्हा और सतपुड़ा टाईगर रिजर्व क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आए हैं। मध्यप्रदेश टाईगर फाउण्डेशन सोसायटी द्वारा पैंगोलिन संरक्षण के लिए चलाए गए अभियान को मान्यता देते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स ने मान्यता दी है। बाघ एवं अन्य वन्य-प्राणी संरक्षण क्षेत्र में किए गए कार्यों पर डब्ल्यू-डब्ल्यू.एफ. इंडिया द्वारा वर्ष 2019 'पाटा-बाघ मित्र' अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आर.बी.एस. फाउण्‍डेशन अवार्ड शामिल है। इसके साथ राज्य-स्तरीय टाईगर स्ट्राइक फोर्स में पदस्थ श्री रितेश सिरोठिया को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का 'क्लार्क बाविन अवार्ड और राष्ट्रीय स्तर के फतहसिंह राठौर राष्ट्रीय मेमोरियल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

लोक निर्माण मंत्री श्री भार्गव ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ 

लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने 72 वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैंl उन्होंने कहा है  कि  भारतवर्ष अपनी स्वस्थय लोकतांत्रिक परम्पराओं की ताकत से ही कोराना संकटकाल का सामना कर सका है। इसमें प्रदेशवासियों की महती भूमिका रही है। उन्होंने कहा है प्रदेश सरकार  स्वस्थय,  स्वच्छ एवं पारदर्शिता  के मूल सिद्धान्त पर चलकर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य को आप सब के सहयोग से प्राप्त करेगी।

लोक निर्माण राज्यमंत्री श्री धाकड़ ने दी शुभकामनाएँ 

लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेश धाकड़ ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार प्रदेश में सुदृढ़ अधोसरंचना विकास के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है। इसे समय-सीमा में जन-सहयोग से पूरा किया जाएगा।

मंत्री श्री पटेल और मंत्री श्री डंग द्वारा गणतंत्र दिवस की बधाई

पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल और पर्यावरण, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। मंत्रीद्वय ने आशा व्यक्त की है कि प्रदेश उतरोत्तर विकास और खुशहाली के रास्ते पर निरंतर अग्रसर रहेगा।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि विश्व के सबसे प्राचीन गणराज्य की स्थापना हमारे देश भारत के वैशाली में 2600 साल पहले हुई थी। आज किसी लोकतांत्रिक देश की प्रणाली अपर-लोअर हाउस वैशाली गणराज्य में थी। आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ और भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना।

मंत्री श्री डंग ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हम भारत जैसे लोकतांत्रिक गणराज्य के नागरिक हैं। यहाँ किसी शासक का प्रभुत्व न होकर जनता के प्रतिनिधि नीति निर्धारित करते हैं। हमारा संविधान धर्म, जाति, पंथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, न्याय, समभाव आदि प्रदान करता है। इसी लिए गणतंत्र दिवस हमारे देश में राष्ट्रीय प्रेम की भावना से ओतप्रोत एक लोकप्रिय राष्ट्रीय पर्व है।

खाद्यान्न उपार्जन से वितरण तक प्रदेश रहा अव्वल

कोविड भी नहीं रोक सका खाद्यान्न वितरण का ट्रक

कोविड-19 के संक्रमण की विषम परिस्थितियों में भी मध्यप्रदेश में गरीबों को खाद्यान्न वितरण का काम रूका नहीं बल्कि और भी ज्यादा मुस्तैदी से हुआ। यह संभव हुआ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ठोस कारगर रणनीति तैयार कर उसे अमल में लाने से। रणनीति के जरिये राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम के माध्यम से हो या वन नेशन-वन राशन कार्ड द्वारा प्रदेश में और प्रदेश के बाहर के राज्यों में कार्यरत अथवा निवासरत प्रदेश के उपभोक्ताओं को राशन पहुँचाया गया।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्न उत्सव के रूप में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 37 लाख वंचित हितग्राहियों को पात्रता पर्ची के साथ खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान की। प्रदेश के 52 जिलों में एक साथ प्रारंभ हुए अन्न उत्सव की गंभीरता इस बात से पता लगती है कि कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने स्वयं एवं अपने मंत्रीगणों के माध्यम से हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची देकर किया।

हितग्राहियों को खाद्यान्न सामग्री

हितग्राहियों को राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रति सदस्य एक रूपये प्रति किलो की दर से 5 किलो खाद्यान्न वितरित किया गया। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रति सदस्य 5 किलो खाद्यान्न एवं एक किलो दाल प्रति परिवार नि:शुल्क नवंबर तक वितरित की गई। प्रति परिवार एक रूपये प्रति किलो की दर से एक रूपये किलो आयोडाईज्ड नमक एवं कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर प्रति परिवार डेढ़ लीटर केरोसीन का वितरण भी किया गया।

अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम सहित अनेक नए हितग्राही

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अंतर्गत प्रदेश की 75 प्रतिशत आबादी को ही लाभान्वित करने की सीमा निर्धारित होने के कारण 25 श्रेणी के नवीन सत्यापित हितग्राही जैसे फेरी वाले, हम्माल, तुलावटी, केश-शिल्पी, बीपीएल कार्ड धारक, बीड़ी श्रमिक, साइकिल रिक्शा और हाथ ठेला चालक राशन से वंचित रहे हैं। गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 37 लाख नवीन हितग्राहियों को इस अभियान में जोड़ा गया। हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में 5 किलो प्रति सदस्य खाद्यान्न एवं एक रूपये प्रति किलो दाल प्रति परिवार अप्रैल से माह नवंबर-2020 तक नि:शुल्क वितरित की गई।

आत्म-निर्भर भारत - माईग्रेंट लेबर को खाद्यान्न सुरक्षा

राज्य शासन ने आत्म-निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत कोविड संक्रमण काल में लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न सुरक्षा के तहत माईग्रेंट लेबर के एक लाख 9 हजार परिवारों के एक लाख 96 हजार सदस्यों को माह मई एवं जून-2020 में 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य एवं प्रति परिवार एक किलोग्राम दाल का नि:शुल्क वितरण किया। इसमें एसडीआरएफ की मद से कुल करीब 31 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न एवं 137 मीट्रिक टन नमक नि:शुल्क प्रदाय कराया गया।

 राज्य एवं राष्ट्रीय योजनाओं में वितरित खाद्यान्न

राज्य सरकार द्वारा 89 आदिवासी विकासखण्डों के पात्र परिवारों को डबल फोर्टिफाइट एवं शेष क्षेत्र के पात्र परिवारों को एक रूपये प्रति किलो प्रति परिवार की दर से आयोडाइज्ड नमक का वितरण कराया गया है। अन्त्योदय अन्न योजना में लगभग 16 लाख अति गरीब परिवारों को एक किलो शक्कर 20 रूपये प्रति किलो की दर से प्रतिमाह दी जा रही है।

भारत सरकार द्वारा गरीब परिवारों के लिए प्रदेश को 2 रूपये प्रति किलो गेहूँ, 3 रूपये किलो की दर से चावल आवंटित किया गया। इसमें गेहूँ पर एक रूपये किलो एवं चावल पर 2 रूपये किलो राज्य सरकार द्वारा अलग से अनुदान दिया जाकर एक रूपये किलो की दर से खाद्यान्न वितरित किया गया है।

कोविड में पीजीकेवाय के अंतर्गत खाद्यान्न वितरित

कोविड संक्रमण में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अंतर्गत 5 करोड़ 44 लाख हितग्राहियों को केन्द्र एवं राज्य शासन की इन हितकारी योजनाओं से प्रतिमाह दस किलो खाद्यान्न के साथ प्रति परिवार एक किलो दाल भी नवंबर-2020 तक नि:शुल्क वितरित की गई। योजना के अंतर्गत 2 लाख 72 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न एवं 11 हजार 600 मीट्रिक टन दाल का आवंटन प्रतिमाह वितरण के लिए दिया गया।

धान उपार्जन में बनाया नया रिकॉर्ड

परिस्थितियाँ कोई भी रही हों, मध्यप्रदेश में धान का रिकॉर्ड उपार्जन 37 लाख 36 हजार मीट्रिक टन किया गया है। विगत वर्ष यह मात्रा 25 लाख मीट्रिक टन थी। इस वर्ष लगभग 7 हजार करोड़ की धान खरीदी गई, जिसमें से 5 हजार करोड़ से ज्यादा राशि किसानों के खातों में अंतरित कर दी गई है।

619 करोड़ रूपये का किसानों का भुगतान

खरीफ उपज की खरीदी के बदले किसानों को ई-पेमेन्ट से अभी तक 619 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा गया है। उपज खरीदी के लिये 1552 उपार्जन केन्द्र स्थापित किये गये। इनमें 1,419 केन्द्रों पर धान की और 133 केन्द्रों पर बाजरे एवं ज्वार की खरीदी की गई है।

7 लाख से अधिक किसानों के पंजीयन का प्रमाणीकरण

खरीफ फसल के विक्रय के लिए 7 लाख 81 हजार 168 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से 7 लाख 72 हजार 593 किसानों से उनकी उपज निर्धारित मूल्य पर खरीदी गई। पंजीकृत किसानों में से धान के लिए 7 लाख 18 हजार 541, ज्वार के लिए 14 हजार 65 एवं बाजरे के लिए 39 हजार 987 किसानों के पंजीयन का प्रमाणीकरण किया गया।

5 लाख 67 हजार मी.ट. से अधिक उपज का परिवहन

प्रदेश में अभी तक खरीदी केन्द्रों से गोदाम तक 5 लाख 67 हजार 249 मीट्रिक टन उपज का सुरक्षित परिवहन किया जा चुका है। इसमें 3 लाख 89 हजार 445 मीट्रिक टन धान, एक लाख 77 हजार 804 मीट्रिक टन बाजरा एवं ज्वार का परिवहन कर सुरक्षित गोदाम तक पहुँचाया गया।

अनुसूचित-जाति वर्ग के सर्वांगीण विकास के तेज प्रयास

प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। इन वर्गों के शैक्षणिक एवं आर्थिक सुधार के लिये चलायी जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। वर्तमान में प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग के कल्याण के लिये पर्याप्त राशि हो, इसके लिये अनुसूचित-जाति की आबादी के मान से विभागीय बजट में 15.6 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है। समाज के सभी वर्गों के मध्य अनुसूचित-जाति के प्रति सामाजिक समरसता कायम करने के लिये भी ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। अनुसूचित-जाति वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के जरिये विदेशों के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन के अवसर उपलब्ध करवाये जा रहे हैं ।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की मंशानुरूप काम के उद्देश्य से अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा रोडमैप तैयार किया गया है। योजनाओं के क्रियान्वयन में ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने तथा ऑनलाइन स्वीकृति की व्यवस्था के लिये प्रोग्राम तैयार करने की व्यवस्था लागू की जा रही है। हितग्राहियों की जानकारियों का डिजिटलीकरण किये जाने की व्यवस्था की गयी है। विभाग में ई-ऑफिस सिस्टम को प्रभावी रूप में लागू करने के लिये जिलों से होने वाले पत्राचार को पेपरलेस किया जा रहा है। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये वार्षिक कैलेण्डर तैयार कर पालन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। विभाग की रोजगार-मूलक योजनाओं और कौशल उन्नयन की योजनाओं का ग्रामीण विकास, उद्योग, कृषि, उद्यानिकी और तकनीकी विभाग के साथ कन्वर्जेंस कर पुनर्गठन किया जा रहा है। साथ ही ज्ञानोदय विद्यालयों में स्मार्ट क्लॉस के जरिये अध्ययन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना

प्रदेश में 1033 अनुसूचित बहुल ग्रामों में आदर्श ग्राम योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में ऐसे ग्रामों का चयन किया गया है, जिनकी कुल आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित-जाति वर्ग का है। इसके लिये केन्द्र सरकार ने 159 करोड़ 72 लाख की राशि जारी की है। योजना में 994 ग्रामों की ग्राम विकास योजनाएँ तैयार कर ली गयी हैं। चयनित ग्रामों में बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस योजना में देश में जितना काम हुआ है, उसका लगभग 24 प्रतिशत काम मध्यप्रदेश में अब तक किया जा चुका है।

शैक्षणिक सुधार

अनुसूचित-जाति वर्ग के 18 लाख 53 हजार विद्यार्थियों को समग्र छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से करीब 235 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को इस वर्ष पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति के रूप में 318 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मंजूर की गयी है। इस वर्ष 35 छात्रों को 5 करोड़ 60 लाख रुपये की विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति वितरित की गयी है। जेईई, नीट, क्लेट और एनडीए जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाने वाले इस वर्ग के प्रतिभाशाली 30 छात्रों को वाल्मिकी योजना का लाभ दिया गया है। आवास भत्ता योजना में 55 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 60 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गयी है। योजना में उन विद्यार्थियों को मदद पहुँचाई गयी है, जिन्हें छात्रावासों में सीटें कम होने की वजह से स्थान नहीं मिल सका है। अनुसूचित-जाति वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिये प्रदेशभर में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालयों में इस वर्ष कक्षा-10 का परीक्षा का परीक्षा परिणाम 99.04 प्रतिशत और कक्षा-12वीं का परिणाम 95.29 प्रतिशत रहा है।

सामाजिक समरसता

सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के लिए के लिये पिछले 2 वर्षों में अतंर्जातीय विवाह करने वाले 1338 दम्पत्तियों को करीब पौने 17 करोड़ की राशि प्रोत्साहन-स्वरूप दी गयी है। प्रत्येक दम्पत्ति को प्रोत्साहन-स्वरूप 2 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करायी गई है।

स्व-रोजगार एवं प्रशिक्षण

अनुसूचित-जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार की स्थापना में मदद के लिये राज्य सहकारी अनुसूचित-जाति एवं विकास निगम द्वारा मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, सावित्री बाई फूले स्व-सहायता समूह और कौशल उन्नयन योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इनमें चयनित हितग्राही को ऋण के साथ अनुदान और प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है।

प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग की समस्याओं की निष्पक्ष मॉनीटरिंग और उनके हितों के संरक्षण के लिये संवैधानिक प्रावधानों के तहत मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित-जाति आयोग का गठन किया गया है।

नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने नागरिकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दी हैं। मंत्री श्री सिंह ने नागरिकों से आग्रह किया है कि शहर को स्वच्छ रखने में सहयोग करें । श्री सिंह ने कहा है कि सरकार हर शहर में नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है।

प्रदेश की समूची ग्रामीण आबादी को तीन साल में मिलेगा नल से जल

जल प्रत्येक जीव के जीवन की पहली जरूरत है। राज्य सरकार भी इसे अपनी प्राथमिकता में रखते हुए इसकी शीघ्र उपलब्धता और बेहतर प्रबंधन को निरंतरता दे रही है।  प्रदेश के ग्रामीण अंचल में हर परिवार को घर में ही नल कनेक्शन से पानी उपलब्ध करवाये जाने से माताओं-बहनों को पानी के लिए नदी, तालाब, कुँआ अथवा बावड़ी तक जाने से निजात मिल जायेगी। राज्य सरकार के ग्रामीण आबादी को नल से जल मुहैय्या करवाने के कारगर प्रयासों से अब किसी को “नीर के लिये पीर” नहीं सहना होगी।      

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले से घोषणा की थी कि देश की समूची ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल उनके घर पर ही नल कनेक्शन के जरिये दिये जाने की व्यवस्था की जायेगी। इसके बाद भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने 'राष्ट्रीय जल जीवन मिशन' की गाइड लाइन जारी की। मिशन के मुताबिक गाँव के हर परिवार को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने पर होने वाले व्यय की 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार देगी तथा 50 प्रतिशत व्यय राज्य सरकार को वहन करना है।

    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की करीब सवा 5 करोड़ ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के जरिये गुणवत्तापूर्ण जल उपलब्ध करवाने के लिये “जल जीवन मिशन” के अन्तर्गत कार्यवाही के निर्देश दिये। इससे प्रदेश में ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को जल जीवन मिशन से मिली गति और ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन। मिशन के जरिये दिसंबर 2020 तक 30 लाख से ज्यादा नल कनेक्शन दिये गये हैं। इससे 1473 ग्राम शत-प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन युक्त हो चुके हैं।

मिशन के अन्तर्गत प्रधानमंत्री के सभी स्कूलों/आँगनवाड़ियों में नल कलेक्शन से पेयजल प्रदान करने के 100 दिवसीय अभियान में प्रदेश में तेजी से काम किया जा रहा है। अब तक 12 हजार 881 शालाओं तथा 6 हजार 284 आँगनवाड़ियों में नल से जल सुलभ कराया जा चुका है। शेष स्कूल और आँगनवाड़ियों में 31 मार्च 2021 तक नल से जल पहुँचाने का लक्ष्य है।  

       लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम प्रदेश के सभी ग्रामीण अंचल के हर परिवार तक नल कनेक्शन से जल पहुँचाने के लिये लगातार कार्य कर रहे हैं। ग्रामीण आबादी को गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध करवाने के लिए 13 हजार 530 करोड़ की लागत की एकल और समूह जलप्रदाय योजनाओं पर कार्य जारी है। इनके पूर्ण होने पर 44 लाख 56 हजार नल कनेक्शन दिए जायेंगे, जिससे लगभग साढ़े 18 हजार ग्राम शत-प्रतिशत FHTC युक्त हो जायेंगे। जल जीवन मिशन में जल-संरचनाओं के निर्माण और संधारण के कार्य लगभग हर जिले में जारी हैं। ग्रामीण जनसंख्या के आधार पर प्राप्त प्रस्तावों पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जलप्रदाय योजनाओं की स्वीकृति दिए जाने का सिलसिला बना हुआ है।

लक्ष्य प्राप्ति में प्रदेश अग्रणी तीन राज्यों में

देश के सात बड़े राज्यों में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी तीन राज्यों में शामिल है। प्रदेश में मिशन के क्रियान्वयन का लक्ष्य योजनाबद्ध और सामयिक अनुपात में निर्धारित किया गया है। ग्रामीण आबादी के अनुसार प्रत्येक 5 सदस्यीय परिवार को आधार मानकर एक करोड़ से अधिक नल कनेक्शन दिये जाना होंगे। वर्ष 2020-21 में 26 लाख 26 हजार, वर्ष 2021-22 में 33 लाख 74 हजार, वर्ष 2022-23 में 28 लाख 76 हजार तथा वर्ष 2023-24 के दिसंबर माह तक 14 लाख 75 हजार नल कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य है।

जल्द ही दो जिले शत-प्रतिशत FHTC युक्त होंगे

मिशन के अन्तर्गत राज्य जल निगम द्वारा सर्वप्रथम दो जिलों के सभी ग्रामों के प्रत्येक परिवार को 31 मार्च 2021 तक नल कनेक्शन से जलप्रदाय की दिशा में तेजी से कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में बुरहानपुर जिले में 255 आबादग्राम में एक लाख 06 हजार से ज्यादा घरेलू नल कनेक्शन दिए जाना हैं। इस योजना के पूर्ण होते ही 5 लाख 31 हजार आबादी को नल कनेक्शन के माध्यम से जलप्रदाय शुरू हो जायेगा। इसी तरह निवाड़ी जिले में 253 आबादग्राम में करीब 72 हजार घरेलू नल कनेक्शन दिए जाना हैं। इसके बाद इन गाँवों की 3 लाख 88 हजार आबादी को नल कनेक्शन से जल मिलने लगेगा।   

हर स्तर पर समितियाँ गठित

  प्रदेश में जल जीवन मिशन के संचालन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन और कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन का गठन किया गया है। साथ ही ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का गठन भी किया जायेगा। योजना में निर्माण लागत की 10 प्रतिशत जनभागीदारी होगी। ग्राम से जनभागीदारी श्रम, सामग्री अथवा नगद राशि के रूप में ली जा सकेगी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य ग्रामों में जनभागीदारी 5 प्रतिशत होगी।

कोरोना काल में ऐसा आयोजन एक साहस भरा निर्णय:श्री जौहरी

तीन दिवसीय 18वीं फेडेरेशन कप जूनियर अंडर-20 राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियन का शुभारंभ
चयनित खिलाड़ी करेगें नैरोबी वर्ल्ड चम्पियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व

भोपाल के तात्या टोपे स्टेडियम में सोमवार को 18वीं फेडेरेशन कप जूनियर अंडर-20 राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की शुरूआत हुई। ##### पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी ने तीन दिवसीय प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए कहा कि कोरोना काल में सबसे बड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी करना एक साहस भरा निर्णय है। उन्होंने खेल विभाग को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना के सभी नियमों का पालन और एहतियात बरतते हुए यह आयोजन किया जा रहा, जो प्रशंसनीय है। श्री जौहरी ने विभिन्न राज्यों से शामिल हुए प्रतिभागी खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि खिलाड़ियों ने कई मायनों में अपना फिटनेस और यहाँ पर की गई व्यवस्थाओं पर भरोसा किया है। श्री जौहरी ने खिलाड़ियों को सभी नियमों का पालन करते हुए सुरक्षित रहकर अच्छे प्रदर्शन के लिए शुभकामनाँए दी।

टी.टी.नगर स्टेडियम बना मिनी इंडिया

कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि मुख्य आयकर आयुक्त श्री राकेश कुमार पालीवाल ने कहा कि आज इस आयोजन से भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में एक मिनी इंडिया दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे जमाने में यह परम्परा थी कि खेलने के लिए माता-पिता ज्यादा समय नहीं देते थे। पढ़ाई ज्यादा जरूरी होती थी। वर्तमान में माहौल बदल गया है। अब अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखाने का मौका मिल रहा है। श्री पालीवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश अब खेलों में सिरमौर बन रहा है। उनकी पदक तालिका में लगातार इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब आदिवासी अंचलों में भी खेल परम्परा सुदृढ़ हो रही है। ग्रामीण अंचलों की प्रतिभाएं तीरंदाजी जैसे पांरम्परिक खेलों में स्वर्ण पदक हासिल कर रहे है। श्री पालीवाल ने खिलाड़ियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि हार-जीत से नहीं अपने खेल में उत्कृष्ठतम प्रदर्शन देना आवश्यक है।

कड़ी मेहनत, त्याग और तपस्या सफलता के रहस्य

##### संचालक, खेल एवं युवा कल्याण श्री पवन कुमार जैन ने कहा कि देश में किसी राष्ट्रीय प्रतियोगिता का यह पहला आगाज है। उन्होंने बताया कि इस चैम्पियनशिप में देशभर के 20 राज्यों के कुल 500 से अधिक बालक एवं बालिका खिलाड़ी भागीदारी कर रहे हैं। मध्यप्रदेश की टीम में 24 बालक और 15 बालिकाओं सहित कुल 39 खिलाड़ी प्रतियोगिता का हिस्सा होगें। इस चैम्पियनशिप से चयनित खिलाड़ी 17 से 22 अगस्त 2021 को नैरोबी (केन्या) में आयोजित जूनियर वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करेगें। संचालक, श्री जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश लगातार विभिन्न खेलों में अपना परचम और उपस्थिति अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कायम रखने में कामयाब रहा है। उन्होंने बताया कि रविवार को म.प्र. रोइंग अकादमी के खिलाड़ी मेहुल कृषनानी और खुशप्रीत कौर ने दो-दो स्वर्ण पदक अर्जित कर वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है। श्री जैन ने बताया कि पहली बार वर्चुअल एशियन चैम्पियनशिप में पूरे एशिया से खिलाड़ियों ने ऑनलाईन भागीदारी की थी।

संचालक, खेल एवं युवा कल्याण श्री जैन ने प्रतिभागी खिलाड़ियों से कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता, कोई भी बिना मेहनत के रोनाल्डो या सचिन तेन्दुलकर नहीं बनता। कड़ी मेहनत, त्याग और तपस्या से ही इनका नाम दुनिया के पटल पर शीर्ष पर है। उन्होंने कहा कि देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है सिर्फ उन्हें तराशने की जरूरत है। खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व में विभाग लगातार नवाचार करते हुए खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है।

कार्यक्रम में म.प्र. रोइंग अकादमी के स्वर्ण पदक खिलाड़ी मेहुल कृष्णणानी और खुशप्रीत कौर तथा अकादमी के प्रशिक्षक कैप्टन दलबीर सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम की शुरूआत में म.प्र. मलखम्ब अकादमी के बच्चों ने हनुमान चालीसा की धुन पर मलखम्भ का प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, खेल एवं युवा कल्याण श्री पंकज राग, एडीजी श्री उपेन्द्र जैन उपस्थित थे। सैफ गेम्स नेपाल में स्वर्ण पदक विजेता श्री सुनील डावर ने खिलाड़ियों को शपथ दिलाई।

जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह ने गणतंत्र दिवस पर दी शुभकामनाएँ

जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं।

मंत्री सुश्री मीना सिंह ने अपने संदेश में कहा है कि देश के संविधान में नागरिकों के अधिकार एवं कर्त्तव्यों का ज़िक्र है। उन्होंने नागरिकों से अपने अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों का पूरे समर्पण के साथ प्रदेश की तरक्की में निर्वहन किये जाने का आग्रह किया है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री श्री पटेल ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रामखेलावन पटेल ने 72वें गणतंत्र दिवस पर नागरिकों को शुभकामनाएँ दी हैं।

राज्य मंत्री श्री पटेल ने अपने संदेश में कहा है कि संविधान में सभी वर्गों के लोगों को समान अधिकार दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने से कमजोर वर्ग के व्यक्ति के अधिकारों के सरंक्षण के प्रति ज्यादा जागरूक रहना चाहिए। इस भावना से हम अपने देश के गणतंत्र को और अधिक मजबूती दे सकते हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से राज्य की तरक्की में अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन समर्पण की भावना के साथ किये जाने का आग्रह भी किया है।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती सिंधिया ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने प्रदेश के नागरिकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दी है। श्रीमती सिंधिया ने कहा है कि 72वें गणतंत्र दिवस पर भारत अब आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।

मंत्री श्रीमती सिंधिया ने कहा कि प्रदेश के युवा नई आधुनिक शिक्षा और तकनीकों का प्रयोग कर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' के सपने को पूरा करने में सफल होगें।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने दी गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएँ

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह सभी देश एवं प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस पर अपनी शुभकामनाएँ दीं।

उन्होंने प्रदेशवासियों से आव्हान किया कि आइए हम संकल्प लें कि जागरूक उपभोक्ता के रूप में अपने अधिकारों का अधिक से अधिक उपयोग करेंगे एवं कोविड से बचाव के लिए वेक्सीन लगवाकर वर्ष 2021 को कोरोना विजय वर्ष के रूप में मनायेंगे।

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री राजपूत ने दी गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएँ

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस पर अपनी शुभकामनाएँ दीं।

उन्होंने प्रदेशवासियों से कहा कि आइए हम संकल्प लें कि हम अपने जागरूक नागरिक होने का परिचय देते हुए वाहन चलाते समय सीटबेल्ट एवं हेल्मेट का उपयोग करेंगे एवं कोविड से बचाव के लिए हो रहे वैक्सीनेशन में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे।

नगरीय विकास राज्य मंत्री श्री भदौरिया ने प्रदेशवासियवों को दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया ने प्रदेशवासियों को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर शुभकामनाएँ दी हैं।

नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री भदौरिया ने अपने संदेश में कहा है कि देश के संविधान में नागरिकों को अधिकार के साथ उनके कर्त्तव्य भी बताये गये हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से प्रदेश की तरक्की में अपने कर्त्तव्यों का निर्वाहन पूरे समर्पण के साथ किये जाने का आग्रह किया है। राज्य मंत्री श्री भदौरिया ने स्वच्छता अभियान में भी नागरिकों से निरंतर सक्रिय सहयोग देने का आव्हान किया है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कोविड-19 वैक्सीनेशन साइट्स का लिया जायजा

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी ने सोमवार को भोपाल में जिला चिकित्सालय जेपी हॉस्पिटल और रायसेन जिले में सांची स्वास्थ्य केंद्र स्थित कोविड-19 वैक्सीनेशन सेशन साइट का  निरीक्षण किया। यहाँ उन्होंने वैक्सीनेशन के लिये पहुँचे लाभार्थियों और वैक्सीनेशन कर रही टीम के सदस्यों से चर्चा की। दोनों केन्द्रों पर वैक्सीनेशन की व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया गया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के पहले चरण में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को वैक्सीनेशन की पहली डोज दी जा रही है। वैक्सीनेशन की शुरूआत 150 सेशन साइट्स पर 16 जनवरी को की गई थी, जिसे बढ़ाकर 450 कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के कार्य को और तेज गति से करने के लिए 27 जनवरी से 1200 वैक्सीनेशन साइट्स पर वैक्सीनेशन किया जाएगा। इन सभी साइट पर कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गईं  है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने भोपाल और रायसेन जिले के वैक्सीनेशन साइट पर पहुँचकर लाभार्थियों और वैक्सीनेशन होने के बाद ऑब्जर्वेशन कक्ष में रुके लोगों से चर्चा भी की। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई है। उनके चेहरों पर प्रसन्नता थी। डॉ. चौधरी ने बताया कि यह वैक्सीनेशन की पहली डोज है। इसके 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाएगी। दूसरी डोज के 14 दिन बाद शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडीज शरीर में बन जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एंटी एंटीबॉडीज बनने तक कोविड-19 के लिए मास्क  लगाने के साथ-साथ अन्य आवश्यक सावधानियाँ बरतना जरूरी है।

वैक्सीन साइटस पर निरीक्षण के दौरान वैक्सीनेशन टीम ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिये आ रहे व्यक्तियों में वैक्सीन के प्रति उत्सुकता है और वे वैक्सीनेशन कराकर प्रसन्न भी हैं। अन्य जिलों से भी इसी प्रकार सूचनाएँ प्राप्त हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि टीकाकरण को गति देने के लिये अगले चरण में फ्रंट लाईन वकर्स का टीकाकरण शुरू किया जायेगा, इसके दृष्टिगत वैक्सीनेशन साइटस को बढ़ाया गया है।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने दी गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएँ

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में संसार के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नागरिकों ने एकजुटता दिखाकर हमारे गणतंत्र को सशक्त किया है। यह प्रशंसनीय और वंदनीय है। हमारे मजबूत गणतंत्र ने दिखा दिया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश पुन: विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने सभी से आव्हान किया है कि आईये हम सब आत्म-निर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिये दृढ़-संकल्पित होकर प्रगति-पथ पर अग्रसर भारत-वर्ष को नई ऊँचाइयों पर ले जाकर तिरंगे का मान बढ़ायें। भारत-माता की जय। जयहिन्द।

कृषि मंत्री श्री पटेल ने दी गणतंत्र दिवस की बधाई

किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने 72वें गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।

मंत्री श्री पटेल ने कहा है कि हम सभी को मिलकर नये भारत, आत्म-निर्भर भारत और विकसित भारत का निर्माण कर भारत-वर्ष को सिरमौर बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करना है।

श्री पटेल ने आशा व्यक्त की है कि हम सभी प्रदेश और देशवासी अपने परिवार के समान ही समाज और सम्पूर्ण भारत के विकास के लिये जीवन-भर समर्पित भाव से कार्य करते हुए भारत-माता की सेवा करेंगे। जय हिन्द।

एमआईसी के नॉर्म्स के अनुसार सुव्यवस्थित हो हमीदिया अस्पताल

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने की समीक्षा

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल एम.आई.सी. के नॉर्म्स के अनुसार सुव्यवस्थित बनाया जाए। इसके लिए एक बार पुनः प्रेक्टिकल सर्वे कर लिया जाए। श्री सारंग आज गांधी मेडिकल कॉलेज में हमीदिया अस्पताल के निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि नई बिल्डिंग में शिफ्टिंग का भी शेड्यूल तैयार किया जाए। आवश्यकतानुसार उपकरण आदि का भी ऑर्डर दें। आवश्यकताओं को देखते हुए आर्किटेक्ट प्लान करें। मेडिकल कॉलेज का एक गेस्ट-हाउस भी तैयार किया जाए, पार्किंग आदि की व्यवस्था सुगम हो। कमला नेहरू अस्पताल में प्रवेश सुगम बनाया जाए।

श्री सारंग ने कहा कि हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एच.एम.आई.एस.) को फॉलो किया जाए। इसके लिए मॉक ड्रिल कर लिया जाए। डॉक्टर समय पर आएं। पन्द्रह दिन बाद डिपार्टमेंट वाइस काम्पीटीशन भी करें।

बैठक में आयुक्त श्री निशांत बरबड़े, संचालक डॉ. उल्का श्रीवास्तव, डीन  डॉ. अरुणा कुमार, अधीक्षक डॉ. आई.डी. चौरसिया उपस्थित थे।

प्रदेश के सर्वांगीण विकास से होगा सभी का आर्थिक सशक्तिकरण - मंत्री डॉ. मिश्रा

दतिया में पी.एम. स्व-निधि योजना में 200 हितग्राहियों को मिला लाभ
14 करोड़ 68 लाख रुपये के निर्माण कार्यों का किया भूमि-पूजन

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिये प्रदेश के सभी वर्गों के उत्थान के कार्य प्रदेश सरकार कर रही है। मूलभूत अधोसंरचनात्मक विकास के कार्य चहुँओर किये जा रहे हैं। इस प्रकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास से आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। मंत्री डॉ. मिश्रा ने दतिया प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री स्व-निधि योजनांतर्गत 200 हितग्राहियों को 20 लाख रुपये का हित-लाभ दिया। उन्होंने ग्राम कंधारी और ग्राम बड़ोनकलां में 14 करोड़ 68 लाख रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी।

डॉ. मिश्रा ने दतिया में प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना के 200 हितग्राहियों को 10-10 हजार रुपये की राशि के, कुल 20 लाख रुपये के स्वीकृति-पत्र प्रदान किये। उन्होंने कहा कि सरकार सभी वर्गों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये कार्य कर रही है। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाया जा रहा है। सरकार ने निम्न आय वर्ग के लोगों के साथ ही महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से लाभान्वित किया है। महिलाएँ स्व-रोजगार को अपना कर परिवार को आर्थिक सम्बल प्रदान कर रही हैं। डॉ. मिश्रा ने आशा व्यक्त की कि पी.एम. स्व-निधि योजना से पथ-विक्रेताओं को अपने उद्यम को आगे बढ़ाने में निश्चित ही सहायता मिलेगी। उक्त ऋण को समय पर चुका देने पर उन्हें दोगुनी राशि के ऋण की पात्रता मिल जायेगी।

13 करोड़ 60 लाख की लागत से बनेगा पिछोर-बसई मार्ग

मंत्री डॉ. मिश्रा ने ग्राम कंधारी में 13 करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से पिछोर से बसई तक निर्मित होने वाले मार्ग का भूमि-पूजन किया। उन्होंने कहा कि मार्ग का निर्माण हो जाने के पश्चात लोगों को आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। पिछोर तक पहुँचना आसान होगा। उन्होंने ग्राम में जिम के लिये 20 हजार रुपये की राशि भी प्रदान करने की घोषणा की।

ग्राम बड़ोनकलां को एक करोड़ 8 लाख रुपये के विकास कार्यों की सौगात

मंत्री डॉ. मिश्रा ने ग्राम पंचायत बड़ोनकलां के विकास के लिये एक करोड़ 8 लाख 50 हजार रुपये की राशि के 20 निर्माण कार्यों की सौगात दी। उन्होंने कहा कि समस्त निर्माण कार्य एक अप्रैल, 2021 से प्रारंभ हो जायेंगे। इस अवसर पर उन्होंने राजू अहिरवार के परिजनों को 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की।

विभिन्न कार्यक्रमों में श्री सुरेन्द्र सिंह बुधोलिया एवं अन्य जन-प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

म.प्र. की लोक सेवा गारंटी योजना को अन्य राज्यों ने भी अपनाया : मंत्री श्री राजपूत

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी के माध्यम से प्रदेश में सुशासन व्यवस्था लागू की गई। इसमें आमजन को समय-सीमा में उनके द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। श्री राजपूत सागर में लोकसेवा गारंटी के सफलतम दस वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में लोकसेवा गारंटी की व्यवस्था देखकर अन्य राज्यों ने भी इसे लागू किया।

मंत्री श्री राजपूत ने कहा शासकीय सेवक लोकतंत्र के उन पहियों जैसे हैं जिनके सही दिशा में कार्य करने पर जनसेवा का भाव चरितार्थ होता है। उन्होंने कहा प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी का दायित्व है कि उनसे संबंधित योजना का समय-सीमा में सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। मंत्री श्री राजपूत ने शत-प्रतिशत सेवा प्रदायगी सुनिश्चित करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित करते हुए कहा कि ऐसे लोक सेवकों के सम्मान से गौरव की अनुभूति होती है। साथ ही अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले शासकीय सेवकों के विरूद्ध सख्त कदम भी उठाए गये है।

मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि हमें ऐसा सुशासन स्थापित करना है जैसे जनता शासन से अपेक्षा करती है। उन्होंने कहा कि लोक सेवा गारंटी के अंतर्गत 28 विभागों की 322 सेवाओं को शासन द्वारा तय समय-सीमा के अंतर्गत आम जनता को प्रदान किए जाने का प्रावधान है।

संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला ने कहा कि लोक-कल्याणकारी राज्य का पहला दायित्व यह है कि शासकीय मशीनरी के द्वारा निश्चित समय में आमजन को उनसे संबंधित सेवाएँ प्रदान की जायें। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के लागू होने के बाद सेवा प्रदायगी से जुडे समस्त विभागों में नित नए नवाचार भी किए गए, जिससे सुशासन की परिकल्पना और अधिक सुदृढ़ होती गई।

शत-प्रतिशत निराकरण

कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने बताया कि सागर जिले के लोकसेवा केन्द्रों पर कुल दर्ज 23 लाख 74 हजार 175 आवेदनों का शत प्रतिशत निराकरण कर आवेदकों को उनके द्वारा वांछित सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि समाधान एक दिवस के तहत भी 4 लाख 10 हजार 373 आवेदकों को तत्काल सेवा उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि सागर जिले में वॉटसएप के माध्यम से भी लोक सेवा प्रदान की जा रही है।

लोकतंत्र का रक्षक होता है, मतदाता और मतदान

11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह

    राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने 11 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर कहा है कि भारत के लोकतंत्र की मजबूती में सबसे महत्वपूर्ण योगदान मतदाता और उसके मतदान प्रक्रिया में भाग लेना होता है। अगर नागरिकों का मतदाता परिचय-पत्र नहीं बना है तो वे लोकतंत्र में अपनी भूमिका नहीं निभा सकते हैं। मतदाता परिचय-पत्र बनवाना नागरिक का अधिकार है और मतदान की प्रकिया में भाग लेना देश के प्रति कृतज्ञता को दर्शाता है। 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस का राज्य स्तरीय समारोह सोमवार को मिंटो हॉल में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में स्टेट आईकॉन श्री राजीव वर्मा और सुश्री देशना जैन भी उपस्थित रही। श्री बी.पी. सिंह ने इस दौरान उपस्थितों को राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शपथ भी दिलाई।

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश श्रीमती वीरा राणा ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश में उपचुनावों में मतदाता ने जो उत्साह दिखाया है उससे देश का लोकतंत्र और सशक्त हुआ है। विधानसभा और लोकसभा की तुलना में विधानसभा उप चुनाव में कोरोना संक्रमण के बावजूद लगभग 4 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। उपचुनावों में 80 साल या उससे अधिक उम्र के और दिव्यांग तथा कोरोना पॉजिटिव कुल 37 हजार मतदाताओं ने घर से ही मतदान प्रक्रिया में भाग लिया। श्रीमती राणा ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में मतदाता सूची में 1.6 प्रतिशत नए मतदाता जुड़े हैं।

    अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अरूण कुमार तोमर ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के संदेश का वाचन किया। जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर भोपाल श्री अविनाश लवानिया ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने जिले में मतदाता परिचय-पत्र बनाए जाने संबंधी जानकारी दी।

    मुख्य अतिथि श्री बी.पी. सिंह ने 10 नए युवा मतदाताओं को मतदाता परिचय-पत्र प्रदान किए। साथ ही निर्वाचन में विशिष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अरूण कुमार तोमर, संयुक्त निर्वाचन अधिकारी श्री धरणेन्द्र कुमार जैन,  श्री मोहित बुंदस, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री प्रमोद शुक्ला आदि को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से प्रशस्ति-पत्र भी दिए गए।

      कार्यक्रम में जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर की ओर से एसडीएम हुजूर श्री क्षितिज शर्मा, तहसीलदार श्री चंद्रशेखर,  बीएलओ शिक्षक श्री सुनील विश्वकर्मा, श्री अजित सिंह और श्री विनोद मेहरा को भी विशेष कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शपथ दिलाई

मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में अधिकारियों- कर्मचारियों को निर्वाचन में मताधिकार का प्रयोग करने की शपथ दिलाई। सभी ने देश की लोकतांत्रिक परंपराओं की मर्यादा को बनाए रखने तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण रखते हुए, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने की शपथ ली।  

उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री विनोद कुमार और उपसचिव श्री अरविन्द दुबे सहित वल्लभ भवन, सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह का दौरा कार्यक्रम

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह 25 जनवरी को शाम 4 बजे सागर से जबलपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। श्री सिंह 26 जनवरी को जबलपुर में ध्वजारोहण करेंगे और अन्य स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह इसी दिन सुबह 10.45 बजे जबलपुर से दमोह जायेंगे। दमोह में स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री राजपूत छिंदवाड़ा में करेंगे ध्वजारोहण

राजस्व एवं परिवहन मंत्री छिंदवाड़ा एवं दिल्ली प्रवास पर

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत गणतंत्र दिवस के अवसर पर छिंदवाड़ा में ध्वजारोहण करेंगे। श्री राजपूत आज सोमवार को सागर से छिंदवाड़ा के लिए दोपहर में रवाना होंगे एवं शाम को छिंदवाड़ा पहुँचकर रात्रि विश्राम करेंगे।

गणतंत्र दिवस पर श्री राजपूत प्रात: 9 बजे ध्वजारोहण करेंगे। दोपहर 12.30 बजे सर्किट हाउस में कार्यकताओं एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। मंत्री श्री राजपूत शाम को 5.30 बजे छिंदवाड़ा से नागपुर पहुँचेंगे। नागपुर में स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होकर रात्रि 9 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

बुधवार 27 जनवरी को दिल्ली में स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने के उपरान्त रात्रि 9.00 बजे भोपाल लौटेंगे।

मॉय एम.पी. रोजगार पोर्टल पर हो रहा है पंजीयन - रोजगार आयुक्त श्रीमती मिश्रा

आयुक्त रोजगार श्रीमती षणमुख प्रिया मिश्रा ने कहा कि मॉय एम.पी. रोजगार पोर्टल के सर्वर की गति बढ़ाने के लिये आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस आरक्षक भर्ती की तिथि को भी आगे बढ़ाने की कार्यवाही चल रही है। इसकी सूचना पीआईबी की अधिकृत वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। श्रीमती मिश्रा ने बताया कि इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि आवेदकों को इस संबंध में सूचित किया जाये कि उनके हितों को किसी प्रकार की क्षति नहीं होगी।

सर्वर की गति बढ़ाने की प्रक्रिया जारी

श्रीमती मिश्रा ने बताया है कि मॉय एम.पी. रोजगार पोर्टल पर प्रतिदिन पंजीयन का कार्य निरंतर जारी है। पुलिस आरक्षक भर्ती के आवेदन में रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता के कारण आवेदकों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। पोर्टल के सर्वर में एक समय एक साथ 75 हजार से अधिक आवेदक हिट कर रहे हैं। इस कारण वेबसाइट बहुत धीमी हो जाती है और आवेदकों को पंजीयन में परेशानी होती है।

श्रीमती मिश्रा ने आवेदकों से कम्प्यूटर अथवा लैपटॉप से पंजीयन करने, ब्राउजर की हिस्ट्री क्लीयर करने, फास्ट इंटरनेट स्पीड तथा समयानुसार लॉगिन कर एक्टिविटी करने का आग्रह भी किया है।

रूपे कार्ड और ई-टिकिटिंग से जुड़ने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बना

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री ठाकुर ने किया लोकार्पण

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने सोमवार को मिंटो हॉल में रूपे कार्ड और ई-टिकिटिंग का लोकार्पण किया। इसके साथ मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य बन गया जहाँ संग्रहालयों और स्मारकों में प्रवेश के लिये ई-टिकिटिंग व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब पर्यटक रूपे कार्ड का उपयोग कर सकेंगे।

मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि साथियों ने बड़ी मेहनत से काम कर यह मुकाम हासिल किया है। इसके लिये विभागीय अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन और संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने सकारात्मक सोच के साथ इस उपलब्धि को हासिल किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेश के बाहर से आने वाले पर्यटकों के बीच अब मध्यप्रदेश और अधिक लोकप्रिय होगा।

इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप लोकल के लिये वोकल बेहद महत्वपूर्ण है। पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रानिक होने से बेहतर संभावनाएँ उभरकर सामने आयेंगी। पर्यटन के लिये आने वाले सैलानियों के लिये यह प्रगतिशील कदम है।

प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं पुरातत्व श्री शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि कोरोना काल के मद्देनजर पर्यटकों के लिये प्रदेश के म्यूजियम और स्मारकों के ई-टिकिट घर बैठे मिल जाना काफी सुविधाजनक साबित होंगे। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही यह व्यवस्था प्रदेश के 28 स्मारकों में भी लागू की जायेगी। श्री शुक्ला ने विश्वास व्यक्त किया कि इस परियोजना पर अमल करने से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कृति और पर्यटन के बीच पारस्परिक समन्वय और सामंजस्य की संकल्पना को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाये जा रहे हैं।

प्रबंध संचालक पर्यटन विकास निगम श्री एस. विश्वनाथन ने कहा कि हमारा समृद्ध इतिहास है। कोरोना के चलते पर्यटन प्रभावित जरूर हुआ है पर शीघ्र ही स्थितियाँ बेहतर होंगी। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशों में नागरिकों की भागीदारी की अपेक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि रूपे कार्ड के लोकार्पण से प्रदेश में पर्यटन और अधिक लोकप्रिय बनेगा।

कार्यक्रम में मार्गी कत्थक संस्था भोपाल द्वारा सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। अपर प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड सुश्री सोनिया मीणा ने अतिथियों का आभार माना।

राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने गौरवशाली गणतंत्र की 72वीं वर्षगांठ के अवसर पर मध्यप्रदेश के नागरिकों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि हमारी गणतांत्रिक व्यवस्था का आदर्श सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, बराबरी सुनिश्चित करना तथा देश की एकता और अखंडता कायम रखना है। हमारा संविधान इन आदर्शों का साक्षी है। आज के दिन हमारा कर्त्तव्य बनता है कि हम एक ऐसे सर्वस्पर्शी देश के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें, जो हमारी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए मध्यप्रदेश को अग्रणी स्थान पर लायें।

प्रदेश में दो करोड़ पात्र परिवारों को आयुष्मान कार्ड

स्वास्थ्य मंत्री डॉ.चौधरी ने रिकार्ड उपलब्धि पर दी बधाई

आयुष्मान भारत निरामयम योजना में प्रदेश ने आज रिकार्ड दो करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभु राम  चौधरी ने कार्ड बनाने के अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी पात्र परिवारों के कार्ड बनने तक अभियान जारी रहेगा।

 मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोड मैप पर बढ़ते हुए आयुष्मान योजना में  दो करोड़ कार्ड बनाने की उल्लेखनीय उपलब्धि विभाग ने प्राप्त की है।  उन्होंने कहा कि  प्रदेश के सभी जिलों में आयुष्मान योजना में पात्रता रखने वाले परिवारों के कार्ड बनाने के अभियान   में उल्लेखनीय योगदान  पर  सभी जिलों के कलेक्टर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को और अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों को  बधाई दी।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि  इंदौर जिले  ने सर्वाधिक  8 लाख 87 हजार 647, जबलपुर जिले ने 6 लाख 99 हजार 90 और भोपाल जिले ने 6 लाख 68 हजार 500   पात्र परिवारों के आयुष्मान कार्ड बना कर  उल्लेखनीय  कार्य किया है। उन्होंने  कहा कि कार्ड बनाने का कार्य नवम्बर 2020 से अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। इसके पूर्व  लगभग एक करोड़ 40 लाख कार्ड बनाए गए थे। अभियान अन्तर्गत दो माह 25 दिन में लगभग  60 लाख कार्ड बनाए गए। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। आयुष्मान कार्ड धारकों को योजना में चिन्हित आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त निजी और शासकीय अस्पतालों में निशुल्क उपचार की सुविधा भी मिल रही।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ

चिकित्सा शिक्षा एवं भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएँ दी हैं। श्री सारंग ने शुभकामना संदेश में कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर के नेतृत्व में जो संविधान बना वह हम सब के लिये महत्वपूर्ण है। हम सब संकल्प लें कि बाबा साहेब द्वारा रचित संविधान का अक्षरश: पालन करेंगे। इस देश की एकता और अखण्डता के लिये सर्वस्व न्यौछावर करेंगे। एक बार फिर से हम विश्व गुरू बने इसके लिये हम सबका प्रयास होना चाहिये। श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वैज्ञानिकों ने कोरोना नियंत्रण, वैक्सीन निर्माण और जनता को बचाने का प्रयास जिस बेहतर ढंग से किया है, उससे पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन हुआ है।

राज्य सरकार लोक-सेवाओं के बेहतर प्रदाय के लिये प्रतिबद्ध - राज्य मंत्री श्री यादव

उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शासकीय सेवक एवं लोकसेवा केन्द्र संचालक सम्मानित

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री यादव ने कहा कि जनता के कार्य पूरा करने के लिये लोक-सेवक सतर्क रहें और सेवा प्रदान करने के लिये उत्तरदायित्वों का निर्धारित समय-सीमा में प्रभावी ढंग से निर्वहन करें। श्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है, जिसने अधिसूचित सेवाओं को समय-सीमा में नागरिकों को प्रदान करने की कानूनी गारंटी दी है। राज्य मंत्री श्री यादव ने कहा कि अधिसूचित की गई सभी सेवाएँ नागरिकों को बेहतर एवं सरलतापूर्वक प्रदान करने के उद्देश्य से ही लोक-सेवा केन्द्र की स्थापना की गई है। श्री यादव प्रदेश में लोक-सेवा गारंटी कानून के सफलतम 10 वर्ष पूर्ण होने पर 'लोक-सेवा एवं सुशासन के क्षेत्र में बढ़ते कदम'' के अशोकनगर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राज्य मंत्री श्री यादव ने जिला-स्तर पर लोक-सेवा प्रदाय में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाभिहित अधिकारियों क्रमश: सीएमओ नगरपालिका अशोकनगर श्री पी.के. सिंह, तहसीलदार अशोकनगर श्री रोहित रघुवंशी, तहसीलदार मुंगावली श्री इकबाल खांन, तहसीलदार ईसागढ़ श्री गजेन्द्र लोधी, जनपद सीईओ मुंगावली श्री जितेन्द्र जैन, सीडीपीओ महिला-बाल विकास श्री कौशलेन्द्र मवाई, बी.ओ. श्री महेन्द्र रघुवंशी, लोक-सेवा प्रबंधक श्री बी.एम. जकेले, संचालक लोक-सेवा केन्द्र मुंगावली श्री रघुवीर सिंह राजपूत को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विधायक अशोकनगर श्री जजपाल सिंह जज्जी, कलेक्टर श्री अभय वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मंत्री श्री सारंग ने किया बाबा साहेब अम्बेडकर की मूर्ति का अनावरण

अन्ना नगर चौराहा अब संविधान चौक के नाम से जाना जायेगा

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को अन्ना नगर चौराहे पर बाबा साहेब अम्बेडकर की मूर्ति का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने चौराहे का नाम संविधान चौक रखने की घोषणा की।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि जल्द ही चेतक ब्रिज के पास भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का संविधान निर्माण में योगदान सदैव याद रखा जायेगा। उन्होंने कहा था कि बुद्धिमत्ता कभी योग्यता की मोहताज नहीं होती है और उन्हें लोकतंत्र भारत का सबसे बड़ा संविधान लिखने का मौका मिला।

श्री सारंग ने कहा कि अगली पीढ़ी ऐसे प्रेरणादायी महापुरुषों को याद रखे, इसके लिये नरेगा विधानसभा क्षेत्र में बाबा साहेब की जीवनी पर आधारित पार्क बनाया जायेगा। उन्होंने पुस्तकालय में प्रेरणादायी महापुरुषों की पुस्तकों को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। अंत में भारत के संविधान को आत्मसात करने की शपथ दिलवायी।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी 

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी ने सभी प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने शुभकामना संदेश मे कहा कि  प्रदेश में कोविड—19 टीकाकरण शुरू हो चुका है, उम्मीद है, जल्द ही हम कोरोना पर पूरी तरह विजय पाने में कामयाब होंगे। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोड मैप पर बढ़ते हुए प्रदेश के नागरिकों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में निरन्तर आगे बढ़ते रहेंगे। 

ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दी हैं । श्री तोमर ने कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं की संतुष्टि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

श्री तोमर ने कहा है कि उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा है कि उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित निराकरण के उपाय किए जा रहे हैं।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने गणतंत्र दिवस पर दी बधाई

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) एवं नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री  श्री भारत सिंह कुशवाह ने सभी प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी।  उन्होंने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग के रोड मैप पर हम  आगे बढ़ने का संकल्प लेते है। उन्होंने कहा कि  उद्यानिकी क्षेत्र और इनसे जुड़े किसानों के सर्वांगीण विकास के कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चत करे। राज्य मंत्री श्री कुशवाह प्रदेश की जनता से आव्हान किया कि मध्यप्रदेश के विकास में योगदान देकर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश गढ़ने का संकल्प लें।

घायल नर बाघ के स्वास्थ्य में तेजी से हो रहा सुधार

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान-जू भोपाल में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाये गये एक घायल नर बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक उपचार किया जा रहा है। वर्तमान में घायल बाघ की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। बाघ को वन्य-प्राणी चिकित्सालय, वन विहार के इंडोर वार्ड में रखा गया है।

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के उप संचालक श्री ए.के. जैन ने बताया कि डॉ. सुनील कुमार तुमड़िया, डॉ. पूजा आचार्य एवं डॉ. अतुल गुप्ता द्वारा घायल बाघ का गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। श्री जैन के अनुसार इस बाघ के पूर्ण स्वस्थ होने की प्रबल संभावना है। उल्लेखनीय है कि घायल नर बाघ को रेस्क्यू कर हरदा वन मण्डल से 13 जनवरी, 2021 की रात को वन विहार लाया गया था।