दिनांक 04 मार्च, 2021


अंक 711

पेड़ लगाकर करें धरती माता का श्रृंगार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पौधारोपण किया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने प्रतिदिन एक पौधा लगाने के संकल्प के तहत स्मार्ट सिटी पार्क में गूलर का पौधा रोपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर व्यक्ति अपने जन्म-दिन आदि महत्वपूर्ण अवसरों पर पौधा लगाए और अपने जीवन को सार्थक करे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण हमारा पर्यावरण बिगड़ रहा है, धरती की सतह का तापमान लगातार बढ़ रहा है तथा ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक यह दो डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। तब यह स्थिति बन सकती है कि धरती पर मानव और जीव-जंतुओं का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाए। हमें आने वाले संकट को पहचानते हुए आज से ही पर्यावरण बचाने के लिए सार्थक प्रयास करने चाहिये। इसके लिए धरती माँ का श्रृंगार पेड़ लगाकर करें।

मेरा जन्म-दिन फूलों के हार, स्वागत द्वार से नहीं बल्कि पेड़ लगाकर मनाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 5 मार्च को मेरा जन्म-दिन फूलों के हार, स्वागत द्वार आदि के माध्यम से न मनाए जाते हुए, पेड़ लगाकर मनाएं। मैं स्वयं अपने निवास, स्मार्ट सिटी पार्क, वल्लभ भवन, विधानसभा आदि स्थानों पर पौधे लगाऊँगा। स्मार्ट सिटी पार्क में वृक्षारोपण में मेरे साथ मीडिया के मित्र भी रहेंगे।

शिकायतों के निवारण में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करें - मुख्यमंत्री श्री चौहान

समाधान ऑनलाइन में सुलझाई गईं जन-समस्याएँ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हितग्राहियों को प्रो-एक्टिव होकर योजनाओं का लाभ दिलाया जाये। आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में हो और सी.एम. हेल्पलाइन 181 में दर्ज प्रकरणों का निराकरण किये बिना उन्हें फोर्स क्लोज नहीं किया जाये।

 लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्य में उच्च प्रदर्शन करने वाले विभागों, जिलों और अधिकारियों को बधाई दी। वहीं निम्न प्रदर्शन पर कार्य में सुधार लाने की चेतावनी भी दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में समाधान ऑनलाइन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिकायतों का ऑनलाइन निराकरण कर रहे थे। वी.सी. में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री विनोद कुमार और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी मौजूद थे।

सतर्क रहे और सावधानी बरतें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कमिश्नर्स एवं कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि इंदौर, भोपाल और महाराष्ट्र की सीमा से जुड़े जिलों में कोरोना संक्रमण के प्रकरण बढ़ रहे हैं। अत: सतर्क रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है। रोको-टोको अभियान लगातार चलाया जाये। मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, हाथ को बार-बार धोने आदि सावधानियों के प्रति जागरूकता बढ़ायी जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में लगने वाले बड़े मेले स्थगित किये गये हैं। कोरोना संक्रमण को किसी भी स्थिति में बढ़ने नहीं देना है। राज्य शासन द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।

हितग्राही को योजना का लाभ दिलाने प्रशासन सक्रिय भूमिका निभाए

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़वानी जिले के हितग्राही श्री गणेश किरार के प्रकरण में निर्देश दिये कि जिला प्रशासन प्रो-एक्टिव होकर योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ दिलाये। आवेदक ने नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना में आवेदन किया था। दो वर्ष तक आवेदन का निराकरण नहीं हुआ। अब उन्हें योजना का लाभ मिल गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देरी के लिये जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों से जवाब मंगाने तथा कार्रवाई करने के निर्देश दिये।

पेयजल योजनाओं का लाभ दिलाये

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निवाड़ी जिले के श्री मनोहर राजपूत के आवेदन के निराकरण के संबंध में निर्देश दिये कि तकनीकी कारणों से बंद शहरी-ग्रामीण पेयजल योजनाओं को ग्रीष्म ऋतु आने के पहले चिन्हांकित कर नागरिकों को सुगमता से पेयजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये।

आवेदक ने शिकायत की थी कि उसके घर नल-जल योजना का जल नहीं पहुँच रहा है। शिकायत को फोर्स क्लोज कर दिया गया था। पुन: आवेदन के पश्चात प्रकरण का निराकरण कर दिया गया है।

लापता बालिका को खोज कर लाया गया

दतिया जिले के श्री सुमित शाक्य ने बताया कि उनके परिवार की एक बालिका लापता थी। पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में यह मामला आने पर पुलिस की सक्रियता बढ़ायी गयी तथा बालिका को ढूँढ कर लाया गया। 

हितग्राही को योजना की जानकारी दें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खण्डवा के श्री अमृत रक्षय के मामले में निर्देश दिये कि हितग्राही को योजना के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिये ताकि योजना के संबंध में कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहे। आवेदक ने शिकायत की थी कि उसे रेशम विभाग की योजना की किस्त समय पर नहीं मिली। बताया गया कि उन्हें किस्ते समय पर मिल रही थी। उन्हें योजना के संबंध में पूरी जानकारी नहीं थी।

डाक खर्च नहीं लिया जाये

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जबलपुर जिले के मोहम्मद अनवर हुसैन के आवेदन के संबंध में निर्देश दिये कि यदि कोई छात्र उपाधि लेने विश्वविद्यालय के कार्यालय स्वयं आता है तो उसे उपाधि देते हुए पोस्टल चार्ज नहीं लिया जाये। उपाधि यदि डाक के माध्यम से भेजी जाती है तो ही डाक खर्च लिया जाये। आवेदक ने एल.एल.बी. की उपाधि के लिये आवेदन दिया था, लेकिन नियमानुसार पोस्टल शुल्क जमा नहीं करने पर उपाधि नहीं मिल रही थी। अब उन्हें उपाधि मिल गयी है।

जाति प्रमाण-पत्र देने में विलंब पर कार्रवाई

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आवेदक श्री भगतराम धुर्वे को जाति प्रमाण-पत्र देने में विलंब होने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये। आवेदक को जाति प्रमाण-पत्र मिल गया है।

वेतन समय पर मिले

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देवास जिले में जनपद पंचायत में कार्यरत चौकीदार श्री तकत सिंह को 26 माहों का वेतन नहीं मिलने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलना चाहिए। ऐसे सभी प्रकरणों की समीक्षा की जाये तथा वित्त विभाग से जरूरी बजट आवंटन प्राप्त कर समय पर वेतन देना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में यह मामला आने के बाद आवेदक को वेतन मिलने लगा है।

बैंक खाता नंबर गलत होने से नहीं मिली राशि

रायसेन के श्री अभिषेक रघुवंशी को छात्रवृत्ति राशि, सतना के श्री आलोक पाण्डे को उर्वरक ऋण की राशि, दमोह के श्री अनिकेत सेन लोधी को पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति राशि और रीवा के श्री उमाकांत वर्मा को तेन्दूपत्ता तोड़ने की पारिश्रमिक राशि उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये बैंक खाता नंबर गलत होने के कारण समय पर राशि अंतरित नहीं हो सकी। सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत होने पर प्रकरण पर त्वरित कार्रवाई कर खाता नंबर में सुधार कर राशि उनके खाते में अंतरित कर दी गयी है।

उच्च एवं निम्न प्रदर्शन वाले विभाग

शिकायतों के निराकरण में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, परिवहन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण, महिला-बाल विकास, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग का प्रदर्शन उच्च रहा। वहीं उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, चिकित्सा शिक्षा, किसान कल्याण एवं कृषि विकास, सहकारिता, कुटीर एवं ग्रामोद्योग और नर्मदा घाटी विकास विभाग को शिकायतों के निराकरण में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये।

उच्च एवं निम्न प्रदर्शन वाले जिले

शिकायतों के निराकरण में सिवनी, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, सिंगरौली, छतरपुर, बुरहानपुर, निवाड़ी, होशंगाबाद, अलीराजपुर और डिण्डौरी जिलों का प्रदर्शन उच्च रहा। भिण्ड, सागर, कटनी, पन्ना और सीधी जिलों को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये।

रैंक में सुधार

आवेदनों के निराकरण में दतिया, आगर-मालवा, विदिशा, अलीराजपुर और शिवपुरी जिलों की रैंक में सर्वाधिक सुधार दर्ज किया गया।

पुलिस प्रदर्शन

पुलिस और यातायात विभाग के अंतर्गत सतना, छिंदवाड़ा, अशोकनगर, पन्ना और आगर-मालवा जिलों में उच्च प्रदर्शन दर्ज किया गया है।

उच्च प्रदर्शन वाले अधिकारियों को बधाई

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शिकायत निवारण तथा आवेदनों के निराकरण में उच्च प्रदर्शन करने वाले जबलपुर जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्री प्रभाष राज घनघोरिया, टीकमगढ़ जिले के जिला रोजगार अधिकारी श्री एल.पी. लाडिया, छतरपुर जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री श्री अजीत मंसूरी, होशंगाबाद जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राम सोनी तथा सतना जिले में जिला परिवहन अधिकारी श्री संजय श्रीवास्तव को बधाई दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने म्युनिस्पिल परफार्मेंस इण्डेक्स में प्रथम आने पर इंदौर जिले के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने म.प्र. पुलिस को क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रेसिंग नेटवर्क सिस्टम के क्रियान्वयन में इस माह देश में प्रथम आने पर भी बधाई दी।

जन्म-दिन सहित अन्य शुभ अवसरों पर पौधा लगायें : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने जन्म-दिन के पूर्व प्रदेशवासियों से की अपील

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने जन्म-दिन के पूर्व प्रदेश के सभी नागरिक भाईयों, बहनों और प्रिय भांजे-भांजियों को जारी संदेश में पौधा लगाने की अपील की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 5 मार्च को मेरा जन्म-दिन है। हमेशा संकल्प यही रहता है कि जीवन का हर क्षण सार्थक हो, अपने लिए नहीं, हम अपनों के काम आयें और अपनी है प्रदेश की जनता।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार के माध्यम से हम सार्थक काम कर ही रहे हैं, लेकिन मन में यह भाव भी आया कि जन्म-दिन के अवसर को भी उद्देश्यपूर्ण बनाया जाये। धरती हमारी माँ है। माँ हमें सब कुछ देती है, लेकिन हमें भी माँ को कुछ देना है। इसी उद्देश्य से मैंने एक साल तक रोज एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पर्यावरण बिगड़ रहा है। धरती की सतह का तापमान लगातार बढ़ रहा है और ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक ये 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ जायेगा। तब स्थितियाँ भविष्य के लिए ऐसी बनेंगी कि धरती पर मानव और जीव-जंतुओं का अस्तित्व ही एक समय संकट में पड़ जायेगा। हम आने वाले इस संकट को पहचानते हुए आज से ही पर्यावरण बचाने का सार्थक प्रयास करें। पेड़ों से धरती माँ का श्रृंगार करना पर्यावरण बचाने का प्रभावी माध्यम है। मेरी सभी से प्रार्थना है कि आप किसी भी शुभ अवसर पर पेड़ लगाएँ। प्रसन्नता की बात है कि मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र लगातार बढ़ा है। वन क्षेत्र को और अधिक बढ़ाने का प्रयास करें। हम पेड़ लगाएंगे तो अपने लिए ही नहीं, बल्कि प्रदेश, देश और दुनिया के लिए भी लगाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेरी प्रार्थना है कि मेरे इस जन्म-दिन की खुशी फूलमाला और बुके से स्वागत करके न मनाएँ, इसके बजाय एक पेड़ लगाएँ। ज़रूरी नहीं है कि मेरे जन्म-दिन पर ही लगाएँ। आप अपने जीवन के किसी भी शुभ अवसर पर पेड़ लगाएँ। पेड़ है तो ऑक्सीजन है, ऑक्सीजन है तो जीवन है। इसलिए वृक्ष भी जीवन है। मैं अपना जन्म-दिन पेड़ लगाकर ही मनाऊंगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना वैक्सीन लगवायी

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज हमीदिया अस्पताल पहुँचकर कोरोना वैक्सीन लगवाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान को कोविशील्ड वैक्सीन नर्स श्रीमती नलिनी वर्गीस एवं श्रीमती सुनीता जोंजारे द्वारा लगायी गयी। श्री दीपक राठौर ने वैरिफिकेशन का कार्य किया।

टीकाकरण के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान कोरोना वैक्सीन प्रोटोकॉल अनुसार निर्धारित समय तक वहाँ रूके तथा उसके बाद अपने निवास वापस आए। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह भी उनके साथ थीं। कोरोना टीकाकरण के अंतर्गत प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा रहा है।

आदिम जाति कल्याण विभाग का नाम परिवर्तित

कार्यलय आयुक्त जनजातीय कार्य ने लिखा पत्र

मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना के आधार पर आदिम जाति कल्याण विभाग के स्थान पर विभाग का नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग किया गया है। इस संबंध में आयुक्त जनजातीय कार्य ने प्रदेश के समस्त कमिश्नर,कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन आधिकारी जिला पंचायत को परिवर्तित नाम से पत्र व्यवहार करने के निर्देश जारी किए है।

इस संबंध में विभाग के संभागीय उपायुक्त, सहायक आयुक्त और जिला संयोजक को भी परिवर्तित नाम से पत्र व्यवहार करने के निर्देंश जारी किये गये हैं।

विकास कार्यों के लिये एक करोड़ रूपये से अधिक के कार्यों की मंजूरी

जनजातीय कार्य विभाग ने जनजातीय क्षेत्रों में 8 विकास कार्यों के लिये एक करोड़ 20 लाख रूपये की मंजूरी दी है। यह कार्य सीधी एवं उमरिया जिले में मंजूर किये गये हैं। मंजूर किये गये कामों में सामुदायिक भवन निर्माण और हायर सेकेण्डरी स्कूल के बाउण्ड्री बाल के निर्माण कार्य प्रमुख हैं। विभाग ने निर्माण एजेंसियों को मंजूर कामों को गुणवत्ता के साथ नियत समय-सीमा में पूरा किये जाने के निर्देश दिये हैं।

परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को दी शुभकामनाएँ

परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिन पर शुभकामनाएँ एवं बधाई दी।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश गौरवान्बित है कि श्री शिवराज सिंह चौहान जैसे यशस्वी,कर्मठ पर्यावरण प्रेमी मुख्यमंत्री के हाथ में प्रदेश की बागडोर है। उन्होंने कहा कि, कहते है कि एक पौधा एक पुत्र के समान होता है, कथन को चरितार्थ करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान पर्यावरण परिवार को बढ़ाने के लिये प्रतिदिन एक पौधा रोपित कर रहे हैं।

मंत्री श्री राजपूत ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के सुदीर्घ, सुखी एवं स्वस्थ जीवन की कामना की।

लोकनिर्माण मंत्री श्री भार्गव ने मुख्यमंत्री को दी जन्म दिवस की शुभकामनाएँ

लोकनिर्माण एवं कुटीर तथा ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान उर्जावान, युवा, उत्साही तथा पर्यावरण सन्तुलन के प्रति समर्पित व्यक्तित्व के धनी है। उनके कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश प्रगति पथ पर अग्रसर है।

राज्यमंत्री श्री धाकड़ ने मुख्यमंत्री को दी जन्म दिवस की शुभकामनाएँ

लोकनिर्माण राज्यमंत्री श्री सुरेश धाकड़ ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रेरणादायक व कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास पथ पर अग्रसर है। उनका पर्यावरण के प्रति समर्पण भाव हम-सब का मार्ग दर्शन करता रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को राज्य मंत्री श्री यादव ने दी शुभकामनाएँ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिन के अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।

राज्य मंत्री श्री यादव ने शुभकामना संदेश में कहा है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में आम नागरिक तरक्की और प्रदेश विकास की बुलंदी तक पहुँचेगा। उन्होंने कहा कि यशस्वी मुख्यमंत्री श्री चौहान की नीतियों और जन-सेवा की भावना से आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प मूर्त रूप लेगा।

पर्यटन में निवेश को आकर्षित करने के लिये वर्चुअल राउंडटेबल मीटिंग

माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के दृष्टिकोण 'आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश' लिए तैयार किए गए रोडमैप पर काम करते हुए म.प्र. टूरिज्म बोर्ड ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के साथ पर्यटन क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए खाड़ी क्षेत्र के निवेशकों के साथ एक आभासी गोलमेज बैठक आयोजित की। मीटिंग के दौरान मध्यप्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में निवेश पर प्रकाश डालते हुए प्रदेश की पर्यटन नीति, धरोहर और बोर्ड की उपलब्ध अन्य संपत्तियों में निवेश के लाभों पर प्रकाश डाला गया।

म.प्र. पर्यटन बोर्ड के प्रबंध निदेशक श्री शिव शेखर शुक्ला ने वर्चुअल सत्र को संबोधन के दौरान मध्यप्रदेश राज्य में पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि म.प्र. पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं और निवेशकों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने खाड़ी देश के प्रतिनिधियों को राज्य के पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और 'एम.पी. टूरिज्म बोर्ड' से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

अतिरिक्त प्रबंध निदेशक, म.प्र. टूरिज्म बोर्ड सुश्री सोनिया मीना ने मध्यप्रदेश के पर्यटन उद्योग में निवेश के लिए निवेशकों को उपलब्ध विभिन्न इन्सेंटिव्स और सब्सिडी के बारे में प्रेजेन्टेशन दिया। उन्होंने मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिये मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा निवेशकों को सहयोग करने के लिये किये गये नवाचारों के संबंध में जानकारी भी दी।

वर्चुअल मीटिंग के दौरान एम.पी. टूरिज्म बोर्ड के डायरेक्टर श्री ए.के. राजौरिया और ज्वाइंट डायरेक्टर श्री सुरेश झारिया ने निवेशकों और भाग लेने वाले प्रतिनिधियों की जिज्ञासाओं और प्रश्नों के उत्तर दिये। वर्चुअल मीटिंग में दुबई, बहरीन, यूएई, कुवैत, ओमान और अन्य खाड़ी देशों के 25 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया।

नीतियाँ ऐसी हो जिससे किसान सीधे लाभांवित हो : मंत्री श्री पटेल

किसानों को मिलेंगे स्मार्ट कार्ड

किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने इस प्रकार की नीतियां बनाने को कहा है, जिससे किसान सीधे लाभान्वित हो। उन्होंने खेती के साथ-साथ किसानों को स्मार्ट बनाने के लिये किसान स्मार्ट कार्ड देने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। मंत्री श्री पटेल गुरूवार को मंडी बोर्ड में विभागीय समीक्षा कर रहे थे।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए जरूरी है कि नीतियों और योजनाओं से किसानों को लाभन्वित किया जाये। नीतियाँ व्यवहारिक हो। नियमों को सरल किया जाये जिससे उनका पालन असानी से किया जाकर लाभ उठाया जा सकें। किसान अन्नदाता है। उनकी चिंता करना हमारा धर्म है। जितना किसानों को लाभ होगा, वे सशक्त होगे उतने ही हम सशक्त होगे और उतनी ही तेजी से आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण होगा। मंत्री श्री पटेल ने मंडियों की समीक्षा करते हुए कहा कि बेहतर तरीके से चल रही मंडियों में अधोसंरचनात्मक विकास कार्य किये जाए।

किसान स्मार्ट कार्ड बनेंगे

मंत्री श्री पटेल ने निर्देशित किया कि मंडियों को स्मार्ट मंडी के रूप में विकसित करने के लिए सभी आवश्यक कार्य किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मंडियों में ही खाद, बीज, दवाई के साथ खेती से संबंधित आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जानी है। किसानों को आवश्यक घरेलू सामग्री किफायती दामों पर उपलब्ध कराने के लिये आर्मी केन्टीन की तरह मंडियों में बेहतर केन्टीन की व्यवस्था उपलब्ध कराना है। मंत्री श्री पटेल ने खरीदी के लिये किसानों को स्मार्ट कार्ड बनाकर देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि किसान मंडी में अपनी फसल विक्रय करने के बाद खाते में आने वाली राशि का उपयोग स्मार्ट कार्ड से खरीदी में कर सकेंगे।

चाय-नाश्ते और भोजन की रहें बेहतर व्यवस्थाएँ

मंत्री श्री पटेल ने निर्देशित किया कि मंडियों में किसानों को चाय-नाश्ते और भोजन की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिये बढ़िया केंटीन संचालित किये जायें। आवश्यकतानुसार इसमें एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाये। सरकार द्वारा बनाये जा रहे एफपीओ को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसान का अधिकार है कि उसको बेहतर सुविधाएँ मिले। श्री पटेल ने इसके लिये कार्ययोजना बनाकर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चिन्हित स्थानों पर प्रारंभ करने की तैयारी करने के निर्देश दिये।

किसान क्लीनिक खोले जायेंगे

श्री पटेल ने निर्देशित किया कि प्रदेश की प्रथम श्रेणी की 13 मंडियों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किसान क्लीनिक खोले जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपने परिश्रम में इतने व्यस्त रहते हैं कि समय पर स्वास्थ्य परिक्षण नहीं करा पाते है। मंडीयों में आने वाले किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण किसान क्लीनिक में किया जाकर उनको प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध कराया जा सकेंगा। प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड सुश्री प्रियंका दास और संचालक कृषि श्रीमती प्रीति मैथिल नायक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के जन्म-दिन पर राज्य मंत्री श्री कांवरे की शुभकामनाएँ

आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रामकिशोर कांवरे ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिन पर उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं।

श्री कांवरे ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के व्यक्तित्व और कृतित्व से सभी भली-भाँति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि रात-दिन जनता की सेवा करने वाले और प्रदेश के विकास की लगातार चिंता करने वाले ऐसे संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं शिवराज सिंह चौहान। मुख्यमंत्री पर्यावरण प्रेमी भी हैं, जिन्होंने पूरे साल एक पौधा रोपण का प्रण लिया है। वे हर साल बड़ी संख्या में पौध-रोपण करते व करवाते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान को जन्म-दिन पर हार्दिक शुभकामनाएँ।

नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) मीडिया बुलेटिन

जिद ..जज़्बे.. जुनून का ही नाम है शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और चौथी बार इस शीर्ष पद को संभाल कर इतिहास रच चुके शिवराज सिंह चौहान का 5 मार्च को जन्म दिन है। अमूमन में इस तरह के अवसरों पर केवल शुभ कामनाएं देने तक ही सीमित रहा हु। लेकिन इस बार मन है भावनाए व्यक्त करने का इसलिए में यह लेख एक मंत्री के नाते नही शिवराज जी के साथ लगभग 37 साल से साथ चल रहे एक सहयोगी ..मित्र के नाते लिख रहा हूँ। एक सूत्र वाक्य है परिश्रम की पराकाष्ठा ..जो सुनने में भी कई जगह आ जाता है लेकिन सच यह है कि इस वाक्य को जीवन मे उतारना बहुत ही बिरले लोगो के ही वश में होता है। इन्ही बिरले लोगो मे शामिल है शिवराज सिंह चौहान। इसके साथ ही जब किसी मे समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर भी खुशियां लाने की जिद हो उनके लिए काम करने का.जज़्बा हो तो वह उस व्यक्ति को राजनीति में उस स्थान पर खड़ा कर देता है जहाँ आज तक बहुत कम ही लोग पहुंचे है।

5 मार्च, 1959 को सीहोर जिले के नर्मदा किनारे स्थित एक छोटे से गांव जैत में मध्यमवर्गीय परिवार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जन्म हुआ। माता-पिता के संस्कारों ने उन्हें सिखाया कि अपनी जड़ों से कभी जुदा मत होना। जीवन में कभी ऐसा कार्य नहीं करना कि लोग तुमसे घृणा करें। शायद यही सीख उन्होंने आत्मसात कर ली। यही कारण है कि समाज का कोई ऐसा वर्ग नही हो जिसकी चिंता उन्होंने नहीं की हो।किसान पुत्र होने के कारण निश्चित ही उन्होंने किसानों का जीवन संवारने के लिए सबसे ज्यादा प्रयास किये लेकिन ऐसा नही है कि दूसरे वर्ग को उन्होंने कम प्राथमिकता दी। महिला और बेटियो के लिए तो उन्होंने सच मे मामा बनकर ही काम किया। चाहे वह लाडली लक्ष्मी योजना हो या कन्यादान योजना या फिर बेटियो को शिक्षित करने की योजनाएं हो उन्होंने हमेशा यही चाहा की इस आधी आबादी को समान ओर सुरक्षा कैसे दी जा सके। किसानों के लिए शिवराज जी ने क्या किया यह तो किसी से छिपा नही है।आज अगर प्रदेश में किसान खुशहाल है तो उसके पीछे कारण भी शिवराज जी है। कहने का अर्थ यह है कि शिवराज जी ने सभी वर्गों की चिंता तो की ही उनके लिए रात दिन जी जान से जुटे रहे और आज भी जुटे है। एक स्वभाव जो अमूमन सभी राजनीति करने वालो में होता है और वह है जनता से सीधा सबन्ध रखना और उनसे लगाव रखना लेकिन शिवराज जी इस मामले में केवल दिल से सोचने वाले व्यक्तित्व है। उनके लिए प्रदेश ओर उसकी जनता मंदिर है और वह उसके पुजारी। वह यह सार्वजनिक बोलते ही नही है वह ऐसे नेता है जो उसे अपने चरित्र में भी उतार चुके है। आम सभा मे अगर इस देश ने किसी राजनेता को जनता के सामने घुटनो के बल बैठकर उनका अभिवादन करते देखा है तो वह शिवराज सिंह चौहान ही है।जनता से लगाव उन्हें जोखिम उठाने से भी पीछे नही हटने देती। पेटलावद की एक घटना याद आती है कि जब वहां विस्फोट से कई लोगो की जान चली गयी थी लोग बहुत गुस्से में थे और सड़कों पर उतर आए थे किसी की हिम्मत नही हो रही रही थी कि वहाँ जाकर मामले को संभाले। तब मुख्यमंत्री खुद वहां पहुंचे और सुरक्षा कर्मियों के रोकने के बाद भी वह उग्र भीड़ में घुस गए और बीच सड़क पर उनके साथ बैठ गए। थोड़ी देर बाद ही भीड़ शांत हो गयी। बाद में जब उनसे पूछा गया कि आप को डर नही लगा तो उनका एक ही जवाब था कि मेरी जनता से मुझे क्या डर यह सब तो मेरे ही है , ऐसे है हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। लिखने और कहने को बहुत कुछ है लेकिन मैं बस इतना ही कहना चाहता हु कि शिवराज जी आज की राजनीति में एक ऐसे व्यक्तित्व है जिनके साथ काम करके उनके साथ चलकर अपने को गौरवान्वित महसूस किया जा सकता है।

‍शिवराज सिंह चौहान : जिनके हर कार्यकाल में मिला है विकास को नया आयाम

श्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में अलग पहचान स्थापित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने इस पद की गरिमा को बढ़ाया है। आज अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश के अग्रणी रहने का श्रेय उन्हें दिया जा सकता है। वास्तविकता यह है कि मध्यप्रदेश और श्री शिवराज सिंह चौहान एक-दूसरे की पहचान बन गए हैं। मध्यप्रदेश के गठन के बाद जनता के कल्याण के लिए सबसे अधिक अवधि के मुख्यमंत्री ही नहीं जनता के मुख्यमंत्री के तौर पर श्री चौहान की छवि बनी है। उन्होंने हर कार्यकाल में यादगार कार्य किए हैं, जिनसे विकास के नए-नए आयाम सामने आए हैं।

मध्यप्रदेश में पिछले डेढ़ दशक से श्री चौहान सबसे अधिक लोकप्रिय राजनेता के रूप में जाने जाते हैं। इसके पीछे उनका कठोर परिश्रम, स्व-अनुशासन, परोपकार का भाव, करूणा से ओत-प्रोत व्यक्तित्व और राग-द्वेष के बिना हर तबके की भलाई के लिए तेजी से कार्य करने की विशिष्ट शैली प्रमुख है। उनका जन्म सीहोर जिले के ग्राम जैत में 5 मार्च 1959 को हुआ। नर्मदा मैया के किनारे गाँव होने से वे अच्छे तैराक भी बन गए। स्वामी विवेकानंद को आदर्श मानने के कारण खेलों में रूचि और स्वस्थ रहने के प्रति सजगता के कारण ऊर्जा से भरपूर भी रहे। कुछ वर्ष ग्राम में बचपन बिताने के बाद उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए भोपाल आ गए थे। यहाँ विद्यालय और महाविद्यालय में छात्र परिषद के पदाधिकारी भी बने। इसके पहले उनकी अपने गांव के मजदूरों को उचित मजदूरी दिलवाने के लिए चार मित्रों के साथ नारेबाजी और रैली से उनके सार्वजनिक जीवन की शुरूआत हो गई थी।

साहित्य अध्ययन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गीता, रामायण और धर्म-ग्रंथों के साथ ही राष्ट्र को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों की जीवनियाँ पढ़ीं। युवावस्था में इस उत्कृष्ट साहित्य के पठन-पाठन से उनके लेखन और भाषण शैली का विकास हुआ। उन्होंने अपनी मौलिक चिंतन और कार्य-शैली भी विकसित की। आज भी वे प्रतिदिन एक घंटा साहित्य अध्ययन को देते हैं। उन्होंने अपने निवास में एक पुस्तकालय भी बनाया है।

जन-कल्याण और जनता से जुड़ाव

श्री शिवराज चौहान के लिए सामाजिक और राजनैतिक संगठन उपयोगी मंच बने। इन संगठनों को उनकी नेतृत्व क्षमता से बल मिला। प्रत्येक दायित्व को निष्ठा से निभाते हुए वे संगठन और समाज में अलग पहचान बनाने में सफल हुए। इसके फलस्वरूप उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए वर्ष 1990 में निर्वाचित होने का अवसर मिला। उन्होंने इसके पश्चात वर्ष दर वर्ष निरंतर जन-कल्याण के अभियान को गति दी। विधायक के रूप में, सांसद के रूप में, मुख्यमंत्री के रूप में हर कार्यकाल में अपनी अमिट छाप छोड़ी। जब वर्ष 1991 के आखिरी महीनों में अटल जी ने विदिशा, रायसेन संसदीय क्षेत्र से त्यागपत्र दिया तो श्री चौहान को सांसद बनने का अवसर मिला। श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रत्येक हैसियत से कार्य करते हुए अभावग्रस्त परिवारों की सहायता, गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह, बच्चों के शिक्षा के प्रबंध, बुर्जुगों की देखभाल और समाज के प्रत्येक वर्ग से सीधा जुड़ाव रखते हुए अपनी लोकप्रियता को निरंतर बढ़ाया है।

राष्ट्रीय फलक पर कार्य से मिला अनुकूल परिवेश

श्री शिवराज सिंह चौहान पाँच बार सांसद निर्वाचित हुए। नई दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं के सम्पर्क के साथ ही प्रमुख समाजशास्त्रियों, वैज्ञानिकों, खिलाड़ियों, विचारकों, चिंतकों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनके सम्पर्क और संबंध विकसित हुए। ऐसे सकारात्मक और उत्साही व्यक्तियों के साथ विचार-विमर्श में भी शामिल रहे हैं। इससे उनके व्यक्तित्व को नए आयाम मिले हैं।

कर्मशील होने का लाभ

श्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं अध्ययनशील, मननशील और कर्मशील होने की वजह से अपने संकल्प आसानी से साकार कर लेते हैं। वे जो सोचते हैं, उसे पूर्ण करने के लिए उन्हें बस इतने ही प्रयत्न करने होते हैं कि कार्य की शुरूआत से कार्य के पूर्ण होने के मध्य निरंतर अनुश्रवण का कार्य करना होता है। उदाहरण के तौर पर मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए उन्होंने वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनते ही प्रयत्न प्रारंभ किए। मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों के विकास की व्यापक संभावनाओं को साकार करने के लिए उद्योगपतियों से सतत सम्पर्क आवश्यक था। इसके लिए की गईं इन्वेस्टर्स समिटस बहुत लाभकारी सिद्ध हुईं। मध्यप्रदेश में न सिर्फ नया निवेश आया बल्कि लाखों नौजवानों को रोजगार भी मिला। प्रदेश की प्रतिभा का पलायन भी रूका। उद्योगों के विकास से सम्पूर्ण अधोसंरचना के विकास का कार्य आसान हुआ और प्रदेश की तस्वीर को बदलने में सफलता मिली।

हर कार्यकाल है विशेष

मुख्यमंत्री के रूप में श्री चौहान के विभिन्न कार्यकालों पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि प्रथम कार्यकाल उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, विद्यार्थियों को विद्यालय जाने के‍लिए सायकिल प्रदाय जैसे कल्याणकारी कार्य प्रारंभ किये। बुनियादी क्षेत्रों में सुविधाएँ बढ़ाने की ठोस पहल की गई। श्री चौहान का मुख्यमंत्री पद का पहला कार्यकाल तीन वर्ष का था। द्वितीय और तृतीय कार्यकाल पाँच-पाँच वर्ष के रहे। इन दस वर्षों में मध्यप्रदेश ने विकास के नये आयाम छुए।

सुशासन और सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में कामयाबी

जहाँ तक वर्ष 2020 के मार्च माह में मध्यप्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री के बाद व्यतीत एक वर्ष का प्रश्न है, यह बहुत महत्वपूर्ण वर्ष रहा। न सिर्फ मध्यप्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश और विश्व के लिए भी। कोरोना महामारी ने पैर फैलाए। ऐसे संकट के समय नेतृत्व की परीक्षा होती है। बहुत से राजनेता ऐसी विकराल समस्या की कल्पना मात्र से घबरा जाते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जिस साहस से इस महामारी के दौर में आवश्यक फैसले लिए, उसका ही प्रतिरूप श्री शिवराज सिंह चौहान भी बने। महामारी के नियंत्रण, संक्रमित लोगों के उपचार, महामारी से बचने के लिए उपयोगी उपायों पर अमल, भावी कार्ययोजना और मनोवैज्ञानिक रूप से नागरिकों को संबल प्रदान करना बहुत मायने रखता है। सूचना प्रौद्योगिकी के भरपूर इस्तेमाल से नागरिकों का हित संवर्धन सुनिश्चित किया गया। यह बहुत संतोष का विषय है कि श्री चौहान ने स्वयं न घबराते हुए कोरोना संकट को समाधान में बदलने का प्रयास किया। आपदा को अवसर में बदला। अनेक वर्गों के लिए सरकार का खजाना खोल दिया। कई तरह की राहत दी गईं। किसानों, विद्यार्थियों और श्रमिकों को योजनाओं का पैसा ऑनलाइन अंतरित किया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दृढ़ इरादों का परिचय दिया। उनका संकल्प एक-एक नागरिक की जीवन-रक्षा करने और लड़खड़ाई अर्थ-व्यवस्था को संभालने का था। इन कार्यों के लिए जिस  मजबूत संकल्प की आवश्यता थी,‍उसका परिचय शिवराज जी ने दिया। जहाँ राशि की व्यवस्था नहीं थी, वहाँ उपायों पर क्रियान्वयन करते हुए रास्ता निकाला। सुशासन की सोच ने इन प्रयासों को सफल बनाया।

किस कार्यकाल में किन क्षेत्रों पर रहा फोकस

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हर पारी जी जान से खेली है। वे मुख्यमंत्री के पद को  सेवा का माध्यम मानते हैं। श्री चौहान जब विधायक और सांसद थे, उन 15-16 सालों और मुख्यमंत्री के रूप में 14 सालों को जोड़ें तो उनके जन-कल्याणकारी कार्यों की लंबी फेहरिस्त बन जाएगी। यदि सिर्फ मुख्यमंत्री के कार्यकाल की चर्चा करें तो यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आती है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास को सदैव केन्द्र में रखा है। जहाँ श्री चौहान ने प्रथम कार्यकाल में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी, वहीं द्वितीय कार्यकाल में सिंचाई बढ़ाने का कार्य प्रमुखता से किया गया। इसके पश्चात तृतीय कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और उसके सुचारु प्रदाय पर ध्यान दिया गया। मार्च 2020 से प्रारंभ कार्यकाल में श्री चौहान ने स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल की सुविधाएँ तेजी से बढ़ाने का निश्चय किया है। इसके क्रियान्वयन की शुरूआत भी कर दी गई है।

पर्यावरण मित्र मुख्यमंत्री - शिवराज सिंह चौहान

राज्य का मुखिया यदि प्रकृति प्रेमी हो तो उसकी कार्यशैली में संवेदनशीलता स्पष्ट दिखती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के व्यक्तित्व का सकारात्मक पक्ष यह है कि वे प्रकृति में अगाध श्रद्धा रखते हैं। रोज एक पौधा लगाने का संकल्प, नर्मदा की पवित्रता बचाने का संकल्प और हरियाली को सम्हालने का संकल्प इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

जननेता का सबसे बड़ा गुण यही है कि वह लोक शक्ति में अटूट विश्वास करता है। लोक शक्ति एक अमूर्त वस्तु है। लोकतंत्र में इसका प्रदर्शनकारी स्वरूप समय-समय पर प्रकट और अभिव्यक्त होता रहता है। कभी शहर बंद हो जाते हैं, कभी यातायात रूक जाता है। इसके विपरीत विशाल देश के किसी भू-भाग पर चंद लोग मिलकर मृत नदी को जीवित कर देते हैं। बंजर भूमि पर हरियाली बिछा देते हैं। रचनात्मक और नकारात्मक दोनों स्वरूप देखने को मिलते हैं। शिवराजसिंह चौहान ने जो निर्णय लिये उनमें स्पष्ट रूप से यह रेखांकित होता है कि वे पर्यावरण के लिये जनशक्ति का रचनात्मक उपयोग करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में जनता की सोच, समझ, विवेक और सामर्थ्य पर अटूट विश्वास रखने वाले प्रकृति की आराधना करने वाले शिवराज सिंह को जन्म दिन की बधाइयाँ।

नर्मदा से एकाकार

नर्मदा मैया की सेवा का जो संकल्प शिवराज जी ने लिया है वह नमनयोग्य है। यह जीवन और समाज को बचाने का संकल्प है। हर नर्मदा सेवक पर बड़ी जिम्मेदारी है। हमारा जीवन तभी बचेगा जब हमारी नर्मदा मैया में भरपूर पानी होगा। भरपूर हरियाली होगी। उनकी नर्मदा सेवा यात्रा कई अर्थों में अपूर्व अनुभव था। यह आस्था, विश्वास और संकल्प की यात्रा थी जिसकी झलक पूरे विश्व ने देखी। मुख्यमंत्री के लिये दरअसल नर्मदा मैया की सेवा का यह मिशन सामाजिक, पर्यावरणीय और आध्यात्मिक मिशन है। नर्मदा सेवा यात्रा ने पूरे देश में नदियों के प्रति कर्त्तव्य बोध जाग्रत किया। नदियों की सेवा के संकल्प से गहन जल चेतना भी उत्पन्न हुई और आज भी उससे सभी नागरिक विस्मृत नहीं हुए है।

पर्यावरण अनुकूल विकास

शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में राज्य सरकार और समाज एक दूसरे के करीब आये हैं और विकास पथ पर साथ-चल रहे हैं। यह उनकी कार्य-शैली और व्यक्तित्व का करिश्मा है। उन्होंने यह बताया कि विकास के लिये समाज की शक्ति का उपयोग कैसे किया जा सकता है। विकास योजनाओं को जन आंदोलन कैसे बनाया जा सकता है और सेवाओं तक आम लोगों की आसान पहुँच कैसे बनाई जा सकती है।

दर्शन-शास्त्र में गहरी रूचि रखने वाले श्री शिवराज सिंह को मनोविज्ञान की गहरी समझ है। आम लोगों से लगातार संवाद करते हुए वे सामाजिक समस्याओं का विश्लेषण करते रहते हैं। विवेक और ज्ञान पर विशेषाधिकार किसी एक व्यक्ति का नहीं होता। रोजाना जीवन से संघर्षशील आम लोग भी विवेक सम्पन्न हैं। यही विनम्रता उन्हें लोगों का अपना मुख्यमंत्री बनाती है और उन्हें लोगों के दिलों तक ले जाती है।

पौधे लगाने का नागरिक संस्कार

मत्स्य-पुराण में अद्भुत श्लोक है जिसमें वृक्ष को दस पुत्रों के समान बताया गया है। आज हमने मिलकर जो पौधे लगाये हैं वे कल वृक्ष बनेंगे और वर्षों तक हमारी रक्षा करते रहेंगे। नदी और पर्यावरण संरक्षण के लिये चलाये गये जन-अभियान को जनता का समर्थन मिला और अब यह लोक-व्यवहार में साफ दिख रहा है। मुख्यमंत्री का पौधा लगाने का संकल्प एक ऐसा अभियान है जिसमें समाज की अगुवाई से पारीस्थितिकीय बदलाव लाने में सफलता मिलेगी।

शिवराज ने पौधे लगाने का जो नागरिक संस्कार देने की पहल की है वह लोगों को पर्यावरण के आध्यात्म से जुडने के लिये प्रेरणा देता है। भारतीय संस्कृति में पौधों का रोपण शुभ कार्य माना गया है।

भारतीय उपासना पद्धति में वृक्ष पूज्यनीय है क्योंकि उन पर देवताओं का वास माना गया है। गौतम बुद्ध का संदेश है कि प्रत्येक मनुष्य को पाँच वर्षों के अंतराल से एक पौधा लगाया चाहिये।

'भरत पाराशर स्मृति' के अनुसार जो व्यक्ति पीपल, नीम, बरगद और आम के पौधे लगता है और उनका पोषण करता है उसे स्वर्ग में स्थान मिलता है। भारतीय संस्कृति में पौधों का रोपण शुभ कार्य माना गया है। कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' में 'वृक्षायुर्वेद' का उल्लेख है। सम्राट बिंबसार के चिकित्सक जीवक को तक्षशिला में अध्ययन के अंतिम वर्ष में उनके शिक्षक ने ऐसी वनस्पति खोज लाने के लिये कहा जिसमें कोई औषधीय गुण न हो। जीवक ऐसी कोई वनस्पति नहीं ढूंढ पाये। प्रत्येक पौधे में औषधीय गुण होते है। संपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि उद्योग ऐसे पौधों पर ही टिका है।

मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से अपनी चिंता जाहिर की है कि हरित आवरण पर जैविक दबाव लगातार बढ़ रहा है। मानव बसाहट का विस्तार जंगलों तक पहुंच गया है। वन सम्पदा आधारित आजीविका के संसाधन कम हो रहे है। इस दृष्टि से बड़ी संख्या में पौधों का रोपण कर वन संपदा, नदियो, जल स्त्रोतो को समृद्ध बनाना अनिवार्य हो गया है। विनाश से बचने के लिये समाज को प्रकृति-आराधना की परंपरा पुनर्जीवित करते हुये वृक्षों के साथ जीना सीखना होगा।

मनुष्य से गहरा नाता

मुख्यमंत्री का कहना है कि नई पीढ़ी को नीम, आंवला, पीपल, बरगद, महुआ, आम जैसे परंपरागत वृक्षों की नई पौध तैयार करने की अवधारणा समझाना आवश्यक है। वनस्पतियों का जो सम्मान भारत भूमि पर है वह अन्यत्र नहीं है। पाश्चात्य विद्वानों, दार्शनिकों ने भी प्रकृति का आदर करना भारतीय धर्मग्रंथों और परंपराओं से ही सीखा है। यदि प्रकृति के अलौकिक स्पंदन और माधुर्य को अनुभव करना हो तो उसकी शरण में रहो।

मनुष्य का वृक्षों से गहरा आत्मीय संबंध है। पौधों में मनुष्य के समान संवेदनाएँ होती हैं यह सिद्ध हो चुका है।

मनुष्य के सभी धार्मिक, सांस्कृतिक संस्कारों में वृक्षों की मंगलमय उपस्थिति है। कई भारतीय संस्कारों, व्रतों, त्यौहारों के माध्यम से वृक्षों की पूजा होती है। वृक्षों के नाम से कई व्रत रखे जाते है जैसे वट सावित्री व्रत, केवड़ा तीज, शीतला पूजा, आमला एकादशी, अशोक प्रतिपदा, आम्र पुष्प भक्षण व्रत आदि। 'मनु स्मृति' में वर्णित है कि वृक्षों में चेतना होती है और वे भी वेदना और आनंद का अनुभव करते है। समाज के गैर जिम्मेदार व्यवहार से यदि उनकी मृत्यु होती है तो समाज को उतना ही दु:ख होना चाहिये जितना प्रियजन की मृत्यु पर स्वाभाविक रूप से होता है।

खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के पुरोधा शिवराज

किसान पुत्र होने के नाते खेती-किसानी को बेहतर तरीके से जानने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिये जो किया है, वह कृषि क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है। एक लंबे समय से उनके द्वारा खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों और नवाचारों के परिणाम अब न केवल पूरे देश-दुनिया के सामने है बल्कि उन्हें इसका पुरोधा भी माना गया है।

प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभप्रद बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनेक नवाचार भी किये हैं। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भागीदारी है। कृषि उत्पादन को बढ़ाना, उत्पादन की लागत को कम करना, कृषि उपज के उचित दाम दिलाना और प्राकृतिक आपदा या अन्य स्थिति में उपज को हुए नुकसान में किसान को पर्याप्त क्षतिपूर्ति देना, मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों को जो संबल दिया, उससे किसानों ने प्रमुख रूप से गेहूँ उत्पादन में रिकार्ड कायम किया। मध्यप्रदेश गेहूँ उपार्जन में पूरे देश में अव्वल रहा। किसानों के हित में कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करते हुए ई-ट्रेडिंग का प्रावधान किया गया और किसानों को उपार्जन केन्द्र के साथ ही मंडी के अधिकृत निजी खरीदी केन्द्र और सौदा-पत्रक व्यवस्था के माध्यम से भी फसल बेचने की सुविधा प्रदान की गई। गेहूँ, धान एवं अन्य फसलों के उपार्जन की 33 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में अंतरित की गई।

प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में प्रतिवर्ष 6-6 हजार रूपये तो मिल ही रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिये मुख्यमंत्री किसान-कल्याण सम्मान निधि योजना की शुरूआत कर किसानों को मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रतिवर्ष 4 हजार रूपये दो बराबर किश्तों में दिये जाना शुरू किया गया। इस प्रकार किसानों को अब कुल 10 हजार रूपये प्रतिवर्ष किसान सम्मान निधि मिल रही है।

किसानों की परेशानियों को भी मुख्यमंत्री श्री चौहान भलीभांति समझते हैं। उन्होंने प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य परिस्थिति में किसान की उपज को हुए नुकसान में राहत पहुँचाने वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लंबित प्रीमियम जमा कर किसानों को राहत पहुँचाई। लॉकडाउन की विकट स्थिति में एक करोड़ 29 लाख टन गेहूँ 16 लाख किसानों से खरीद कर उनके खातों में 27 हजार करोड़ से अधिक की राशि अंतरित किया जाना किसानों के लिये बड़ी राहत थी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण योजना को पुन: चालू करते हुए किसानों को राहत पहुँचाई। इसके लिये सहकारी बैंकों को 800 करोड़ रूपये की राशि भी उपलब्ध करवाई गई। किसानों की आय को बढ़ाने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेहतर प्रबंधन और सिंचाई परियोजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य करवाये। इन कार्यों से प्रदेश में अधिक से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। वर्ष 2020 तक लगभग 40 लाख 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएँ विकसित की गईं। प्रदेश में 19 वृहद, 97 मध्यम और 5344 लघु सिंचाई योजनाओं का कार्य पूर्ण किया गया। इसके साथ ही 27 वृहद, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई योजनाएँ प्रगति पर हैं। प्रदेश में अगले 5 वर्षों में 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कोरोना काल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में 57 हजार 653 जल- संरचनाओं का निर्माण किया गया। इन सभी जल संरचनाओं से जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों को कोरोना काल में रोजगार मिला, वहीं भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी के साथ किसानों को खेती में सिंचाई के लिये पानी भी मिल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा विगत कई वर्षों से सिंचाई बजट में निरंतर वृद्धि भी की जा रही है।

हाल ही में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजस्व पुस्तक परिपत्र में नये प्रावधान जोड़े हैं। इन प्रावधानो में प्राकृतिक प्रकोप, आग लगने तथा वन्य प्राणियों द्वारा मकान नष्ट किये जाने पर आर्थिक सहायता को शामिल किया। किसानों को कृषि कार्य के लिये फ्लैट दरों पर बिजली दी जा रही है, जिसमें 22 लाख कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। किसानों को खेती के लिये बिजली कनेक्शनों पर 14 हजार 244 करोड़ रूपये का अनुदान दिया गया।

प्रदेश कृषि अधोसंरचना विकास फंड के उपयोग में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है। अधोसंरचना विकास के लिये आत्म-निर्भर कृषि मिशन का गठन किया गया है। कृषि विकास एवं किसान-कल्याण के लिये विभिन्न योजनाओं पर 83 हजार करोड़ रूपये से अधिक के हितलाभ दिये गये हैं। किसानों के हित में मंड़ी नियमों में ऐतिहासिक सुधार भी किया गया हैं। मंडी टेक्स 1.50 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत किया गया। कृषि की लागत कम करने, उत्पादन बढ़ाने तथा उपज का सही दाम किसानों के दिलाने के लिए कृषि उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.) को मजबूत किया जा रहा है। आगामी वर्षों मे एक हजार नये कृषि उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा।

किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा फसल नुकसानी पर न्यूनतम मुआवजा राशि 5 हजार रूपये की गई है। इस संबंध में राजस्व पुस्तक परिपत्र में संशोधन भी किया गया है। शिवराज के इन्हीं सब कार्यों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर निरंतर बढ़ रही है। प्रदेश को लगातार सातवीं बार कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के सफल प्रयासों ने उन्हें खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के पुरोधा के रूप में मान्यता दिलाई है।

वन्य प्राणियों द्वारा पहुँचाई क्षति भी प्राकृतिक आपदा घोषित

राज्य शासन द्वारा जारी आदेशानुसार वन्य प्राणियों द्वारा मकान में पहुँचाई गई क्षति को भी प्राकृतिक प्रकोपो से होने वाली हानि की श्रेणी में शामिल किया गया है। विगत दिनों मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार प्राकृतिक प्रकोपो से होने वाली हानि के वर्तमान में प्रावधानित मानदंडों में संशोधन करते हुए अब किसी भी प्रकार के प्राकृतिक प्रकोप या आग लगने के कारण या वन्य प्राणियों द्वारा मकान पूर्ण रूप से नष्ट किया गया हो अथवा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ हो तो उसे भी आर्थक अनुदान सहायता दी जा सकेगी।

इसके साथ ही प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुघर्टना के साथ वन्य प्राणियों द्वारा पीड़ित परिवार के कपड़े, खाद्यान्‍एवं बर्तनों की हानि के लिए प्रति परिवार 5 हजार रूपये आर्थिक अनुदान के रूप में तथा 50 कि.ग्रा. खाद्यान्न (गेंहूँ/चावल) एवं पांच लीटर केरोसीन तात्कालिक सहायता के रूप में दिये जायेंगे। इसके साथ अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पोंस फंड) से राहत राशि व्यय में ऐसे मद भी शामिल किए गए हैं, जिनके विषय में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था।

क्षतिग्रस्त फसल के लिए न्यूनतम मुआवजा 5 हजार

राज्य शासन द्वारा लिए आदेशानुसार प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसल के मामलों में अब देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो भी अनुदान सहायता नष्ट हुई फसल के मूल्य के बराबर देय होगी तथा प्रत्येक खाते हेतु सभी फसलों के मामले में देय राशि 5 हजार से कम नहीं होगी।

म्युनिस्पिल परफॉर्मेंस इंडेक्स में इंदौर नंबर वन

भोपाल को मिला तीसरा स्थान

भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्मार्ट सिटी योजना में देश के 111 शहरों के ईज ऑफ लिविंग और म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स का अध्ययन करने के बाद नगरीयनिकायों की रैंकिंग गुरूवार को नई दिल्ली में जारी की गई है। म्युनिस्पिल परफॉर्मेंस इंडेक्स में 10 लाख से अधिक आबादी के शहरों में इंदौर ने प्रथम स्थान और भोपाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में इंदौर को देश में 9वाँ स्थान मिला है।

भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने रैंकिंग जारी करने के कार्यक्रम में इंदौर की सफलता पर बधाई देते हुए कहा है कि यह उपलब्धि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की सोच और उनकी कर्मठ कार्य-शैली की वजह से हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि इंदौर की स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार प्रथम रैंकिंग भी इसी का परिणाम है। श्री पुरी ने कहा कि शहर के विकास में राज्य के मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, महापौर और नगर निगम आयुक्त की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और मध्यप्रदेश इसका अच्छा उदाहरण है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दी बधाई

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए इंदौर और भोपाल शहरों के नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक नागरिक के जीवन-स्तर को बेहतर करने के साथ ही उन्हें उचित विकासोन्मुखी वातावरण उपलब्ध कराना है।

मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने दी बधाई

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने भी इस उपलब्धि के लिये बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकायों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ देने के लिये हरसंभव प्रयास करना होगा। इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी ने इस उपलब्धि को नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम बताया।

शहरी विकास एवं आवासन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्र ने इंदौर शहर की सराहना की और कहा कि अन्य शहरों को इससे सीखना चाहिए। उन्होंने एक गंदे नाले को क्रिकेट का खेल मैदान और शादी की सालगिरह मनाने का स्थान बनाने के लिये नगर निगम प्रशासन की सराहना की।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा शहरों में जीवन-यापन की सुविधा और निकायों के प्रदर्शन सूचकांकों को बेहतर किये जाने के उद्देश्य से एक सर्वे करवाया गया था। इसमें 111 शहरों के करीब 32 लाख नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी की। इस सर्वे के माध्यम से जीवन-स्तर, आर्थिक सामर्थ्य और संवहनीयता के बिंदुओं पर फीडबेक प्राप्त किया गया। निकायों के प्रदर्शन को परखने के लिये उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता, वित्तीय स्थिति, योजना निर्माण, तकनीकी का प्रयोग और प्रशासन की गुणवत्ता को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के जन्म-दिन पर ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने दी शुभकामनाएँ

ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिन पर शुभकामनाएँ दी हैं। श्री तोमर ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रदेश के विकास और गरीबों की सेवा के लिये सदैव तत्पर रहते हैं।

मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि जहाँ मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिये पूरी शिद्दत के साथ कार्य कर रहे हैं, वहीं पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी उतनी ही गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने प्रतिदिन एक पौधा लगाने का मात्र संकल्प ही नहीं लिया है, उसे पूरा भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पश्चिम बंगाल की यात्रा के दौरान भी पौधा लगाना नहीं भूले। ऐसे हर दिल अजीज मुख्यमंत्री श्री चौहान को जन्म-दिन की ढेरों बधाईयाँ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को जन्म-दिन पर नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह ने दी शुभकामनाएँ

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिन पर उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं। श्री सिंह ने कहा किप्रदेश के लोकप्रिय एवं पर्यावरण प्रेमी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के पर्यावरण में सुधार लाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। पर्यावरण के प्रति प्रेम का ही प्रतीक है, कि वह प्रतिदिन एक पौधा लगा रहे हैं। इससे प्रदेश का पर्यावरण स्वच्छ और सुंदर रहेगा। जननेता और यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को जन्म-दिन की ढ़ेरों शुभकामनाएँ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के जन्म-दिन पर मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने दी शुभकामनाएँ

पशुपालन एवं डेयरी विकास, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिन पर हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं

श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री दीर्घायु हों, स्वस्थ्य रहें ताकि प्रदेश इसी तरह द्रुत गति से उन्नति की ओर बढ़ता रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में ही प्रदेश अनेक क्षेत्रों में देश में अग्रणी भूमिका में आ गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के जन्म-दिन पर मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग द्वारा शुभकामनाएँ

पर्यावरण, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिन पर हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं।

श्री डंग ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि हमें दिन-रात प्रदेश और प्रदेशवासियों की चिंता करने वाले, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का नेतृत्व मिला है। उन्होंने लगभग डेढ़ दशक के अपने कार्यकाल में प्रदेश का न केवल आर्थिक, सामाजिक और अधोसंरचनात्मक विकास किया है, बल्कि उनका प्रतिदिन एक पौध-रोपण का संकल्प विश्व और आगामी पीढ़ी के लिये एक अनमोल उपहार सिद्ध होगा। पर्यावरण की सुरक्षा का उनका यह प्रयास काबिले तारीफ है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को मंत्री श्री देवड़ा ने दी जन्मदिन की शुभकामनाएँ

वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं।

मंत्री श्री देवड़ा ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि आप अपनी आदर्श चौपाई का सूत्र वाक्य 'राम काजु कीन्हें बिनु, मोहि कहाँ विश्राम' पर चलते हुए निरन्तर जनता-जनार्दन की सेवा में लगे रहें। आप स्वस्थ्य और दीघार्यु हों, हम सबकी यही प्रार्थना है। जन्म-दिवस की अनंत शुभकामनाएँ।

मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया नरेला के वार्ड 69 में स्वच्छता अभियान का शुभारंभ

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने गुरूवार को वार्ड 69 के परिहार चौराहे अशोका गार्डन से स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया। इस मौके पर नागरिकों को स्वच्छता संबंधी शपथ भी दिलाई गई। इस अभियान में नगर निगम अमला, नागरिकगण और कार्यकर्ता एक साथ आज चार वार्डों को पूरी तरह से स्वच्छ करेंगे। यह अभियान आज दिन भर चलेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री ने किया माँ सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण

उच्च शिक्षा मंत्री डाँ. मोहन यादव ने अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन में माँ सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण किया। यहां उन्होंने 'अटल संवाद' पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में मुनगा और पीपल का पौधा रोपण भी किया।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, निजी विश्वविद्यालय विनायक आयोग के अध्यक्ष श्री भरत शरण सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज, कुल सचिव श्री यशवंत सिंह पटेल, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता, ग्लोबल यूनीवर्सिटी के कुलपति डॉ एस.के. तिवारी सहित अन्य अधिकारी, प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित थे।

श्री अजीत प्रकाश श्रीवास्तव होंगे भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष

राज्य शासन द्वारा श्री अजीत प्रकाश श्रीवास्तव महानिदेशक आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल को मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। श्री श्रीवास्तव का कार्यकाल 5 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक, इसमें से जो पहले हो, के लिए होगा। उन्हें अध्यक्ष के रूप में पुर्ननियुक्ति की पात्रता नहीं होगी।

21वीं सदी में शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी 5-6 मार्च को : राज्यमंत्री श्री परमार

मुख्यमंत्री श्री चौहान करेंगे शुभारंभ
प्रशासन अकादमी में जुटेंगे देश भर से शिक्षाविद

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की दिशा में '21वीं सदी में शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 5 और 6 मार्च को प्रशासन अकादमी में किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने बताया कि संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में इसका आयोजन किया जा रहा है। शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प विषय पर आयोजित संगोष्ठी में देश भर के प्रख्यात विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, शिक्षाविद शिक्षा क्षेत्र के कार्यकर्ता और नीति-निर्माता भाग लेंगे। समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले मुख्य अतिथि होंगे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष श्री विनीत जोशी इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि होंगे।

 संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार बीज वक्तव्य देंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा प्रास्ताविक होंगे। 

संगोष्ठी के संयोजक श्री शशि रंजन अकेला ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में यह संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। इसमें नीति में शिक्षक-शिक्षा से जुड़े प्रावधानों पर समग्र चर्चा होगी। यह संगोष्ठी नेतृत्व, शासन और शिक्षक-शिक्षा संस्थानों का विनियमन, पाठ्यचर्या की रूपरेखा, शिक्षक-शिक्षा की गुणवत्ता और मानक विषय पर केंद्रित रहेगी। इसके अंतर्गत चार वर्षीय एकीकृत बी.एड. कार्यक्रम और इसके राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अनुभव एवं सबक, शिक्षक-शिक्षा के परिवर्तन में विश्वविद्यालय एवं अन्य उच्च शिक्षा संस्थाओं की भूमिका, शिक्षा संस्थानों में बहुविषय अनुशासन की प्रकृति - अद्यतन एवं संभावनाएं, अकादमिक ढांचा: शिक्षण अभ्यास, विषयों की विशेषज्ञता एवं स्कूल शिक्षा के चरण और अवस्था, शासन और नियामक की शिक्षा के लिए भूमिकाओं का विभाजन, पेशेवर मानक, भारतीय ज्ञान प्रणालियों में अंतर दृष्टि, प्रौद्योगिकी का एकीकरण पर चयनित शोध पत्रों की प्रस्तुति भी होगी। संगोष्ठी में तकनीकी सत्र, पैनल चर्चा, विशेषज्ञों से बातचीत, केस स्टडी एवं बेस्ट प्रैक्टिसेज की प्रस्तुति भी की जाएगी। राष्ट्रीय संगोष्ठी के विमर्श पर एक सकारात्मक और ठोस रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में शिक्षा से जुड़ी सभी नियामक संस्थाओं को भेजा जाएगा।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने दी मुख्यमंत्री को बधाई

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को उनके जन्मदिन पर बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।

खाद्य मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता गौरवान्वित है कि उसे श्री शिवराज सिंह चौहान के रूप में एक कर्मठ, जुझारू एवं पर्यावरण प्रेमी मुख्यमंत्री मिला। कहते हैं एक पौधा एक पुत्र के समान होता है, मुख्यमंत्री इसी कथन को चरितार्थ करते हुए प्रतिदिन एक पौधारोपित कर रहे हैं।

मंत्री श्री सिंह ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को उनके सुदीर्घ, सुखी एवं स्वस्थ समृद्धशाली जीवन की कामना की।

मध्यप्रदेश टीबी मुक्त होगा : डॉ. प्रभुराम चौधरी

प्रदेश में टीबी के मरीजों को खोजकर उपचार किया जाएगा और उनको  पोषण आहार भी दिया जाएगा।  मध्यप्रदेश को  टीबी मुक्त बनाया जायगा।  लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री  डॉ. प्रभुराम चौधरी ने “टीबी हारेगा देश जीतेगा”  जन आंदोलन अभियान का शुभारम्भ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किये। 

स्वास्थ्य मंत्री डॉ  चौधरी ने कहा कि प्रदेश में टीबी के इलाज के लिये आधुनिकतम सुविधाएँ उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि  हमने कोरोना काल में जहां एक और कोरोना की रोकथाम के लिये पूरा ध्यान दिया। वही दूसरी और टीबी जैसी बीमारी के उपचार में भी कोई कमी नही आने दी।  वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के अभियान के तहत मध्यप्रदेश में भी 'टीबी हारेगा देश जीतेगा' जन आंदोलन के रूप में चलाया जायेगा। 

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि   ग्रामीण स्तर तक आशा कार्यकर्ता, ए.एन.एम. एवं स्वास्थ्य विभाग का अमला मैदानी स्तर पर जाकर टीबी के नये मरीजों को खोजेगा, उनका परीक्षण एवं उपचार करेगा।  पोषण आहार के डीबीटी के माध्यम से 500 रुपये प्रतिमाह   मरीज को  दिए जाएंगे 

जिला क्षय अधिकारी  डॉ.मनोज वर्मा  ने अभियान की विस्तार से जानकारी दी। राज्य क्षय अधिकारी डॉ. वर्षा राय, संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. नीरा चौधरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी  डॉ प्रभाकर तिवारी   ने टीवी के उन्मूलन में  मीडिया के योगदान एवं सहयोग का  आव्हान किया। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला, पूर्व संचालक, स्वास्थ्य सेवायें डॉ. बी.एस.ओहरी, विश्व स्वास्थ्य संगठन  के राज्य  सलाहकार भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

स्वच्छता सर्वेक्षण में भोपाल नंबर-1 बनाने नरेला विधानसभा में शुरू हुआ विशेष सफाई अभियान

राजधानी भोपाल को स्वच्छता में नंबर-वन बनाएंगे-मंत्री श्री सारंग

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में भोपाल को नंबर-वन बनाने के लिए नरेला विधानसभा क्षेत्र में विशेष अभियान का शुभारम्भ वार्ड 69 के अशोका गार्डन से किया। इस दौरान मंत्री ने खुद झाड़ू से सड़क किनारे का कचरा हटाया। श्री सारंग ने कहा कि भोपाल, मध्यप्रदेश और भारत को स्वच्छ और स्वस्थ्य बनाने का हमारा लक्ष्य है। इसलिए नरेला विधानसभा के सभी क्षेत्रों में आमजन ने नगर निगम अमले के साथ मिलकर विशेष सफाई अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य भोपाल को स्वच्छता में नंबर-वन बनाना और जनता को स्वच्छता के लिए जागरूक करना है। श्री सारंग ने कहा कि 'स्वच्छ भारत' का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना हमें पूरा करना है और इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

श्री सारंग ने बताया कि नरेला विधानसभा क्षेत्र में आज गुरुवार से शुरू हुआ विशेष अभियान 7 दिनों तक लगातार चलेगा। इसमें आम नागरिक और नगर निगम का अमला साथ मिलकर क्षेत्र में सफाई करेंगे। इस दौरान लोगों को वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ही स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा।

गुरूवार को नरेला क्षेत्र के वार्ड 69, 39, 36 और वार्ड 76 में विशेष सफाई अभियान चलाया गया सभी चारों वार्डों में मंत्री श्री सारंग ने खुद सफाई की। शुक्रवार 5 मार्च को वार्ड 58, 70, 37 और वार्ड 75 में विशेष सफाई अभियान चलाया जायेगा। इन सभी कार्यक्रमों में मंत्री श्री सारंग खुद सफाई करेंगे और नागरिकों को स्वच्छता को लेकर संकल्प भी दिलायेंगे।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री कुशवाह तीन दिवसीय ग्वालियर प्रवास पर

उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह 5 से 7 मार्च तक ग्वालियर प्रवास पर रहेंगे। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ग्वालियर में 5 मार्च को पूर्वान्ह 11 बजे खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में समावेशी विकास के लिये भवन साझेदारी पर हितधारकों की बैठक में शामिल होगे। दोपहर बाद 2 बजे श्री कुशवाह ग्राम फुसावली में 74 लाख लागत की नल जल योजना का भूमि पूजन सहित अन्य विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे।

राज्य मंत्री कुशवाह 6 मार्च को दोपहर पूर्व 11 बजे ग्राम हस्तिनापुर में विकास कार्यो का भूमि पूजन और लोकार्पण करेंगे। दोपहर बाद 2 बजे ग्राम बेहट में 2 करोड़ 34 लाख लागत की नल जल योजना का भूमि पूजन करेंगे और अन्य विकास कार्यो का लोकार्पण करेंगे। राज्य मंत्री श्री कुशवाह 7 मार्च की रात्रि में ग्वालियर से भोपाल के प्रस्थान करेंगे।

21वीं सदी का युवा ही भारत को जगतगुरु बनाएगा : मंत्री सुश्री ठाकुर

पर्यटन संस्कृति और अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि 21वीं सदी का युवा ही भारत को जगतगुरु के रूप में स्थापित कर सकेगा। वैदिक जीवन पद्धति और सात्विक आचरण व्यक्ति के जीवन में आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते है। सुश्री ठाकुर मध्य प्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) में नेहरू युवा केंद्र के युवा प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति मूल स्वभाव से वैदिक जीवन पद्धति की समर्थक रही है। इसे अपनाने से हम प्रकृति के सान्निध्य में रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे।  

मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि इस वर्ष हम आजादी की 75 वीं वर्षगांठ हीरक जयंती मनाएंगे। यह वर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमीर शहीद और बलिदानियों को स्मरण करने का वर्ष है। सुश्री ठाकुर ने सभी युवाओं से अपने जीवन में तीन संकल्प लेने का आह्वान किया। पहले संकल्प के रूप में सभी अपने ड्राइंग रूम में प्रसिद्ध क्रांतिकारी, महापुरुष, वैज्ञानिक, वीर पुरुष की फोटो लगाएं। यह तस्वीर घर में भारतीय संस्कृति और परंपरा के उच्च आदर्शों का वाहक बनेगी। 

दूसरे संकल्प के रूप में सभी युवा अपने जन्म दिवस, माता पिता की वर्षगांठ और अन्य शुभ अवसर पर पौधारोपण करें। पौधारोपण कर बड़ा होने तक उसकी सुरक्षा भी करें। एक पेड़ अपने नीचे 10 हजार लीटर जल संग्रहण करता है और पर्यावरण में 10 डिग्री के तापमान भी कमी लाता है। पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसी से जुड़े हुए तीसरे संकल्प के रूप में जल संग्रहण की दिशा में कार्य करें। जल संग्रहण आने वाली पीढ़ियों को पीने का पानी सहजता से उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है। 

कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र के डिस्टिक कोऑर्डिनेटर डॉ सुरेंद्र शुक्ला ने मंत्री सुशील ठाकुर को स्मृति चिन्ह भेंट किया। सुश्री ठाकुर ने सामाजिक क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले वॉलिंटियर्स को पुरस्कृत भी किया। इस अवसर पर संचालक वाल्मी श्रीमती शर्मिला शुक्ला, राज्य निदेशक श्री आरएन त्यागी और सरपंच सुश्री भक्ति शर्मा सहित नेहरू युवा केंद्र के वॉलिंटियर्स उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को मंत्री श्री सारंग ने दी शुभकामनाएँ

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिन पर उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं।

श्री सारंग ने कहा है कि पहले करनी फिर कथनी के सिद्धांत पर चलने वाले प्रदेश के मुखिया एक ओर जहाँ आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का ताना-बाना बुन रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रतिदिन एक पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण में स्वयं प्रयास कर रहे हैं और सभी को प्रेरित भी कर रहे हैं। ऐसे जन-जन के लाड़ले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को जन्म-दिन की ढेरों मंगल-कामनाएँ।

एनसीएइआर रैंकिंग में लैंड रिकार्डस सर्विस इंडेक्स में मध्यप्रदेश दूसरे साल भी प्रथम

नेशनल काउंसिंल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा दी जाने वाली रैंकिंग में लैंड रिकार्डस सर्विस इंडेक्स के लिए मध्य प्रदेश को देश में इस वर्ष भी प्रथम स्थान मिला है। गुरूवार को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई। यह सम्मान आधुनिक तकनीक का शासकीय कार्यो में उपयोग के लिए दिया जाता है। मुख्यत: भू-अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण एवं भू-अभिलेखों से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता विश्लेषण का आधार होता है। प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश को प्राप्त इस गौरव के लिए संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को बधाई दी है। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि टेक्नॉलॉजी के उपयोग से प्रदेश में राजस्व के कार्यों में तेजी के साथ पारदर्शिता भी बढ़ी है।

एनसीएईआर द्वारा प्रतिवर्ष लैंड रिकॉर्ड सर्विस इंडेक्स सर्वे का क्रियान्वयन करता है। संस्था द्वारा पहला लैंड रिकार्ड सर्विस इंडेक्स वर्ष 2020 में सभी राज्यों का डाटा एकत्र कर उसके विश्लेषण के बाद 27 फरवरी 2020 को प्रकाशित किया गया था, जिसमें मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर रहा था। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष भी प्रदेश को और अधिक अंकों के साथ प्रथम स्थान मिला।

भू-अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण

मध्यप्रदेश के भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा अपनी सेवाओं को नागरिकों तक सुगमता से पहुँचाने के लिए इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं। इन सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर मध्यप्रदेश को यह सम्मान प्राप्त हुआ है। इन सेवाओं के तहत भू-अभिलेख का कम्प्यूटरीकरण कर प्रदेश के समस्त 56 हजार 761 ग्रामों के लगभग एक करोड़ 51 लाख भूमि स्वामियों को लगभग 4 करोड़ खसरा नंबरों का इलेक्ट्रानिक डाटाबेस तैयार कराया जा चुका है। राजस्व विभाग की सेवाओं का एम.पी. ऑनलाइन एवं लोकसेवा केंद्र एवं ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है।

नक्शों का डिजिटाइजेशन

भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा भूमि के नक्शों का डिजिटाइजेशन एवं भू-अभिलेखों की कम्प्यूटरीकृत प्रतियाँ कहीं भी कभी भी ऑनलाइन प्राप्त की जा सकती हैं। इसी प्रकार भूमि बंधक की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर किसानों को आसानी से ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है। नामांतरण एवं बँटवारे की प्रक्रियाओं को सरल कर पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है। इससे आसानी से प्रकरणों का निराकरण एवं उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग की जा सकती है। इस सुविधा पक्षकारों को आदेश प्राप्त करने के लिए न्यायालय आने की आवश्यकता नहीं होगी।

फसल गिरदावरी के लिए प्रभावी 'सारा एप'

भू-अभिलेख के गिरदावरी कार्यों को और अधिक सुगमता एवं पारदर्शिता के साथ करने के लिए प्रदेश भर में 'सारा एप' का उपयोग नागरिकों द्वारा किया जा रहा है। फसल गिरदावरी का कार्य प्रभावी ढंग से करने के लिए प्रदेश में सारा एप का उपयोग विभाग की उपलब्धियों में प्रमुख रूप से सम्मिलित है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ- राज्यमंत्री श्री परमार

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जमीन से जुड़े लोकप्रिय, जन-जन के लाड़ले नेता है, वह आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सम्पूर्ण प्रदेश का नेतृत्व कर रहे है। मंत्री श्री परमार ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के लंबे एवं स्‍वस्‍थ जीवन के लिए कामना की है।

मंत्री सुश्री ठाकुर ने दी मुख्यमंत्री श्री चौहान को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ

पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का ताना-बाना बुनने वाले प्रदेश के यशस्वी, उर्जावान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई दी है। सुश्री ठाकुर ने कहा कि श्री चौहान द्वारा प्रतिदिन एक पेड़ लगाने का संकल्प हम सभी को प्रकृति की रक्षा और संवर्धन के लिये प्रेरित करता है

पर्यटन मंत्री सुश्री ठाकुर और जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने पुस्तक का विमोचन किया

पर्यटन संस्कृति और अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर और जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने डॉक्टर जीवन एस. रजक के काव्य संग्रह 'तुम्हारे न होने से' पुस्तक का विमोचन किया। इप्को पर्यावरण परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इंद्रा पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक प्रेम कविताओं का संग्रहण है। कार्यक्रम में उपस्थित आईएएस श्री ओ पी श्रीवास्तव और रिटायर्ड आईएएस श्री श्रीकांत पांडे ने इस पुस्तक की समीक्षा लिखी है। पुस्तक के विमोचन के दौरान अपर मुख्य सचिव श्री एस एन मिश्रा, इंद्रा पब्लिशिंग हाउस के निदेशक श्री मनीष गुप्ता और लेखक-पुस्तकप्रेमी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 

प्रदेश की पहली रात्रि सफारी वन विहार उद्यान में हुई शुरू

वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने किया शुभारंभ

वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा है कि नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण और वन्य प्राणियों को अब दिन के साथ-साथ अब रात्रि में देखने के लिये 'रात्रि सफारी' की सौगात दी गई। वन मंत्री वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल के विहार वीथिका में प्रदेश की पहली रात्रि सफारी का शुभारंभ कर रहे थे।

वन मंत्री ने कहा कि वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में रात्रि सफारी के शुरू होने से पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि वन विहार में प्रतिवर्ष 6 लाख पर्यटक आते हैं। इससे तकरीबन ढाई करोड़ वार्षिक आमदनी होती है। उन्होंने कहा कि इसके प्रारंभ होने से पर्यटकों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी होगी।

मुख्यमंत्री की कल्पना को एक महीने के भीतर किया साकार

वन मंत्री कुंवर शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 फरवरी 2021 को वन विहार भ्रमण के समय निर्देश दिये थे कि वन विहार को सिंगापुर स्थित राष्ट्रीय पार्क से बेहतर वन विहार का मॉडल बनाया जाना चाहिए। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के अथक प्रयासों का नतीजा है कि एक महीने के पहले ही रात्रि सफारी का शुभारंभ कर मुख्यमंत्री के सपनों को साकार किया।

बैटरी चलित नाव से पर्यटक देख सकेंगे पक्षियों को

वन मंत्री ने कहा कि वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में मौजूद 187 विभिन्न प्रजाति की चिड़ियों को बैटरी चलित नाव में बैठकर पक्षी दर्शन किये जा सकेंगे। उन्होंने इसके लिये बैटरी चलित दो नाव कराने के लिये पाँच-पाँच लाख रूपये देने की घोषणा भी की। वन मंत्री कुंवर शाह ने 'भोज वेटलेण्ड विन्टर बर्ड काउन्ट 2020-21' का विमोचन भी किया।

वन्य प्राणियों के उपचार में हैं अव्वल

वन मंत्री ने कहा कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा और बीमार वन्य जीवों के ईलाज के मामले में हमारा प्रदेश अव्वल है। वन विहार के चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता एवं वन्य प्राणी चिकित्सक दल द्वारा घायल बाघों और वन्य प्राणियों का ईलाज कर उन्हें स्वछंद विचरण कराने में प्रशंसनीय कार्य कर वन विभाग का गौरव बढ़ाया है।

वन मंत्री ने लिया रात्रि सफारी का आनंद

वन मंत्री कुंवर शाह ने रात्रि सफारी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और स्वयं रात्रि सफारी में बैठकर वन विहार का भ्रमण किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राजेश श्रीवास्तव और वन विहार संचालक श्री अजय कुमार यादव मौजूद थे।