दिनांक 01 मार्च, 2021


अंक 708

तामोट में होगा 600 करोड़ का निवेश

2 हजार 500 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान से उद्योगपतियों ने की भेंट

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण की दिशा में पहल करने पर राज्य सरकार उद्योगपतियों की हरसंभव सहायता करेगी। प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण, टेक्सटाईल, सौर ऊर्जा और अधोसंरचना निर्माण में पर्याप्त संभावनाएँ हैं। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रालय में आज उद्योगपतियों से भेंट के दौरान यह बात कही।

सागर ग्रुप टेक्सटाईल और खाद्य प्र-संस्करण में निवेश का इच्छुक

मुख्यमंत्री श्री चौहान से भेंट में सागर ग्रुप के चेयरमेन श्री सुधीर कुमार अग्रवाल ने रायसेन जिले के ग्राम तामोट में 600 करोड़ रूपये की लागत से टेक्सटाईल और खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित करने संबंधी योजना पर चर्चा की। इन इकाइयों से 2 हजार 500 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित होगा।

सोलर सेल का होगा निर्माण

गोल्डी सोलर प्राइवेट लिमिटेड के कैप्टन ईश्वर ढोलकिया ने प्रदेश में सोलर पावर प्लांट लगाने संबंधी प्रस्ताव रखा। उनकी सौर ऊर्जा उत्पादन में लगने वाली सोलर पैनल के लिये सोलर सेल उत्पादन की योजना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आत्म-निर्भर भारत के निर्माण में निरंतर सक्रिय हैं। यह पहल इसमें सहायक होगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से प्रतिभा सिंटेक्स के एम.डी. श्री श्रेयस्कर चौधरी और नेटलिंक के सी.ई.ओ. श्री अनुराग श्रीवास्तव ने भी भेंट की।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री संजय शुक्ला और प्रमुख सचिव राजस्व, लोक सेवा प्रबंधन श्री मनीष रस्तोगी भी उपस्थित थे।

सिंचाई परियोजना में पेमेंट शेड्यूल में शिथिलीकरण का मामला

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ई.ओ.डब्ल्यू जाँच के आदेश दिये

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जल संसाधन विभाग की स्वीकृत सिंचाई परियोजनाओं में निविदा प्रपत्र में प्रावधानित पेमेंट शेड्यूल का शिथिलीकरण कर ड्यू डेट से लगभग तीन वर्ष पूर्व भुगतान किये जाने के मामले की जाँच ई.ओ.डब्ल्यू से कराये जाने के निर्देश दिये हैं।

श्री एस. एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन ने बताया कि विभाग द्वारा अगस्त 2018 से फरवरी 2019 के मध्य 7 सिंचाई परियोजनाओं की टर्नकी आधार पर बाँध एवं प्रेशराईज्ड पाइप नहर प्रणाली के निर्माण के लिए 3,333 करोड़ रूपये की लागत की 7 निविदाएँ स्वीकृत की गई थी। टर्नकी आधार पर स्वीकृति निविदाओं के स्कोप ऑफ़ वर्क में मुख्य रूप से बाँध का निर्माण कर जलाशय से जल उद्वहन कर रूपांकित सैंच्य क्षेत्र में पम्प हाउस, कंट्रोल उपकरणों सहित प्रेशराईज्ड पाइप लाईन बिठाकर निश्चित दाब पर सिंचाई के लिए जल प्रदाय किया जाना है।

मुख्य अभियंता, गंगा कहार, रीवा द्वारा शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया कि गोंड वृहद परियोजना के लिए शासन के आदेश क्र MPG/04/2019-20 दिनांक 27 मई 2019 के द्वारा पेमेंट शेड्यूल में उल्लेखित शर्त को शिथिल कर दिया गया था। जाँच पड़ताल में पाया गया कि ऐसा कोई आदेश शासन स्तर से जारी नहीं किया गया है। इसकी पुष्टि के लिए प्रमुख अभियंता एवं मुख्य अभियंता (प्रोक्योरमेंट) से संबंधित नस्ती एवं आदेश की प्रति प्राप्त की गई। इनके अवलोकन में पाया गया है कि शासन का अनुमोदन प्राप्त किए बिना ही शर्त को विलोपित करने संबंधित आदेश प्रमुख अभियंता ने अपने स्तर से सभी मुख्य अभियंताओं को जारी किया।

प्रकरण में मुख्य सचिव द्वारा भी इस संबंध में अभिमत चाहा गया। जल संसाधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख अभियंता द्वारा निविदा प्रपत्रों के पेमेंट शेड्यूल में उल्लेखित शर्त को विलोपित करने संबंधित आदेश अपने स्तर से 17 मई 2019 को जारी किया गया, जो अधिकारिता विहीन है। संबंधित परियोजनाओं के मुख्य अभियंता सहित अन्य मैदानी अधिकारियों ने भी बाँध कार्य प्रारंभ किये बिना नहरों एवं प्रेशराइज्ड पाइप के कार्य हेतु सामग्रियों पर भुगतान करने की कार्यवाही की है, जो अनियमितता की श्रेणी में आता है।

महिला सशक्तिकरण भी हो फिल्मों की थीम : मुख्यमंत्री श्री चौहान

हॉलीवुड में कार्यरत फिल्म मेकर श्वेता राय मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिली
मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माण के लिए मिलेगा पूरा प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में देश और विदेश के फिल्मकारों को सार्थक फिल्म निर्माण के लिए पूरा सहयोग दिया जाएगा। फीचर फिल्म हो या वृत्तचित्र, इनकी थीम यदि महिला सशक्तिकरण या अन्य समाजोपयोगी विषय हैं तो उसके लिए राज्य सरकार पूरा प्रोत्साहन देगी। ऐसी फिल्मों को टैक्स से छूट संबंधी सुविधा भी प्रदान की जा सकती है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह बात आज उनसे भेंट करने आई मध्यप्रदेश की बेटी और हॉलीवुड में फिल्म निर्माण से जुड़ी निदेशक और लेखिका सुश्री श्वेता राय से चर्चा के दौरान कही। इस अवसर पर सुश्री श्वेता के पिता प्रो. सुरेंद्र कुमार राय, माता श्रीमती अनिता राय और पूर्व मंत्री श्री संजय पाठक उपस्थित थे। सुश्री श्वेता राय कटनी जिले के केमोर की मूल निवासी हैं ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फिल्मों में महिला पात्रों के सशक्तिकरण को प्रमुखता दी जाती रही है। वर्तमान में भी हमारे समाज में महिलाओं ने अपने सक्षम नेतृत्व और कार्य-क्षमता का परिचय देते हुए उपलब्धियाँ हासिल की हैं। हाल ही में कोरोना काल में मध्यप्रदेश में महिलाओं के स्व-सहायता समूहों ने फेस मास्क और सैनिटाइजर निर्माण का कार्य करके बड़ी जनसंख्या को कोरोना के संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। ऐसे विषयों को फीचर और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का आधार बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान को श्री राय ने बताया कि उन्होंने विश्व की 10 प्रमुख महिलाओं को केंद्र में रखकर एक फिल्म का निर्माण किया है, जिसमें भारत की कोविड से बचाव की वैक्सीन में सहयोगी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन और प्रथम पायलट सुश्री स्वाति रावल शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सुश्री श्वेता के इस प्रयास की सराहना की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिवशेखर शुक्ला को प्रदेश में फिल्म निर्माण और फिल्मकारों को आवश्यक सहयोग के लिए अधिकृत कर दायित्व सौंपा गया है। सुश्री श्वेता के फिल्म निर्माण के प्रोजेक्ट के संबंध में भी प्राप्त प्रस्ताव पर आवश्यक कार्यवाही करेंगे।

फिल्मकार सुश्री श्वेता राय का परिचय

मध्यप्रदेश की बेटी श्वेता राय ने भोपाल के शासकीय एक्सीलेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद अमेरिका में मास्टर्स की डिग्री ली। इन्होंने हॉलीवुड के प्रमुख फिल्म निर्माताओं के साथ गत 10 वर्ष में विभिन्न फिल्मों के निर्माण में सहयोग दिया है। सुश्री श्वेता हॉलीवुड के फिल्मकारों को मध्यप्रदेश की प्रमुख लोकेशन पर फिल्म निर्माण के लिए आग्रह कर चुकी हैं। सुश्री श्वेता मध्यप्रदेश की प्रमुख विशेषताओं को भी फिल्म निर्माण के माध्यम से हॉलीवुड तक पहुँचाने की इच्छुक हैं। इनकी बनाई एक फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भी नामांकित किया गया है। सुश्री श्वेता वर्तमान में लास एंजिल्स में निवास कर रही हैं।

'ए पेंडेमिक अवे फ्राम द मदर लेंड्स' इनकी लॉक डाउन अवधि में बनी चर्चित फिल्म है। श्वेता इंडो होली फिल्म्स की संस्थापक और सीईओ हैं।

पशुपालन एवं डेयरी विकास से प्रति वर्ष एक लाख रोजगार सृजित किये जाएँ: मुख्यमंत्री श्री चौहान

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पशुपालन की भूमिका बढ़ाये
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पुशपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्यों को समयवद्ध कार्य-योजना के अनुसार प्राप्त किया जाए। पशुपालन और डेयरी विभाग के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाए। एक वर्ष में एक लाख लोगों को स्व-रोजगार से जोड़ने की कार्य-योजना तैयार कर उसे अमल में लाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में डेयरी व्यवसाय, पशुपालन विकास, उत्पादन में वृद्धि और विविधीकरण की गतिविधियों को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह, एम.डी. मध्यप्रदेश दुग्ध संघ श्री शमीम उद्दीन, अपर मुख्य सचिव पशुपालन एवं डेयरी श्री जे.एन. कंसोटिया मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि मुर्गा-मुर्गी, अण्डे, बकरी और दूध का उत्पादन बढ़ाया जाए। इस कार्य में प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाया जाये। स्व-रोजगार मूलक छोटी-छोटी योजनायें बनायी जाए, जो गरीब परिवारों के लिये आय का जरिया बने और सफलता पूर्वक क्रियान्वित हो। अनेक वर्षों से संचालित हो रही योजनाओं की समीक्षा की जाये तथा अनुपयोगी योजनाओं को बन्द किया जाए। इन योजनाओं के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट राज्य शासन के समक्ष प्रस्तुत की जाए।

कृत्रिम गर्भाधान एवं गोसेवक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ाकर नस्ल सुधार और दूध उत्पादन वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गो-सेवकों को प्रशिक्षित कर और उन्हें आवश्यक उपकरण प्रदान कर अधिक दक्ष बनाया जाए। बैठक में बताया गया कि कृत्रिम गर्भाधान वर्तमान में 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक का लक्ष्य है। वर्ष 2020-21 में 1628 निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है। इस कार्य में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

पशुओं का इलाज

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पशुओं को होने वाली बीमारियों का इलाज अभियान संचालित कर कराये। पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। विलंब से चिकित्सालय आने वाले, अनुपस्थित रहने वाले तथा लापरवाह पशु चिकित्सकों तथा स्टाफ के विरूद्ध कार्रवाई की जाए।

फ्रोजेन सीमेन

फ्रोजेन सीमेन के 26 लाख सीमेन डोजेस का उत्पादन किया गया है। इसे बढ़कार 45 लाख फ्रोजेन सीमेन डोजेस का लक्ष्य हासिल किया जायेगा। 

पशु टीकाकरण

बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण में करीब 253 लाख पशुओं में एफ.एम.डी. टीकाकरण किया गया है। पशुओं की 12 बीमारियों के लिये वैक्सीन बनाने वाली महू स्थित जैविक उत्पाद प्रयोगशाला का उन्नयन एवं नवीनीकरण किया जायेगा।

परियोजनायें

बताया गया कि भोपाल में 12 करोड़ रूपये की प्रोडेक्ट डेयरी परियोजना, इंदौर में 5 करोड़ रूपये लागत की मक्खन भण्डारण के लिये कोल्डस्टोरेज परियोजना और रीवा में 3 करोड़ 50 लाख रूपये लागत के 20 हजार लीटर क्षमता के दुग्ध संयंत्र स्थापना परियोजना को स्वीकृत किया गया है।

गौशालायें

वर्ष 2019-20 में 1004 गोशालायें स्वीकृत की गयी, जिनमें से 963 गौशाओं का निर्माण पूरा हो गया है। वर्ष 2020-21 में 2365 गौशाला निर्माण का लक्ष्य है।

डेयरी टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम

बैठक में निर्णय लिया गया कि नाना जी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अंतर्गत डेयरी टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेगें। प्रथम चरण में दो स्थानों पर यह पाठ्यक्रम प्रारंभ होगा।

विज्ञान केन्द्र

पशुपालन एवं डेयरी गतिविधियों के विस्तार के लिये कृषि विभाग अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों को ही पाठ्यक्रम एवं डेयरी विकास की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी।

पशुपालनों को किसान क्रेडिड कार्ड

पशुपालन अंतर्गत तीन लाख पशुपालकों को किसान क्रेडिड कार्ड प्रदान करने के लक्ष्य के विरूद्ध बैंकों को 4 लाख आवेदन प्रस्तुत किये गये है। वर्तमान में 84 हजार किसान क्रेडिड कार्ड स्वीकृत किये जा चुके है।

बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान की शुरूआत

जिला सिवनी में पायलट आधार पर बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा शुरू की गयी है।

बर्डफ्लू की स्थिति

बैठक में बताया गया कि कौओं, जंगली पक्षियों और मुर्गियों में बर्डफ्लू रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार के दिशा-निर्देश तथा कार्य योजना अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में कार्रवाई की गयी है। अब स्थिति पूर्ण नियंत्रण में है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लगाया पारिजात का पौधा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिदिन पौधा लगाने के संकल्प के क्रम में आज पारिजात हरसिंगार का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मार्ट रोड पर स्मार्ट रोड उद्यान में पौधारोपण किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नागरिकों से अनुरोध किया कि परिवार के शुभ अवसरों, जैसे जन्म, वर्षगांठ आदि पर पौधे लगाएँ। पौधा-रोपण के अवसर पर उज्जैन के सांसद श्री अनिल फिरोजिया भी उपस्थित थे।

हरसिंगार उत्तम औषधि भी

हरसिंगार का पौधा बहुत ही उत्तम औषधि है। हरसिंगार (पारिजात) पाचन तंत्र, पेट के कीड़े की बीमारी, बुखार, लीवर विकार सहित अन्य कई रोगों के उपचार में उपयोगी होता है। इसके पत्ते को उबाल कर बनाया गया काढ़ा पीने से बरसों पुराना घुटनों का दर्द ठीक हो जाता है।

कोविड- 19 टीकाकरण के दूसरे चरण में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने टीका लगवाया

कोविड-19 टीकाकरण के दूसरे चरण के पहले दिन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने जयप्रकाश जिला चिकित्सालय स्थित टीकाकरण केन्द्र पर टीका लगवाया। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने टीकाकरण का पहला डोज लेने का सर्टिफिकेट स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी को सौंपा।

दूसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु और 45 से 59 वर्ष आयु के चिन्हित गंभीर बीमारियों वाले व्यक्तियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान सोमवार एक मार्च से शुरू हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने 60 वर्ष से अधिक आयु समूह में आने पर आम व्यक्तियों की लाइन में लगकर टीकाकरण करवाया। टीकाकरण के बाद ऑब्जर्वेशन कक्ष में पत्रकारों से चर्चा करते हुए डॉ. चौधरी ने कहा कि उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है। टीकाकरण का पहला डोज लेने के बाद उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई।

पचोर नगर की जलावर्धन योजना के लिए भूमि आवंटित

राजगढ़ जिले के पचोर नगर की जलावर्धन योजना के लिए कलेक्टर राजगढ़ द्वारा भूमि आवंटित की गई है। योजना घटकों में जलशुद्धीकरण संयंत्र के लिए 1.50 हेक्टर एवं पानी की दो टंकियों के लिए 900 वर्ग मीटर और 225 वर्गमीटर के शासकीय भूखण्ड नगर परिषद् पचोर को आवंटित किये गये हैं। 

पचोर में एशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता से जल प्रदाय योजना का काम चल रहा है। इस काम को मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी की परियोजना ईकाई भोपाल द्वारा करवाया जा रहा है। 

आवंटित की गई भूमि पर 7.70 एम.एल.डी क्षमता का जल शुद्धि करण संयंत्र एवं 800 किलो लीटर 200 किलो लीटर क्षमता की दो उच्च स्तरीय टंकियों का निर्माण प्रस्तावित है। 

 उल्लेखनीय है कि पचोर जल प्रदाय योजना की कुल लागत लगभग 42 करोड़ रूपये है। इसमें 10 वर्षों का संचालन एवं संधारण भी शामिल है। पचोर जल प्रदाय योजना के दिसंबर 2022 तक पूरा होने की संभावना है।

किसानों के हित में तीन विभाग मिलकर बनाएंगे संयुक्त कार्य-योजना

किसानों की आय को दोगुना करने के लिये किसानों से जुड़े राज्य शासन के तीन विभाग खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति, सहकारिता और किसान कल्याण तथा कृषि कल्याण विकास विभाग रोडमेप के अनुसार एक संयुक्त कार्य-योजना बनाकर काम करेंगे। इस उद्देश्य से खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल एवं सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद भदौरिया ने मंत्रालय में सोमवार को संयुक्त बैठक की।

सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद भदौरिया ने कहा कि किसानों के हित में संयुक्त रूप से कियें गये प्रयासों के समुचित परिणाम सामने आएंगे, जो आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में मील के पत्थर साबित होंगे।

खाद्य मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि गेहँ, चना एवं मसूर की खरीदी के लिये किसानों का ई-पोर्टल पर पंजीयन का काम पूरा हो चुका है। अब उन्हें गेहूँ खरीदी के लिये एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप इस वर्ष भी पंजीकृत किसानों से गेहूँ, चना, मसूर एवं सरसों की रिकार्ड खरीदी की जाएगी।

किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि किसानों की भलाई एवं उनकी उन्नति के लिये कृषि से जुड़े कृषि, सहकारिता एवं खाद्य विभाग की महत्वपूर्ण एवं अहम भूमिका है। किसानों के लाभ के लिये सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि कार्य-योजना बनाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होगा।

कोरोना वैक्सीनेशन संबंधी जानकारी देने के लिए पांच अधिकारी नामांकित

आम जन तक पहुँचाई जाने वाली कोरोना वैक्सीनेशन से संबंधित जानकारी प्रेस और मीडिया के माध्यम से पहुँचाने एवं मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 5 अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है।

संचालक, राज्य स्वास्थ्य सूचना शिक्षा संचार ब्यूरो ने बताया कि मीडिया को कोरोना वैक्सीन से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए डॉ. संतोष शुक्ला अपर संचालक टीकाकरण, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मोबाइल नंबर 9425193964, डॉ. सौरभ पुरोहित उपसंचालक टीकाकरण, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मोबाइल नंबर 9753276544, श्री महेश दुबे पीआरओ जनसंपर्क (स्वास्थ्य विभाग) मोबाइल नंबर 9424445008, श्री दिलीप कुमार माथुर बीईई, आईईसी मोबाइल नंबर 9827044528 और श्री सुरेश कुमार टेकाम बीईई आईईसी ब्यूरो मोबाइल नंबर 7024097685 को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) मीडिया बुलेटिन

सदाबहार हुआ मुरैना गजक का जायका

कुछ वर्ष पूर्व तक सर्दियों की शुरुआत होते ही मुरैना की गजक की याद सताने लगती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसके लजीज स्वाद ने इसको बारहमासी बना दिया। आज मुरैना की गजक की मांग पूरे वर्ष भर रहती है। यह सच है कि सर्दियों में इसकी डिमांड कई गुना बढ़ जाती है, लेकिन गर्मियों में भी इसको खाने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है।

यूं मुरैना में गजक की शुरुआत 18वीं शताब्दी के मध्य पूर्व हुई। संयोग से बनी इस गजक रूपी मिठाई को प्रारंभ में छपरा और डलिया में रखकर गाँव-गाँव बेचा जाता था। धीरे-धीरे इसकी प्रसिद्धि बड़ी और यह हाट बाजार में ठेलों पर बिकने लगी। वर्तमान में पोरसा से लेकर सबलगढ़ तक मुरैना जिले की सभी तहसीलों में गजक प्रमुखता से बनती और बिकती है। जिलेभर में छोटे-बड़े गजक निर्माताओं की संख्या एक सैकड़ा से अधिक हैं, वहीं विक्रय करने वालों की संख्या दुकानदारों और हाथ ठेले वालों को मिलाकर गिनी जाए, तो सैकड़ों में बैठेगी।

गजक के प्रति लोगों का रुझान बढ़ने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण इसका मिलावट रहित होना है। गुड़ और तिल से बनने वाली गजक के अनेक फायदे भी हैं। तिल के प्रयोग के कारण यह गर्म तासीर रखती है और सर्दियों में इसके सेवन से स्वास्थ्य को लाभ होता है। इसमें कई तरह के विटामिन होते हैं। सौंदर्यीकरण में भी यह सहायक है और चेहरे से झुर्रियाँ मिटाने का काम करती है। गजक में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जैसे आंतों को पुष्ट करना, शुष्क त्वचा को तेल के गुण प्रदान कर, रूखेपन से दूर ले जाना। शरीर को पुष्ट करना, रक्त संचार को ठीक करना। मुरैना जिले में घरेलू उद्योग के रूप में लगातार विकसित हो रहे गजक उत्पादन में लगभग 3000 से अधिक लोग रोजगार पा रहे हैं।

मुरैना गजक का स्वाद जिला और प्रदेश सहित देश की सरहद को पार कर विदेश तक पहुँच चुका है, इसलिए देश के हर बड़े शहर में मुरैना गजक के नाम से गजक की दुकानें मिल जाती हैं।

अब शुगर फ्री गजक भी

वर्ष 2019 में मुरैना में तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास और आचार्य आनंद क्लब के सहयोग से आयोजित गजक मीठोत्सव से गजक की आधा सैकड़ा से अधिक वैरायटी डिजाइन बाजार में दिखाई देने लगी है। इसके साथ ही अब शुगर-फ्री गजक भी बाजार में बिकने लगी है। मुरैना गजक को जीआई टैग दिलाने के लिये भी जिला प्रशासन और क्लब द्वारा गंभीर प्रयास किए गए, इससे गजक व्यापारियों में उत्साह का संचार हुआ है।

वंदे-मातरम गायन संपन्न

राष्ट्रगीत 'वंदे-मातरम' एवं राष्ट्रगान 'जन गण मन' का सामूहिक गायन मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में प्रातः 11 बजे संपन्न हुआ। इस अवसर पर पुलिस बैंड ने मधुर धुनें प्रस्तुत की। वंदेमातरम गायन में पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री के.के. सिंह, श्री विनोद कुमार, श्री जे.एन. कंसोटिया, श्री एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, श्री प्रतीक हजेला, श्री सचिन सिन्हा सहित मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल भवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि प्रत्येक माह के प्रथम कार्य दिवस पर राष्ट्र गीत 'वन्दे-मातरम' एवं राष्ट्रगान 'जन गण मन' का आयोजन मंत्रालय के सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में किया जाता है। 

डॉ. अनिल कोठारी महानिदेशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद नियुक्त

राज्य शासन ने सेंटर फॉर यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट, ट्रेनिंग एण्ड कॉर्पोरेट अफेयर्स राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संचालक डॉ. अनिल कोठारी को महानिदेशक, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के पद पर नियुक्त किया है। महानिदेशक के पद पर नियुक्ति के बाद डॉ. कोठारी को विश्वविद्यालय के कुलपति के समान वेतन तथा अन्य भत्ते देय होंगे। उन्हें परिषद के सेवा नियमों के अनुसार वाहन, आवास एवं अन्य सुविधाएँ देय होंगी।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समन्वय समिति गठित

राज्य शासन ने प्रदेश में रेलवे प्रकरणों एवं परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में समन्वय स्थापित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समन्वय समिति का गठन किया है।

अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव परिवहन समिति में सदस्य सचिव होंगे। समन्वय समिति में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव  लोक निर्माण, ऊर्जा, राजस्व एवं वन और महाप्रबंधक वेस्टर्न सेंट्रल रेल्वे जबलपुर को सदस्य बनाया गया है।

समिति की बैठक प्रत्येक त्रैमास में आयोजित की जायेगी।

मुख्य नगरपालिका अधिकारी निलंबित

आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने शासकीय कार्यो में लापरवाही पर नगरपालिका परिषद मैहर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री दिनेश कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा रहेगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग की मौजूदगी में शुरू हुआ वरिष्ठों का वैक्सीनेशन

मंत्री को अपने बीच पाकर अभिभूत हुए वरिष्ठ नागरिक

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को गांधी मेडिकल कॉलेज स्थित कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पहुँचकर आज से शुरू हुए 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के वैक्सीनेशन का जायजा लिया। उन्होंने अपनी देख-रेख में सुबह पहुँचे वरिष्ठ नागरिक डॉ. मोहन टंकवाल, सरदार कुलवंत सिंह, श्रीमती अंगूरी जैन और डॉ. एन.पी. मिश्रा सहित अन्य को वैक्सीन लगवाई।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने व्हील-चेयर पर आये डॉ. एन.पी. मिश्रा को स्वयं ले जाकर उनका वैक्सीनेशन करवाया। इसके पहले उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से चर्चा की और उनका हालचाल जाना। उनकी हौसला अफजाई और मौजूदगी से वरिष्ठ नागरिक अपने आप में अभिभूत थे। सिस्टर नलिनी ने एक-एक कर वरिष्ठ नागरिकों का वैक्सीनेशन किया। इसके पहले सिस्टर ने उनसे सुबह के नाश्ते की जानकारी प्राप्त की। वैक्सीनेशन के बाद वरिष्ठ नागरिकों को 30 मिनट तक आब्जर्वेशन में रखा गया।

इस दौरान संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत, जीएमसी डीन डॉ. अरुणा कुमार और हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. आई.डी. चौरसिया मौजूद थे।

फीस नहीं देने के कारण परीक्षा से नहीं किया जाएगा वंचित: राज्य मंत्री श्री परमार

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि अभिभावकों या छात्रों द्वारा फीस भुगतान न करने अथवा बकाया होने के आधार पर, कक्षा 9वीं से 12वीं की परीक्षा में भाग लेने से किसी भी विद्यार्थी को वंचित नहीं किया जाएगा। बकाया फीस के भुगतान के लिए संबंधित अभिभावक या छात्र से अंडरटेकिंग ली जाकर उन्हें परीक्षा में सम्मिलित किया जाएगा। यह आदेश प्रदेश के समस्त सीबीएसई, आईसीएसई, मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं अन्य बोर्ड से संबद्ध गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों पर समान रूप से लागू होगा।

श्री परमार ने बताया कि निजी विद्यालय प्रबंधन लंबित फीस की किस्त के भुगतान न किए जाने के आधार पर किसी भी विद्यार्थी को ऑनलाइन क्लासेस या विद्यालय में भौतिक रूप से संचालित कक्षाओं में भाग लेने से नहीं रोकेंगे। इसी प्रकार विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम को भी नहीं रोका जा सकेगा। 

मंत्री श्री परमार ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग को पालकों से गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की फीस भुगतान और जबरन फीस वसूली संबंधी अनेक शिकायत  विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही थी। पालकों की सहूलियत और विद्यार्थियों की पढ़ाई अनवरत जारी रखने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिलो के कलेक्टर को निर्देश जारी किए हैं। 

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालय प्रबंधन शैक्षणिक सत्र 2019-20 तथा 2020-21 के लिए नियत की गई फीस अभिभावकों से ले सकेंगे। अभिभावक यह फीस 6 समान किस्तों में जमा कर सकेंगे, जो 5 मार्च 2021 से प्रारंभ होकर 5 अगस्त 2021 को समाप्त होगी। यदि किन्हीं अभिभावकों को फीस के भुगतान में कठिनाई हो रही है तो वे अपना व्यक्तिगत अभ्यावेदन संबंधित विद्यालय को प्रस्तुत कर सकेंगे।  विद्यालय प्रबंधन द्वारा उक्त अभ्यावेदन को सहानुभूति के साथ विचार कर निराकरण किया जाएगा। यह व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2021-22 की फीस संग्रहण व्यवस्था को प्रभावित नहीं करेगी। इस सत्र के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा सूचित एवं नियत की गई फीस को अभिभावकों को समय अनुसार भुगतान करना होगा।

वित्त मंत्री श्री देवड़ा बजट प्रस्तुत करने के साथ एप लाँच करेंगे

वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा मंगलवार को वर्ष 2021-22 का डिजिटल बजट विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही बजट से संबंधित एप की लाँचिंग भी की जायेगी। इस एप के माध्यम से आमजन मध्यप्रदेश के बजट की जानकारी अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकेंगे। एप डाउनलोड करने के लिये दी गई लिंक https://play.google.com/store/apps/details?id=gov.mp.mapit.dairy और https://apps.apple.com/in/app/mp-govt-diary/id1546818997 पर क्लिक करें।

न्यूक्लियर ऊर्जा की जानकारियाँ आम लोगों के बीच पहुँचाने के लिए न्यूक्लियर गैलरी का उद्घाटन

मेपकॉस्ट में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री सखलेचा

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने सोमवार को मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकॉस्ट) परिसर में मिनिएचर न्यूक्लियर गैलरी का उद्घाटन किया।

मंत्री श्री सखलेचा ने ‘ऊर्जा के क्षेत्र में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अन्वेषण की भूमिका-अवसर एवं चुनौतियाँ’ विषय पर वैज्ञानिक परिचर्चा में कहा कि मूल विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान करना एक अंधी सुरंग में हीरे की तलाश करने जैसा है। हमारे देश का प्राचीन विज्ञान का इतिहास गौरवशाली और उपलब्धियों का रहा है। नालन्दा जैसा विश्वविद्यालय दुनिया में कहीं नहीं है। विज्ञान के हर क्षेत्र में यहाँ अनुसंधान हुआ है। परीक्षाओं में अधिक से अधिक नंबर प्राप्त कर लेना विज्ञान नहीं है। विज्ञान जीवन में चुनौतियों से मुकाबला करने और अवसरों को खोजने की राह प्रशस्त करता है।

न्यूक्लियर ऊर्जा को लेकर आम लोगों के बीच अनेक प्रकार की धारणाएँ और भ्रांतियाँ प्रचलित हैं। अधिकांश लोग यही समझते हैं कि न्यूक्लियर ऊर्जा का इस्तेमाल परमाणु बम के निर्माण में किया जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। न्यूक्लियर ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन से लेकर कृषि और कई बीमारियों के इलाज में हो रहा है। न्यूक्लियर ऊर्जा के सकारात्मक और शांतिपूर्ण कार्यों में उपयोग के लिए म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकॉस्ट) परिसर में मिनिएचर न्यूक्लियर गैलरी की स्थापना की गई है। गैलरी की स्थापना न्यूक्लियर पॉवर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सहयोग से की गई है।

मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि इक्कीसवीं सदी सौर ऊर्जा की है। भारत इस क्षेत्र में आत्म-निर्भर होने की ओर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हाइड्रोजन आधारित और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि समाज में व्याप्त अंधविश्वासों को दूर करने में विज्ञान की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि मैंने विभिन्न देशों की यात्राओं के दौरान विज्ञान के बारे में अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया है।

 

विशिष्ट अतिथि एडीशनल चीफ इंजीनियर, एनपीसीआईएल श्री के.एस. शर्मा ने कहा कि विज्ञान परिषद् के परिसर में गैलरी की स्थापना का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को परमाणु विज्ञान और न्यूक्लियर ऊर्जा के विविध क्षेत्रों में उपयोग से परिचित कराना और जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि ज्ञान का विस्तार ही विज्ञान है।

परिषद् के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि वैज्ञानिकों से समाज को बड़ी अपेक्षाएँ हैं। उन्होंने बताया कि परिषद ने नई विज्ञान नीति एसटीआईपी-2020 के मसौदे को तैयार करने में दो राज्यों का नोडल एजेंसी के रूप में प्रतिनिधित्व किया है।

इस अवसर पर विज्ञान लोकव्यापीकरण के समूह प्रमुख डॉ. आर.के. आर्य ने विज्ञान लोकव्यापीकरण गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यकारी संचालक श्री तस्नीम हबीब ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति को लेकर परिषद् द्वारा की गई पहल के बारे में जानकारी दी।

लैंड यूज एवं अरबन सर्वे के क्षमता निर्माण प्रशिक्षण मे मंत्री श्री सखलेचा

मंत्री श्री सखलेचा ने लैंड यूज एवं अरबन सर्वे के क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया। श्री सखलेचा ने कहा कि आज सबसे बड़ी जरूरत अच्छी प्लानिंग है। उन्होंने टेक्नोलॉजी और विकास के समन्वय पर भी जोर दिया। लैंड यूज एवं अरबन सर्वे के समूह प्रमुख डॉ. विवेक कटारे ने पाँच सत्रों में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

बिजली कर्मियों से मारपीट पर होगी एफ.आई.आर

बिजली के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ ड्यूटी के दौरान होने वाली मारपीट/दुर्व्यवहार की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने तुरन्त एफ.आई.आर. कराने के निर्देश दिए हैं।

कंपनी ने कहा है कि प्राय: देखने में आ रहा है कि बिजली कर्मियों पर ड्यूटी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट/दुर्व्यवहार किया जा रहा है। ऐसी घटनाएँ विद्युत अधिकारियों/कर्मचारियों का मनोबल गिराती हैं। इसलिए कंपनी के कार्यक्षेत्र में कार्यरत सभी नियंत्रणकर्ता अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार या मारपीट की घटनाओं को पूरी गंभीरता से लिया जाए।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों से दुर्व्यवहार या मारपीट के मामलों को शासकीय कामकाज में बाधा डालने के तौर पर लिया जाकर तुरन्त कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कंपनी ने कहा है कि चालू रबी सीजन में िबजली आपूर्ति की विषम परिस्थिति में निष्ठापूर्वक काम कर रहे अधिकारियों/कर्मचारियों का मनोबल नीचा करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जा सकती है। कंपनी ने मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों से कहा है कि विद्युत आपूर्ति की स्थिति पर लगातार नजर रखें और जिले के कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर किसी भी अप्रिय स्थिति में उनसे आवश्यक सहयोग प्राप्त करें। इस संबंध में मैदानी महाप्रबंधकों/उपमहाप्रबंधकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र में विगत 5 वर्ष में कंपनी के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट (घातक/अघातक) मामलों में पुलिस थाने में दर्ज/कोर्ट में विचाराधीन मुकदमों की समीक्षा करें।

आयुक्त नि:शक्तजन ने लगवाया टीका

लोगों से भ्रांतियों में न आने की अपील

कोविड-19 टीकाकरण के द्वितीय चरण का शुभारंभ एक मार्च को हुआ। आयुक्त निःशक्तजन मध्यप्रदेश श्री संदीप रजक ने जबलपुर के जिला चिकित्सालय में कोविड टीका लगवाया। आयुक्त श्री रजक को हाइपरटेंसन कोमोरबिटीज है। श्री रजक ने कहा कि नागरिक टीकाकरण के विरूद्ध फैलाई जा रही किसी भी भ्रांति में न आएं और आगे बढ़कर अपनी पारी आने पर अवश्य टीकाकरण करवाएं। इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एस.एस. दाहिया, नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश वर्मा, कंट्रोल रूम प्रभारी विजय पाण्डेय उपस्थित थे।